RE: Indian Sex Story कमसिन शालिनी की सील
उसकी चूत में से एक परिचित विशिष्ट गंध आ रही थी जो मुझे हमेशा अच्छी लगती है. ज्यों ही मैंने उसकी चूत के दाने पर अपनी जीभ फिराई वो उछली, जैसे करेंट लगा हो, उसने मेरे हाथ पकड़े और उठा कर अपने मम्मों पर रख लिये. चूत चाटने की धुन में मैं उसके मम्में जैसे भूल ही बैठा था.
उसके निप्पल को चुटकी में दबाये हुए मैं चूत को चाटता रहा.
‘बस अब नहीं. अब आप अपना लंड निकालो जल्दी से!’ रानी उत्तेजित स्वर में बोली. मैंने अपनी पेंट और शॉर्ट्स तुरंत निकाल फेंके. मेरा लंड मेरे पेट तक जम्प लगा के रानी को जैसे विश करने लगा. अब वो अब अपनी पूरी आन बान और शान से फहरा रहा था रानी बहू रानी की चूत के सामने!
‘वाओ… ग्रेट!’ रानी चहक कर बोली और मेरा लंड थाम लिया अपने हाथ में फिर इसे ऊपर नीचे कर के चार पांच बार मुठियाया और इसे मसल कर दबा कर इसकी कठोरता को परखा और संतुष्ट होकर मेरी तरफ मुस्कुरा के देखा.
रानी के हाथ में जाकर तो लंड और भी अकड़ गया जैसे ख़ुशी से फूला नहीं समा रहा हो!
‘मस्त है… इसे कहते हैं लंड…’ वो बोली और सुपारा चूम लिया. उसके मुंह से लंड शब्द सुनकर दिल बाग़ बाग़ हो गया.
‘चूस लूं इसे एक मिनट?’ उसने मेरी ओर देख के पूछा.
‘एक मिनट क्या… जितनी देर चाहो उतनी देर चूसो. अब तुम इसकी मालकिन हो!’
‘टाइम कम है. एक मिनट ही लूंगी मुंह में… अंकल जी, मुझे लंड चूसने से बहुत आत्म संतुष्टि मिलती है पता नहीं क्यों… आज बहुत दिनों बाद चूस रही हूँ. पहली बार मेरे मामा जी ने लंड चुसवाया था अपना लंड. ब्लू फिल्म में भी मुझे लंड चूसने के सीन बहुत अच्छे लगते हैं. कभी फिर मौका मिला तो सारे अरमान अच्छे से पूरे करूंगी अगली बार!’ वो बोली और लंड को चूसने लगी.
‘जरूर बहू रानी जी. एक बार पालम पुर आना शालिनी के साथ फिर तुम्हारे सारे अरमान रात भर में पूरे कर दूंगा!’
‘आ सकी तो जरूर आऊंगी.’ वो लंड को बाहर निकाल कर बोली और फिर चूसने लगी.
‘बस अंकल, अब चढ़ जाओ मेरे ऊपर और ले लो मेरी चूत जी भर के… देखो कैसी गीली हो कर बह रही है. मैं ज्यादा देर नहीं रुक पाऊँगी, लगता है कि मैं बस झड़ने ही वाली हूँ!’ वासना की अगन में जलती हुई वो कामुक आवाज में बोली.
उसके मुंह से चूत लंड शब्द सुनकर मुझे मज़ा आ रहा था. चुदाई के टाइम मैं भी चाहता हूँ कि मेरे नीचे लेटी चूत वाली लाज संकोच शर्म त्याग के पूरी तरह लंड का मज़ा ले और चूत का मज़ा दे.
मैंने भी देर नहीं की और उसके दोनों पैर अच्छे से फैला लिए और दोनों के बीच में बैठ कर मम्में पकड़ कर उसके होंठ चूसने लगा. रानी भी चुम्बन का जवाब देने लगी साथ में वो अपना एक हाथ नीचे लाई और मेरे लंड को पकड़ कर चूत के छेद पर लगा लिया और अपनी एड़ियों पर उचक कर अपनी कमर उछाली.
लंड ने सट्ट से चूत में गोता लगाया. चूत की संकरी गली में मेरा बड़े आंवले जैसा सुपारा तमाम अवरोधों को दूर हटाता उसकी प्यासी चूत में धंस गया.
रानी के मुंह पर पीड़ा के चिह्न उभरे लेकिन वो दर्द को पी गई पर मुंह से कुछ न बोली.
‘आह राजा… आज पूरे साढ़े आठ महीने बाद लंड मिला है मेरी चूत को!’ वो मुझे चूमते हुए बोली.
‘रानी, मेरी जान, बहुत कसी हुई चूत है तेरी तो. बिल्कुल कुंवारियों की तरह लग रही है.’
‘मेरे राजा, अभी ये चुदी ही कहाँ है ढंग से. आज आप इसके पूरे कस बल निकाल दो, ढीली ढाली कर दो इसे चोद चोद के!’
‘तो ये ले फिर!’ मैं बोला और लंड को जरा सा पीछे ले के फिर धकेल दिया उसकी चूत की गहराई में. मेरी झांटें उसकी चूत से जा मिलीं.
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