RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
सुनील एक बड़ा खतरा उठाने के बारे में सोच रहा था। ये पागलपन था और ये उसे भी पता था, पर वो कुछ रोमांचक करने के मूड में था। उसने अपना गोल्फ का खेल खत्म ही किया था और उसका ग्राहक मित्र राकेश उसे घर छोड़ने जा रहा था। उसने अगली सीट पर बैठे हुए अपने शरीर को मोड़ा, जब उसने अपने लण्ड को खड़ा होते हुए महसूस किया। उसका लण्ड मनीषा को चोदने के ख्याल से सख्त हो रहा था। उस सुंदर चुदक्कड़ औरत को चोदने के बारे में सोचने के कारण आज उसका खेल बहुत बेकार रहा था।
राकेश की गाड़ी से उतरकर सीधा मनीषा के घर में घुसने में खतरा था और कोमल घर पर थी तो ये खतरा और भी बढ़ जाता था। वो अपने खेल का सामान मनीषा के घर ले जायेगा और वहाँ से अपने घर चला जायेगा और ऐसे दिखायेगा जैसे वो खेल कर लौटा है। सुनील ने ये सोचते हुए अपने दुखते हुए लण्ड को एडजस्ट किया और मनीषा की रसीली चूत में डालने का इंतज़ार करने लगा।
उधर कोमल, मनीषा और सजल ड्राईंग रूम में बैठकर बातें कर रहे थे। अब उनमें किसी तरह का मलाल नहीं था। हँसना और मज़ाक करना भी अब आसान था, चूंकि पिछले कुछ घंटों में वो काफी करीब आ चुके थे। तीनों नंगे ही बैठे थे।
“तुम दोनों रुक कर मेरे साथ खाना खाकर क्यों नहीं जाते। मेरे पास एक मोटा मुर्गा है जो मैं अकेले तो बिल्कुल नहीं खा पाऊँगी…” मनीषा बोली।
कोमल- “धन्यवाद… आज इतना कुछ होने के बाद मैं अब घर जाकर खाना बनाने के मूड में भी नहीं हूँ…”
“सुनील का क्या होगा… क्या हम उसे भी खाने के लिये आमंन्त्रित कर लें…” मनीषा ने एक नटखट मुश्कुराहट के साथ पूछा।
कोमल बोली- “मुझे ये समझ में नहीं आ रहा कि मैं सुनील को ये बदला हुआ माहौल कैसे समझा पाऊँगी… मेरी तो हँसी ही निकल जायेगी…”
“तुम क्या सोचती हो कोमल… क्या ये समझदारी होगी कि हम उसे बता दें कि तुम सजल से चुदवाती हो…” मनीषा ने पूछा- “उसके लिये शायद ये स्वीकार करना मुश्किल हो कि उसकी बीवी अपने ही बेटे से चुदवाती है…”
कोमल ने अपने एक मम्मे को खुजलाते हुए कहा- “इतना जो इन कुछ दिनों में हुआ है, उसे देखकर लगता है कि मैं सब कुछ संभाल सकती हूँ, चाहे वो एक बेहद नाराज़ पति क्यों न हो… और फिर उसके पास भी तुम्हें चोदने के बाद ज्यादा बात करने का मुँह नहीं है…”
“हाँ… पर मेरा क्या होगा, मम्मी…” सजल के चेहरे पर गहरी चिंता के भाव थे।
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