RE: Sex Story सातवें आसमान पर
उसने राज को कहा कि अगर उसे डॉली पर भरोसा है तो हमेशा बिना कंडोम के ही सम्भोग करेंगे। उसने यह भी कहा कि जितना सुख उसे आज मिला है उसे १४ साल की शादी में नहीं मिला और वह चाहती है कि यह सुख वह भविष्य में भी लेती रहे। उसने कहा कि शायद वह एक निम्न चरित्र की औरत जैसी लग रही होगी पर ऐसी है नहीं और उसके लिए किसी गैर-मर्द से साथ ऐसा करना पहली बार हुआ है।
राज ने उसे समझाया कि कई बार जल्दबाजी में लिए हुए निर्णय बाद में पछतावे का कारण बन जाते हैं इस लिए अच्छे से सोच लो।
डॉली ने कहा कि कोई भी औरत ऐसे निर्णय बिना सोचे समझे नहीं लेती। वह पूरे होशो-हवास में है और अपने निर्णय पर अडिग है और शर्मिंदा नहीं है।
राज को डॉली के इस निश्चय और आत्मविश्वास पर गर्व हुआ और उसने तेल से सनी हुई डॉली को उठा कर सीने से लगा लिया। इस दौरान राज का लिंग मुरझा गया था। डॉली ने लिंग की तरफ देखते हुए राज को आँखों ही आँखों में आश्वासन दिलाया कि वह उस लिंग में जान डाल देगी। उसने राज को लिटा दिया और उसके ऊपर हाथों और घुटनों के बल आ गई। पहले उसने अपने बालों की लटों से उसके मुरझाये लिंग पर लहरा कर गुदगुदी की और फिर अपने स्तनों से लंड को मसलने लगी। अपनी उभरी हुई चूचियों से उसने लंड को ऊपर से नीचे तक गुलगुली की। राज का बेचारा लिंग इस तरह के लुभाने का आदि नहीं था और जल्दी ही मरे से अधमरा हो गया।
डॉली ने राज के लंड की नींव के चारों तरफ जीभ फिराना शुरू किया और उसकी छड़ चाटने लगी। एक एक करके उसने दोनों अण्डों को मुँह में लेकर चूस लिया। अपनी गीली जीभ को लंड के सुपारे पर घुमाने लगी और फिर उसके अधमरे लंड को पूरा मुँह में लेकर चूसने लगी। इस बार चूसते वक़्त वह लंड को निगलने की कोशिश कर रही थी और हाथों से उसके अण्डों को गुदगुदा रही थी। राज को इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था। उसका लंड एक बार फिर अपनी ज़िम्मेदारी निभाने के लिए तैयार हो गया।
उसके पूरे तरह से तने हुए लंड को डॉली ने एक बार और पुच्ची दी और राज को बिना बताये उसके लंड पर अपनी योनि रखकर बैठ गई। राज का मुश्तंड लंड उसकी गीली चूत में आसानी से घुस गया। डॉली ने अपने कूल्हों को गोल गोल घुमा कर राज के लंड की चक्की चलाई और फिर ऊपर नीचे हो कर मैथुन के मज़े लूटने लगी। राज भी अपनी गांड ऊपर उछाल उछाल कर डॉली के धक्कों का जवाब देने लगा। डॉली के स्तन मस्ती में उछल रहे थे और उसके चेहरे पर एक मादक मुस्कान थी। थोड़ी देर इस तरह करने के बाद राज ने डॉली को अपनी तरफ खींच कर आलिंगनबद्ध कर लिया और उसे पकड़े हुए और बिना लंड बाहर निकाले हुए पलट गया। अब राज ऊपर था डॉली नीचे और चुदाई लगातार चल रही थी। डॉली उसके प्रहारों का जमकर जवाब दे रही थी और अपनी तरफ से राज के लंड को पूरी तरह अन्दर लेने में सहायता कर रही थी। दोनों बहुत मस्त थे। यकायक डॉली के मुँह से आवाजें आने लगीं- .. " ऊऊह आः हाँ हाँ .. और ज़ोर से ... हाँ हाँ .. चलते रहो ... और .. और .... मुझे मार डालो ... मेरे मम्मे नोंचो .... ऊऔउई ..."
राज यह सुन कर और उत्तेजित हो कर ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा। चार पांच छोटे धक्कों के बाद लंड पूरा बाहर निकाल कर पेलने लगा। जब वह ऐसा करता तो डॉली ख़ुशी से चिल्लाती " हाँ ऐसे ... और करो ....और करो .. "
राज का स्खलन आम तौर पर 4-5 मिनटों में हो जाया करता था पर आज चूंकि यह उसका तीसरा वार था और उसे डॉली जैसी लड़की का सुख प्राप्त हो रहा था, उसका लंड मानो चरमोत्कर्ष तक पहुंचना ही नहीं चाहता था। यह जान कर राज को अपने मर्दानगी पर नया गर्व हो रहा था और वह दुगने जोश से चोद रहा था।
उसने डॉली को अपने हाथों और घुटनों पर हो जाने को कहा और फिर पीछे से उसकी चूत में प्रवेश करके चोदने लगा। उसके हाथ डॉली के मम्मों को गूंथ रहे थे। अब हर बार उसका लंड पूरा बाहर आता और फिर एक ही झटके में पूरा अन्दर चला जाता। राज ने एक ऊँगली डॉली की योनि-मटर के आस पास घुमानी शुरू की तो डॉली एक गेंद की तरह ऊपर नीचे फुदकने लगी। उस से इतना सारा मज़ा नहीं सहा जा रहा था।
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