RE: Indian Sex Story कमसिन शालिनी की सील
मैंने बरबस ही अपना मुंह वहाँ रख दिया और पेटीकोट के ऊपर से ही चाटने लगा.
धीरे से पूरी चूत मुंह में ले के दांतों से पकड़ कर हिलाने लगा.
रानी कसमसाई और उसने पेटीकोट का नाड़ा खोल कर ढीला किया और अपनी कमर उठा कर पेटीकोट अपने नीचे से निकाल दिया. मैंने भी देर न करते हुए पेटीकोट निकाल के फर्श पर फेंक दिया. रानी का अनावृत, नग्न जिस्म मेरे सामने था.
सांचे में ढला हुआ बदन, गोरा गुलाबी रंग जैसे दूध में केसर घोल दी हो! वासना की अगन में जलती हुई नवयौवना का मादरजात नंगा बेदाग़ जिस्म मुझे जैसे चीख चीख कर पुकार रहा था कि आओ और रौंद डालो मुझे…
उसके दोनों पुष्ट स्तन भी अभिमान से जैसे सिर उठाये मुझे चुनौती देने के अंदाज़ में तने हुए थे. उसकी कमर में दमकती सोने की करधनी जिसकी कई लड़ियाँ उसकी चूत के ऊपर तक आ रहीं थीं, उनके नीचे उसकी चकाचक फक्क गोरी बिना झांटों वाली चूत!
गुलाबी गोरी गदराई जाँघों के बीच वो सुन्दर सी चूत देख कर दिल खुश हो गया, ज्यादातर भारतीय लड़कियों की चूत श्यामलता लिए हुए सांवली सी होती है परन्तु रानी की चूत और उसकी जाँघों की स्किन एक ही रंगत की थी जिसे देख के चित्त प्रसन्न हो गया.
चूत का चीरा, आकार भी सामान्य से बड़ा था जो उसके डील डौल के अनुसार ही मनोरम था. मैंने उसकी ओर मुग्ध भाव से देखा, वो मेरी ही तरफ देख रही थी, मेरी आँखों में प्रशंसा का भाव पढ़ कर वो धीमे से मुस्कुराई.
‘ऐसे क्या देख रहे हो अंकल?’
‘तुम्हारा निश्छल सौन्दर्य निहार रहा हूँ रानी. कितनी प्यारी योनि है तुम्हारी किसी कुंवारी बालिका की तरह मासूम सी!’
‘आपके लिये ही चिकनी की है अंकल जी. और ये योनि व्योनि जैसे वजनदार शब्द मुझे इस टाइम अच्छे नहीं लगते अंकल जी, आज पहली बार मैंने अपनी चूत क्लीन शेव की हैं. पहले जब ये बाल ज्यादा लम्बे हो जाते थे तो इन्हें कैंची से कुतर देती थी. मैंने अपनी सुहागरात को भी चूत चिकनी नहीं की थी क्योंकि मेरी शादी मेरी मर्जी के खिलाफ इस बदसूरत से आदमी से हुई थी. मेरे पापा गरीब हैं न, दहेज़ तो दे नहीं सकते थे… खैर जाने दो इन बातों को!’
रानी के मुंह से चूत शब्द सुनकर मुझे आनन्द आ गया. रानी बिंदास स्वभाव की है ‘ये तो मस्त होकर चुदवायेगी’ मुझे लगा.
‘अंकल जी अब देखने में समय न गंवाओ. मुझे भोगो, चोदो जल्दी से. और कोई समय होता तो मैं शरमाती, लाज की गठरी बन जाती; आपको कहीं भी हाथ न लगाने देती आसानी से लेकिन आज इन सब बातों का समय नहीं है. कितने तरसने के बाद आज ये पल आये हैं मेरे जीवन में!’
‘अंकल जी… समय कम है मैं इस एक घंटे में सारा जीवन जी लेना चाहती हूँ. जो भी मेरे मन में रहता है मुझे बेचैन किये रहता है उसे मैं अभी पा लेना चाहती हूँ, भोग लेना चाहती हूँ… बस जैसे मैं चाहूँ, जैसे कहूँ आप बस वैसे ही चोदना मुझे. मैं शादी शुदा होकर भी कुंवारी जैसी ही हूँ और आपकी शालिनी से भी कम चुदी हूँ. मुझे चूत लंड चुदाई शब्द खूब अच्छे लगते हैं इसलिए आप तो खुल कर खेलो मेरे साथ, मुझे कुछ भी बोलो! मैंने सारे शब्द बिना लाज शर्म के मुंह से निकाल दिये ताकि आपकी झिझक भी ख़त्म हो जाए और हम चुदाई का भरपूर मज़ा ले सकें.’
‘और अंकल जी, मेरी तमन्ना है कि मेरा पुरुष मुझे तरह तरह से चोदे, जैसे मैं चाहूँ वैसे मुझे रगड़ रगड़ कर रगड़े, मेरी प्यासी चूत को फाड़ के रख दे. मेरे ये सपने मेरा नाकारा पति तो पूरे नहीं कर सकता. आपसे उम्मीद है इसलिए आज मैंने सिर्फ आपके लिए अपनी चूत को आज पहली बार क्लीन शेव्ड किया है; यह मेरा उपहार है आपके लिए इसे स्वीकार करो!’ रानी कातर स्वर में बोली और उसकी आँखें नम हो गईं.
उसकी बातें सुनकर मेरा प्यार भी उस पर उमड़ आया और मैंने उसे हृदय से लगा लिया और उसके मस्तक को प्रेम से चूम लिया.
फिर उसके पैर ऊपर उठा के मोड़ दिये. पैर ऊपर मोड़ने से उसकी सोने की पायलें खिसक कर पिंडली में फंस गईं. जैसे ही मैंने रानी की टाँगें ऊपर कीं, उसने भी तुरंत अपनी चूत अपने हाथों से खोल दी.
मैंने प्यार से बहु रानी की चिकनी चूत को चूमा और खुली हुई चूत में जीभ रख दी. जीभ का स्पर्श चूत में पाते ही रानी के मुंह से कामुक कराह निकली- आह, प्यारे अंकल… आज पहली बार किसी मर्द की जीभ ने मेरी चूत को छुआ है. मेरी हमेशा से तमन्ना थी कि कोई पुरुष मेरी चूत भी चाटे!’ वो बोली और उसने अपनी चूत ऊपर उठा दी.
‘क्यों रानी, तेरा पति नहीं चाटता तेरी इस प्यारी चूत को?’
‘उसका तो नाम मत लो मेरे सामने. वो क्या चाटेगा. वो तो अपना लंड भी मुझे चूसने नहीं देता, कहता है गन्दी बात होती है!’ रानी थोड़ा तैश में आके बोली.
‘कमाल का चूतिया आदमी है? ऐसे आदमी को तो गोली मार देनी चाहिए!’ मैंने मन ही मन सोचा लेकिन कहा कुछ नहीं और रानी की चूत चाटता रहा.
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