RE: Hindi Porn Kahani फटफटी फिर से चल पड़ी
चाची ने ठंडी सांस ली, "राम जाने लल्ला......भाभी कह रही थी की संगीत और नाच गाना है......अभी आधे घंटे पहले तो गए ही है.......अभी तो पहुंचे ही नहीं होगे.......12 -1 तो बज ही जाएगी......राम....अँधेरे में 4 घंटे क्या करेंगे......मरी इस गर्मी में तो नींद भी नहीं आएगी.....गाँव होता तो साड़ी खोल कर छत पर जाके लेट जाती.....यहाँ तो.... "
मैंने सोचा चाची आप तो बस साड़ी खोल दो.....बाकि मैं संभाल लूँगा.....ये सोच कर मुझे हंसी आ गयी.....
"क्यों रे......आज बहुत हंसी छुट रही है.......क्या हुआ ?", चाची ने मुस्कुराते हुए पूछा.
मेरी चोरी पकड़ी गयी, "न न नहीं......म म..मैं ....वो......कुछ नहीं चाची....."
अचानक चाची की नज़र मेरी शर्ट के पॉकेट पर पड़ी. "यह क्या लल्ला......तेरी जेब में क्या है.....?"
मैंने नज़र झुका कर देखा. पिया ने जाते जाते मुझे "डेरी मिल्क सिल्क" दी थी. मैंने जेब में रख ली थी.....मोमबती की रोशनी में नीले रंग का रेपर चमक रहा था.
मैंने उसे बाहर निकला, पूरी नरम हो गयी थी......मैं समझ गया की यह तो पिघल गयी......
चाची बोली, "वाह रे लल्ला.....बचपना अभी तक गया नहीं तेरा.......टॉफी चोकलेट लिए घूमता है......राम....कोनसी चोकलेट है"
मैंने कहा, "डेरी मिल्क सिल्क". चाची उछली, "अरे वोही जो चाट चाट कर खाते है........टीवी पर दिखाते हैं न........ला मुझे भी चखा न......."
नेकी और पूछ पूछ........चाची चाटने चाहे तो मैं कैसे मना कर सकता हूँ.
चाची ने रेपर खोला......चोकलेट सच में पिघल चुकी थी.......जैसे ही अन्दर का रेपर खोला........चोकलेट का एक कतरा उसमे से निकल कर निचे गिरने लगा......चाची ने झट अपने मुंह खोला और टप से अपने मुंह में ले लिया......थोड़ी चोकलेट उनके होटों पर भी लग गयी.
एक और कतरा गिरा सीधा उनके सीने पर......जहाँ ब्लाउस शुरू होता है बस उसके १ इंच ऊपर.........चाची ने अपने होटों पर लगी चोकलेट जुबान फेर कर साफ़ की.
अब "डेरी मिल्क सिल्क" तो "डेरी मिल्क सिल्क" है. पिघल तो चुकी ही थी .........जो रेले निकलना शुरू हुए.......चाची चाटे जा रही थी मगर चोकलेट भी टपके ही जा रही थी. दो तिन बार उनकी साड़ी पर गिर गयी...........चाची ने लालच छोड़ा और पास में पड़ी प्लेट में चोकलेट रख दी......
देखने लायक सीन हो गया था, चाची अपने दोनों हाथ फैलाये बैठी थी.....दोनों हाथों में चोकलेट लगी थी.....थोड़ी सी चाची के होटों पर और होटों के किनारे लगी थी और एक बेशरम चोकलेट की बूंद उनके उभारो के सल से 1 इंच ऊपर पड़ी इठला रही थी.
जिस तरह औरते मुंह सिकोड़ कर नीचे देखते हुए अपने ब्लाउस के हुक लगाती है वैसे ही चाची ने निचे देखा. मम्मो के थोडा सा ऊपर पड़ी चोकलेट उन्हें मुंह चिड़ा रही थी.
उन्होंने दोनों हाथ ऊपर उठा कर फैला लिए थे ताकि हाथों से चोकलेट कपड़ो और साड़ी पर न गिर जाये.....मगर इस चक्कर में उनका आंचल पूरा ढल गया था.............
मोमबत्ती की टिमटिमाती रोशनी में ब्लाउस में कसे दोनो मम्मे बाहर आने की जिद कर रहे थे. शायद उनको भी चोकलेट खानी थी. मैं तो बिंदास चाची के मम्मे निहार रहा था. चाची ने इधर उधर करके अपने दोनों हाथो को देखा और फिर अपने सीने पर पड़ी चोकलेट की बूंद को देखा.......
चाची के बदन की गर्मी से वो पिघल कर धीरे धीरे चाची के मम्मो के बिच की गली में जाने लगी थी.......
चाची ने कहा, "हाय राम......ये मरी सिल्क.......ऊई.....लल्ला.......अरे ये चोकलेट साफ़ कर दे.......नहीं तो अभी नहाना ही पड़ेगा......"
कुत्तो के दिन बदलते देर नहीं लगती........
