RE: bahan ki chudai बहन की इच्छा
"सुनो, दीदी! जब तक हम एक दूसरे के साथ कम्फर्टेबल है और वैसी रोमाटीक जगह का आनंद ले रहे है तो हम भाई-बहेन है इससे क्या फ़रक पड़ता है? और वैसे भी हम दोनो में भाई-बहेन के नाते से ज़्यादा दोस्ती का नाता है. हम तो बिलकूल दोस्तो जैसे रहते है. है के नही, दीदी?"
"हां रे मेरे भाई. मेरे दोस्त!!"
ऊर्मि दीदी ने खूस होकर कहा
"लेकिन फिर भी मुझे ऐसा लगता है के मेरे पती के साथ ऐसी जगह जाना ही उचीत है."
"तो फिर मुझे नही लगता के तुम कभी खंडाला देख सकोगी, दीदी. क्योंकी जीजू को तो कभी फूरसत ही नही मिलेगी दुकान से
"हां, सागर! ये भी बात सही है तुम्हारी. ठीक है!.. सोचेंगे आगे कभी खंडाला जा'ने के बारे में
"आगे क्या, दीदी! हम अभी जा सकते है खंडाला
"अभी? क्या पागल की तरह बात कर रहे हो
ऊर्मि दीदी ने हैरानी से कहा.
"अभी यानी. परसो हम मुंबई जाते सम'य, दीदी!"
मेने हंस के जवाब दिया.
"मुंबई जाते सम'य
ऊर्मि दीदी सोच में पड गयी,
"ये कैसे संभव है, सागर?"
"क्यों नही, दीदी?"
क्रमशः……………………………
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