RE: Hindi Porn Kahani फटफटी फिर से चल पड़ी
अचानक फ़ोन उसके खिलखिलाने की आवाज़ से गूंज उठा, वो जोर जोर से हंस रही थी और मुझे समझ ही नहीं आ रहा था की हुआ क्या ????
" अरे बुद्धू......फोन मेरे पास ही रहेगा, बिलकुल दिल से लगा के रख्खा है ....तुम फ्री हो कर फोन कर लेना..........तुम कितना डरते हो भाई से ......", और फिर जोर जोर से हंसने लगी.
साली .......इसको तो मैं रगड़ रगड़ के..........
मैंने बाय बाय करके फोन रखा
"कौन था लल्ला....."
"कोई नहीं चाची......दोस्त है"
"दोस्त या दोस्तनी ?"
"न न न नहीं चाची दोस्त है......."
"अच्छा .......आवाज़ तो लड़की की लग रही थी"
"न न नहीं चाची व् वो उसकी आवाज़ पतली है"
"लल्ला......पतली आवाज़ वाले दोस्तों से यारी करने से अच्छा हैं की लड़कियों से ही कर ले", कहकर वो भी खिलखिलाने लगी.
मैं भी हंसने लगा.....मैंने कहा, "क्या चाची आप भी.........आप को लगता है की मैं वैसे लडको से दोस्ती करूँगा ? "
"नहीं रे लल्ला....क्या पता........ज़माना ख़राब है, वैसे तू ऐसा करने का सोचता भी तो उसको पहले ही मैं तुझे सुधार देती"
मैंने भोला बन के पूछा...."कैसे चाची......."
"वो तो लल्ला अगर ऐसा कुछ होता तो तुझे पता लग ही जाता", चाची ऑंखें नचाती हुयी बोली.
"बताओं ना चाची.....देखो आप और मैं दोनों दोस्त जैसे ही तो है." मैंने जिद की.
"अरे लल्ला....क्या बताऊ तुझे.......औरत त्रिया चरित्र से हर मर्द से मनचाहा काम करा सकती हैं"
"त्रिया चरित्र ???? ये क्या है.....कोई दवाई है क्या ?", मैंने भोला बन के पूछा.......
ऐडा बन के पेड़ा खाने में तो अपन भी उस्ताद है.
"अरे लल्ला......त्रिया चरित्र मतलब........मतलब ........औरत जो अपने रूप और नखरो से किसी से कुछ भी करा लेती है ना.......उसको कहते हैं त्रिया चरित्र", चाची ने समझाया.
फास्ट बोलर के ओवर ख़तम.........स्पिन चालू. अपना बल्ला भी तैयार हो गया.
मैंने फिर कुरेदा, "चाची ......रूप और नखरे से क्या ? मतलब की...क्या करा ले ?
"अरे लल्ला, कुछ भी करवा सकती है औरत.....आदमी को ज़रा सा इशारा करते है उसके दिमाग का सारा खून वहां से, नीचे चला जाता है, औरत की बातों के आगे अच्छे अच्छे हर मान लेते है", चाची ने गुगली मारी.
"अच्छा चाची....अगर मैं ऐसे लडको से दोस्ती कर लेता, जो लडको को ही पसंद करते हैं तो क्या करती आप ?" , मैंने भी पूछ लिया.
चाची ने अपनी टांगो के बीच में खुजाते खुजाते कहा.
"अरे लल्ला......जो भी करती बस तुझे यह समझा देती की लडको के साथ वो बात नहीं जो एक औरत के साथ है",
अब मैंने भी अपनी नज़रे चाची की टांगो के बीच लगा दी. "चाची......अ अ आप ने वो साफ़ किया की नहीं......."
"क्या रे लल्ला.......", चाची ने ऑंखें तरेरी.
"व व व वोही......वो .....बाल......"
चाची ने धीमे से मुस्कुरा कर ऑंखें सिकोड़ कर सर हिला दिया.
हाय रे.....साला इतने में तो अपने पुरे बदन में सन सनन साय साय होने लगी.
"त त त तो च च चाची........फिर आपकी य य यह ख ख ख खुजली.......की दवाई कैसे काम करेगी.......?
चाची ने ठंडी सांस भरी, "अरे तो अब मैं क्या करू......मुझे बहुत डर लगता है.....ऐसे कैसे साफ़ करू......साफ़ करने के चक्कर में ब्लेड से कट लग गया तो....?"
तभी चाची के खेत के चारो तरफ, उजाड़ बंगले के बगीचे जैसे झाड़-झुरमुट उगा हुआ था. चाची ने कभी नीचे के बाल साफ़ किये ही नहीं थे.
"अरे क्या चाची.....आप भी.......रेज़र से थोड़ी साफ़ करते हैं. हेयर रिमूविंग क्रीम आती है, वो लगा लो. १० मिनट में सब साफ़."
"हे भगवान.....क्या क्या चीज़े आने लगी हैं.........बिलकुल साफ़ हो जायेगा ???"
"हाँ चाची......एकदम साफ हो जाता है....और एक दम चिकनी स्किन हो जाएगी..........आपके गाल जैसी"
"चल हट बदमाश........."
मगर उन्होंने हलके से अपने गालो को सहलाया और जायजा लिया की बाल साफ़ होने के बाद उनकी मुनिया कैसी चिकनी लगेगी.
चाची की आँखों में देखकर ऐसा लग रहा था मानो उन्होंने पी रखी हो.
ठंडी सांस ले कर बोली, "ठीक है लल्ला.....कल क्रीम ला देना.....अभी तो बहुत रात हो गयी....."
"च च चाची अ अ आप बोलो तो मेरे पास रखी हैं........वो क्रीम...", मैंने कहा.
"हाय राम......तुझे क्या काम उसका ? ", ऑंखें गोल गोल कर के उन्होंने पूछा.
"च च चाची........म म म मुझे वहां पर बाल पसंद नहीं......साफ़ रखो तो ख ख ख खुजली भी नहीं होती.......इ इ इसलिए"
चाची उठी और बोली, "चल .....दे दे...."
मैं अपने रूम में गया.......बाथरूम में जाके ट्यूब उठाई.....चाची मेरे पीछे पीछे वहां तक आ गयी थी.....मैं पलटा तो एकदम से हम टकरा गए......
मेरा सीना सीधा चाची के बिने ब्रा में कैद मम्मो से जा टकराया.......साली ये ब्रा क्यों नहीं पहनती. मेरा टी शर्त का कपडा भी पतला था. मुझे उनके खड़े हुए निप्पल महसूस हो गए थे. साली ........मस्ती इसको भी चढ़ रही थी.
kramashah.............
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