RE: Indian Sex Story कमसिन शालिनी की सील
मेरे मुंह से चूत शब्द सुनकर उसके चेहरे पर एक क्षण के लिए मुस्कान खिली फिर वो सामान्य हो गई और चुप ही रही.
‘बताओ न गुड़िया, देखो शालिनी, अगर तुम मेरे साथ कोआपरेट नहीं करोगी तो फिर मैं तुम्हारे मुहाँसों के लिए कुछ नहीं कर पाऊंगा.’ मैंने उसकी दुखती नस पर हाथ रखा.
‘क्या बताऊँ अंकल जी?’ वो मरियल सी आवाज में बोली.
‘मैंने पूछा है कि जब तुम अपनी सूसू में उंगली या मोमबत्ती वगैरह घुसा कर अन्दर बाहर करती हो तो चरम स्थिति में पहुँच कर तुम्हारी उस जगह से रस की फुहारें छूटती हैं जैसी उस वीडियो में उस लड़की की सूसू से निकलतीं हैं?’ मैंने थोड़ा जोर देकर पूछा.
‘नहीं अंकल जी. वैसा कुछ नहीं होता. गीलापन तो खूब हो जाता है पर पिचकारी जैसी नहीं धार नहीं निकलती.’ वो धीमे से बोली.
‘हूँ हम्म्म्म…’ मैंने हुंकार भर के कुछ सोचने का नाटक किया जैसे यह बहुत गंभीर स्थिति हो शालिनी के लिए- तभी तो मुहाँसे जा नहीं रहे हैं. देखो गुड़िया रानी. जब तक अन्दर जमा हुआ रस पूरी ताकत से पिचकारी की तरह बाहर नहीं आयेगा तब तक न तुम्हें सम्पूर्ण आनन्द प्राप्त होगा और न तुम्हारा चेहरा निखरेगा!’
मैंने उसे समझाया.
‘तो अब मैं क्या करूं?’ उसने बड़ी आशा से मुझसे पूछा.
‘पहले ये बताओ कि तुम अपनी नीचे वाली में किस चीज से करती हो. उंगली से क्या किसी और वस्तु से?’
‘कभी कभी उंगली से एक दो बार मोमबत्ती घुसा के भी…’ वो बोलकर चुप हो गई.
‘मोमबत्ती कितने अन्दर तक घुसाती हो?’ मैंने बड़ी मासूमियत से पूछा.
जवाब में उसने अपनी बीच वाली उंगली खड़ी करके दिखा दी. मतलब वो अपनी चूत में बीच वाली उंगली से कुछ और ज्यादा गहराई तक मोमबत्ती घुसा के खुद को चोदती है. इसका मतलब उसने अपनी सील खुद ही तोड़ ली है.
‘हम्म्म्म… शुरुआत में एकाध बार थोड़ा खून भी निकला था?’ मैंने पूछा.
‘जी अंकल जी. एक बार निकला था. दर्द भी हुआ था. पर अब नहीं निकलता.’ वो शरमा कर बोली.
यह जानकर मुझे अफ़सोस हुआ कि उसकी चूत की सील तोड़ने का सौभाग्य मेरे लंड की किस्मत में नहीं था यह सोचते हुए मैंने गंभीरता से सोचने का नाटक किया.
देखो गुड़िया बेटा, तुम्हारे बदन के हार्मोन्स कामरस बहुत ज्यादा बनाते हैं और वो तुम्हारी इसमें भरा पड़ा है. जब तक वो जमा हुआ पुराना रस इस अंग से शीघ्रता से स्खलित नहीं होगा तब तक ये मुहाँसे नहीं जायेंगे.’ मैंने उसकी चूत की तरफ इशारा करके कहा.
‘अंकल जी, मैं कोशिश तो करती हूँ लेकिन उस वीडियो की तरह नहीं होता मेरा!’ वो झिझकते हुए बोली.
‘शालिनी बेटा, जैसे उस वीडियो में उस लड़की की चूत से जो रस की फुहारें छूटती हैं वैसा स्खलन या तो सेक्स करने से होता है या फिर कोई आदमी चूत को चाटे तब होता है. सेक्स करने से या चूत को चाटने से चूत में आनन्द की हिलोरें उठती हैं जो जमे हुए पुराने रस में हिलोरें उठतीं हैं और उसमें बाढ़ लाकर उसे तेजी से चूत से बाहर बहा देती हैं,’ मैंने उसे कुटिलता से समझाया.
अब मैं उसके साथ बातें करते हुए बार बार चूत शब्द का इस्तेमाल जानबूझ कर कर रहा था.
‘छीः अंकल जी. विडियो सिनेमा की बातें अलग होती हैं. ये लड़कियाँ अंग्रेजन हेरोइनों की देखादेखी पैसे के लिए कुछ भी कर लेतीं हैं, सचमुच में कोई कैसे उस गन्दी जगह पर अपना मुंह लगा सकता है?’
‘अरे कोई जगह गन्दी होती है तो फिर साफ़ भी तो हो जाती है कि नहीं?’
‘अंकल जी, साफ़ करने से क्या. रहेगी तो वो वही ना?’
‘पगली है तू, अरे कोई जगह हमेशा के लिए गन्दी नहीं होती. देखो शालिनी, टॉयलेट में खुद को साफ़ करते समय तुम्हारे हाथ भी तो गन्दे होते होंगे. लेकिन साफ़ करने के बाद कोई गन्दगी नहीं रहती, उन्ही हाथों से तुम खाना भी बनाती होती, आटा भी गूंथती होगी, पूजा भी करती होगी… है ना? और चूत को अच्छी तरह से साफ़ करके चाटा जाता है. मैं भी तो तुम्हारी आंटी की चूत खूब चाटता हूँ चोदने से पहले!’ मैंने कहा.
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