RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
सजल ने अपनी पडोसन की मधुरिम काया पर एक भरपूर नज़र दौड़ाते हुए पूछा- “क्या आप सही कह रही हैं…”
“और नहीं तो क्या… आओ अंदर…” मनीषा ने सजल को अंदर खींच लिया और दरवाज़ा बंद कर दिया। फिर बोलि “तुम काफी बड़े हो गये हो, सजल… देखो तो क्या मसल निकल आई हैं। अब तुम वह छोटे बच्चे नहीं रहे जो मेरे घर के सामने साइकल चलाया करते थे…”
सजल के चेहरे पर लाली छा गई- “हाँ अब मैं छोटा बच्चा नहीं रहा आंटी…”
मनीषा ने खिलखिलाते हुए फ्रिज़ से दो पेप्सी निकाली और एक ग्लास में डालकर सजल को दी और अपने लिए दूसरे ग्लास में लेकर उसमें थोड़ी व्हिस्की मिला ली, बोली- “एक दो साल में तुम अपने पापा के जितने हो जाओगे… तुम उनके जैसे आकर्षक तो हो ही गए हो…”
सजल फिर से शर्मा गया। उसकी आंखें मनीषा के जिश्म पर से अब हट नहीं रही थीं। अपनी मम्मी को चोदने के बाद उसे बड़ी उम्र की औरत की सुंदरता का अहसास हो गया था। और उसकी ये आंटी सुंदरता में उसकी मम्मी से कहीं भी उन्नीस नहीं थी।
मनीषा- “आओ सोफे पर आराम से बैठते हैं। तुम्हें कहीं जाना तो नहीं है न…”
जब सजल उसके पास आकर बैठ गया तो मनीषा ने उसे वहीं अपने पति के मनचाहे कमरे में चोदने का निश्चय कर लिया।
“तो मुझे बताओ, आजकल तुम क्या कर रहे हो…” मनीषा ने अपने व्हिस्की मिले पेप्सी का घूँट लेते हुए पूछा।
“कुछ ज्यादा नहीं…” सजल ने कंधे उचकाकर कहा। उसका लण्ड खड़ा हो रहा था और वह उसे छिपाने का रास्ता ढूढ़ रहा था- “वही कालेज की कहानी…”
“तुम अगले साल कहाँ पढ़ने जा रहे हो…” मनीषा ने बात बढ़ाने के लिये पूछा।
“अगले साल से तो मैं यही रहकर पढ़ूँगा। मम्मी को मेरा वह कालेज पसंद नहीं है…”
“मुझे खुशी है कि तुम अपने घर में रहोगे। इससे हमें एक दूसरे को बेहतर जानने का मौका मिलेगा…” मनीषा ने अपने हाथ से सजल की जांघ को सहलाते हुए कहा।
मनीषा इस नौजवान को जल्द से जल्द राह पर लाने का तरीका सोच रही थी। उसे इसका कोई अभ्यास नहीं था। उसे तो चट-पटाओ, बिस्तर पर जाओ, चोदो और निकल जाओ का तरीका ही आता था। उसने कुछ देर और ऐसी ही बेमानी बातों का सिलसिला ज़ारी रखा। पर कुछ ही देर में उसका धैर्य जवाब दे गया, और उसने अपनी चाल चलने का फैसला किया। उसने बातें करते-करते सजल के होठों का एक लम्बा चुम्बन ले डाला। उसकी जीभ सजल के मुँह में घुस गई। जब सजल ने कोई प्रतिरोध नहीं किया तो मनीषा ने अपनी बाहें उसके गिर्द करीं और उसे लेकर वह सोफे पर ढह गई।
“तुम बड़े सजीले लड़के हो, सजल…” उसने अपने जिश्म को सजल के जिश्म से रगड़ते हुए कहा- “मेरे पुट्ठों को पकड़ो और दबाओ…”
सजल को अपनी मम्मी की चुदाई करने से यह तो पता चल गया था कि इस उम्र की औरतें क्या चाहती हैं। उसने फ़ौरन मनीषा की इच्छा पूरी की।
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