RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
जब कोमल ने अपनी गाड़ी घर के सामने खड़ी की तो उसे यह देखकर अचरज हुआ कि सजल मनीषा के घर से निकल रहा था।
“सजल… तुम उस औरत के घर में क्या कर रहे थे…” कोमल ने गुस्से से पूछा।
“उनसे एक बोतल नहीं खुल रही थी इसीलिये मुझे बुलाया था…” सजल ने हकलाते हुए जवाब दिया।
एक बार तो कोमल ने इस जवाब को स्वीकार कर लिया- “आगे से मैं तुम्हें उस कुतिया के पास नहीं देखना चाहूंगी। उसे अपने लिये ऐसा मर्द ढूँढ़ लेना चाहिये जो उसकी बोतल को खोल सके। यह हमारी गलती नहीं है कि उसका पति उसे छोड़कर भाग गया है…”
“अरे मम्मी, वो कोई बुरी औरत नहीं है…” सजल ने अपने द्वारा चुदी औरत का पक्ष लेते हुए कहा।
इससे तो कोमल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया- “अब मुझसे यह मत कहना कि तुम उस कुतिया को पसंद करने लगे हो। तुम उसके हाथों बेवकूफ मत बनना। मुझे उसपर रत्ती भर का विश्वास नहीं है और मैं हम में से किसी को भी उसके नज़दीक नहीं जाने दूँगी…”
घर के अंदर जाते हुए सजल अपना पूरा बचाव कर रहा था- “आखिर तुम्हें मनीषा आंटी में क्या बुराई नज़र आती है… मुझे तो वो एक ठीक औरत लगी…”
इसका जवाब देने के लिये कोमल बगलें झाँकने लगी। उसके जवाब से सजल को इतना तो समझ में आ गया कि यह नारी-सुलभ-ईर्ष्या का ही नतीज़ा है। सजल के मुँह से निकल गया- “तुम सिर्फ़ जलती हो, मम्मी…”
कोमल के सनसनाते हुए चांटे ने सजल के होश गंवा दिये। पर कोमल को अपनी गलती का तुरंत ही एहसास हो गया। कोमल ने सजल को अपनी बाहों में लेकर प्यार करना चाहा। पर सजल ने उसे अलग कर दिया। न केवल सजल अपनी मम्मी से इस झापड़ के लिये नाराज़ था बल्कि वह इस बात से भी अनभिज्ञ नहीं था कि उसके जिश्म से मनीषा की चुदाई की खुशबू आ रही थी।
“छोड़ो मम्मी, मैं नहाने जा रहा हूँ…”
“सजल…” कोमल ने आवाज़ दी पर सजल उसे पीछे छोड़कर निकल गया। पर कोमल को इस बात से भी तकलीफ थी कि उसका परिवार जो मनीषा से अभी तक दूरी रखे था अचानक क्यों उसका खैरगार हो गया था। जब इसका सम्भावित उत्तर कोमल के जेहन में आया तो उसे पहले तो विश्वास ही नहीं हुआ। क्या वह मनीषा को भी चोद रहा था, जबकि उसे घर पर ही चूत उपलब्ध थी…
“वो कुतिया…” कोमल ने फुँफकार मारी। उसे विश्वास हो गया कि सजल ने मनीषा को चोद दिया था। अपनी मम्मी को चोदने से उसे अपने से बड़ी औरत का चस्का लग गया था।
मनीषा ने इसी का फायदा उठाया होगा।
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