RE: Indian Sex Story कमसिन शालिनी की सील
इस क्लिप में उस किशोरी की चूत के कितने ही क्लोज अप शॉट्स थे. उसकी चूत पर हल्की हल्की काली काली रेशमी झांटें थीं. उसकी चूत का वो नन्हा सा छेद जिसमें लंड घुसता है और वो छोटी सी भगनासा जिसे वो आदमी किसी कुत्ते की तरह लप लप करके चाट रहा था.
अब आप लोग अंदाजा लगा सकते हो कि यह कितनी उत्तेजक क्लिप थी और इसे देखने के बाद शालिनी की क्या हालत होगी, उसकी चूत से रस की नदिया बहना तो तय था. और उसे हस्तमैथुन तो करना ही पड़ेगा, ये भी पक्का था. हाँ, इस क्लिप में चुदाई नहीं थी सिर्फ उसकी चूत चटाई थी.
और हाँ, इस पोर्न क्लिप के अंत में वो कमसिन किशोरी की चूत बुरी तरह झरने की तरह झड़ती है और उसकी चूत से रस की पिचकारियाँ किसी फव्वारे की तरह निकलने लगतीं हैं. इसके बाद वो पलट के लेट जाती है और वो आदमी भी उस पर छा जाता है और नीचे हाथ घुसा कर उसकी चूचियाँ दबोच लेटा है और उसके गोल गोल मुलायम गोरे गुलाबी नितम्ब चूमने लगता है.
बस यहीं पर वो क्लिप खत्म हो जाती है.
तो दोस्तो, उस दिन शादी की पार्टी से शालिनी के जाने के बाद मेरी थोड़ी थोड़ी फट भी रही थी कि अगर शालिनी ने मेरी शिकायत कर दी और उसने वो क्लिप अपने घर पर या मेरे घर आकर मेरी वाइफ को दिखा दी तो…
उस बात की कल्पना करके ही मुझे पसीने आने लगे थे. हालांकि इस तरह की उम्मीद कम ही थी क्योंकि मैंने शालिनी से प्रॉमिस करवा लिया था कि वो इन बातों का जिक्र किसी से नहीं करेगी लेकिन दिमाग में संशय तो चल ही रहा था.
अब जो भी हो…
घर जाकर उस रात मैंने अपनी बीवी को शालिनी समझ के दो बार बेरहमी से चोदा. अपनी कल्पना में शालिनी को बसा कर उसकी चूचियाँ पकड़ कर उसकी चूत में आड़े तिरछे सीधे गहरे उथले जबरदस्त शॉट्स लगाए और लंड से उसकी चूत में चक्की भी चलाई.
इस दौरान मेरी बीवी न जाने कितनी बार झड़ी, उस रात और मुझसे लिपट लिपट के मुझे चूम चूम के उसने अपना आभार जताया.
अब वो बेचारी भोली भाली क्या जाने कि मेरे मन में क्या क्या चल रहा था और मैं अपनी फंतासी में किसे चोद रहा था.
अगले दिन से अब मुझे शालिनी की प्रतिक्रिया का इंतज़ार था. उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.
दिन पर दिन बीतते चले गये वो मुझे दिखी भी नहीं… हालांकि मेरे पास उसका फोन नंबर था लेकिन मैंने उसे फोन करना ठीक नहीं समझा क्योंकि हो सकता था कि वो मुझसे बहुत नाराज़ रही हो! पता नहीं बात करे या ना करे?
इसी तरह करीब पन्द्रह बीस दिन निकल गये. अब मुझे भी टेंशन होने लगी थी उसके बारे में सोच कर… मैं उसे देखने और उसका रिएक्शन जानने को एक तरह से तड़प रहा था.
मुझसे रहा नहीं गया तो एक दिन मैं उसके कोचिंग जाने के टाइम पर उसके घर के पास रास्ते में एक मोड़ पर खड़ा हो गया. वो अपने समय पर निकली और जैसे ही उसने मुझे देखा उसके चेहरे पर घबराहट के चिन्ह उभरे और उसने झट से अपना सिर झुका लिया और स्पीड से साइकिल चलाती हुई निकल गई. ऐसे मैं तीन चार बार उसके रास्ते में खड़ा हुआ और हर बार वो इसी तरह देख कर भी अनदेखा करके निकल जाती.
मुझे लगने लगा कि उसे वो विडियो क्लिप अच्छी नहीं लगी तभी वो मुझे इग्नोर कर रही है और अब इस तरह उसके सामने आने से कोई फायदा नहीं और उसे भूल जाना ही बेहतर है. अतः मैंने उसका फोन नम्बर डिलीट कर दिया उन सब बातों से अपना ध्यान हटा लिया और मेरी ज़िन्दगी पहले की तरह चलने लगी.
इसी तरह एक डेढ़ महीने से ज्यादा निकल गया.
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