मैं थोडा आगे सरका......चोकलेट पिघल के करीब एक इंच नीचे आ गयी थी.......बस चाची के मम्मो के सल पर अटकी थी......मनो इज़ाज़त का इंतज़ार कर रही हो. मैं तो उपरवाले से प्रार्थना कर रहा था की साली चोकलेट घुस जाये चाची के सलों में. फिर मैं आराम से साफ़ कर दूंगा.......
नंगो के नौ ग्रह बलवान..........चोकलेट को मानो उपरवाले का आदेश हुआ. वो बड़े शान से चाची के मम्मो की घाटी में घुस गयी.
चाची जोर से चिल्लाई..."अरे गयी वो ....लल्ला देखता नहीं मेरे हाथों में चोकलेट लगी है...साफ़ कर न...."
मैं जैसे नींद से जगा, अपने सूखे होटों पर जुबान फेरते हुए मैंने कांपता हुआ अपना हाथ बढाया और जिस तरह तिलक लगाते है वैसे उल्टा किया......
पहले अंगूठा जहाँ बूंद गिरी थी वहां रखा और धीरे से निचे ले गया. चाची बोली, "हें लल्ला....साफ़ कर रहा है की फैला रहा है......"
मैंने चाची की बात अनसुनी कर दी और अपना अंगूठा उनके मम्मो के सल के बिच फसा दिया.....फिर मैंने धीरे से अपना पूरा हाथ उनके गले और मम्मो के बिच रख दिया. मैंने कहा, "चाची......ब ब बहुत स स सारी ....चोकलेट गिरी है......." चाची ने बड़े आराम से कहा, "हाँ रे.....तू तो कर दे साफ़.....
अपनी ट्रेन को खुद रेल मंत्री से ग्रीन सिग्नल दे दिया तो फिर कहा रुकने वाले थे.......अपने हाथ से पहले चाची के गले के निचले हिस्से को सहलाया.....जो की औरतों का वीक स्पोट होता है.......शाहरुख़ खान भी तो काजोल की गर्दन पर ही किस करता है.......चाची की आंखे हलकी सी बंद हो गयी.....मोमबत्ती की लो फड़फडा रही थी और मेरी गांड और बाबुराव के बीच जंग हो रही थी. फटती हुयी गांड कह रही थी कि मत कर....मरेगा......और खड़ा हुआ बाबुराव कह रहा था कि चूतिये निशाना मत चुक.
जैस कि दुनिया जानती है कि चूल...यानि.....ठरक......का कोई इलाज नहीं है.......तो अपनी चूल जीत गयी और अपुन ने चाची के गले को सहलाते सहलाते धीरे से उनके मम्मे पर हाथ रख ही दिया.......
चाची ने एक दम से झटका खाया, मेरी तरफ देख कर बोली, "क्या कर रहा है लल्ला....." . मैंने भी चाची कि आँखों में देखते हुए उनके ब्लाउस में हाथ डाला और उनके मम्मे को सहलाते हुए कहा. "चोकलेट साफ़ कर रहा हूँ चाची.......आप भी बच्चो जैसे चोकलेट खाती हो......" मेरे हाथ फेरने से चोकलेट पूरी तरह से चाची के मम्मे पर लग गयी थी. चाची की ऑंखें धीरे धीरे नशीली हो गयी........वो धीरे से बोली, "ब ब बस लल्ला.......हो गयी साफ़......." मगर उनकी आवाज़ में ताक़त नहीं थी......चाची का सोफ्ट सोफ्ट मम्मा मेरे हाथ में था और मैं चोकलेट से उसकी मालिश कर रहा था.......मेरी हथेली बार बार चाची के निप्पल से रगड़ खाती थी और उनके मुंह से आह निकल जाती थी........मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने चाची की चूची जोर से दबा ली.......चाची की जैसे नींद खुली और वो जोर से बोली, "क्या कर रहा है हरामी.......हाथ बाहर निकाल...."
फटती हुयी गांड ने चिल्ला चिल्ला कर मना किया था की मत कर..........मगर बाबुराव के कहने पर ये सब हुआ......और अब जब चोरी पकड़ा गयी तो बाबुराव चुपचाप सिमट गया और उसने मुंह लटका लिया........
चाची जोर से बोली, " राम....बहुत ही बिगड़ गया है रे छोरे.....कोई शर्म लिहाज है की नहीं ?"
मैंने कहा, "च च च चाची.....आ आ आप ही ने तो क क क कहा था.......स स स साफ करने को........"
चाची ने ऑंखें तरेरी, "साले हरामी......साफ़ करने को कहा था.......तू तो दबाने लगा......पुरे पर चोकलेट लगा दी.....अब नहाना ही पड़ेगा....."
मैं तो कुछ बोलने की हालत में ही नहीं था.......चाची उठी और बाथरूम में गयी......मैं वहीँ उनके बेड पर बैठा रहा......१-२ मिनट बाद पानी की आवाज़ आई और चाची अन्दर से चिल्लाई....."हे राम....कितना अँधेरा है.....कुछ भी नहीं दीखता......मरी ये बिजली भी आज ही जानी थी.......लल्ला.....अरे ओ....लल्ला...."
मैं फिर हकलाया....."ह ह ह हाँ चाची......"
"अरे वो मोमबत्ती तो ला इधर........", चाची अन्दर से बोली.
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