RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
प्रमोद ने सजल की ओर देखा। सजल ने हामी में अपना सिर हिलाया कि वह सही समझ रहा था।
“तुम सही सोच रहे हो प्रमोद… मैं सजल को चोदने की ट्रेनिंग दे रही हूँ। क्या तुम नहीं चाहोगे कि मैं तुम्हें भी यह शिक्षा दूँ। मैं जानती हूँ कि तुम मुझे चोदना चाहते हो क्योंकी तुम जिस तरह से मेरे शरीर को देख रहे थे उसका कोई और मतलब हो ही नहीं सकता…”
कोमल ने बीयर की बोतल प्रमोद के हाथों से ली और उसका ठंडा हाथ अपने नंगे पेट पर रख दिया। फिर आहिस्ता से उन्हें अपनी चूचियों पर लगा लिया।
“देखो ये कितने बड़े और गर्म हैं। हाय, तुम्हारे हाथ कितने ठंडे हैं। पर चिंता मत करो थोड़ी ही देर में ये भी गर्मा जायेंगे…” कोमल ने अपनी चूचियों को उसके हाथों से दबाते हुए कहा।
प्रमोद तो जैसे सपना देख रहा था। किसी औरत के मम्मों को वह सचमुच में दबा रहा था यह उसे अभी तक विश्वास नहीं था। उसे परसों की रात याद आई जब उसने कोमल के नंगे शरीर के बारे में सोचते हुए मुठ मारी थी। उसने कितने अच्छे से बाथरूम साफ़ किया था उसके बाद - यह सोचकर कि कहीं उसके वीर्य के अवशेष कोमल को न मिल जायें। और अब वह उसी औरत की छातियों में अपना हाथ डाले हुए बैठा था।
“अपने हाथ मत हटाना…” उसने प्रमोद से कहा- “सजल, मेरा टाप तो उतार ज़रा बेटा। प्रमोद को भी तो अपने मम्मों की छटा दिखाऊँ…”
सजल ने अपनी मम्मी की आज्ञा मानी और कोमल के दोनों स्तन अपनी पूरी बहार में खिल उठे।
“अब तुम दोनों एक-एक बांट लो। सजल एक तुम दबाओ और प्रमोद एक तुम…” कोमल ने एक अच्छे शिक्षक की तरह समझाया- “दबाओ मेरे बच्चों… आह्ह…”
जब दोनों लड़के उसके मम्मों के साथ खिलवाड़ कर रहे थे, कोमल ने प्रमोद की शर्ट उतार डाली, बोली- “तुम्हारी छाती तो बड़ी चिकनी है…” फ़िर उसके हाथ प्रमोद की पैंट की ओर बढ़े। उसने धीरे से उसकी बेल्ट खोली और फ़िर पैंट।
“देखूं तुम मुझसे क्या छिपा रहे थे…” कहकर उसने प्रमोद की पैंट उतार दी और दूसरे ही क्षण इससे पहले कि प्रमोद कुछ समझ पाता उसकी चड्ढी भी जमीन चाट गई।
“अच्छा है, प्यारा और सख्त…” कोमल ने खुशी का इज़हार किया। वह सजल की तरह बड़ा नहीं था पर फिर भी काफी सख्त और मज़बूत था। उसे अपनी मुट्ठी में लेकर सहलाते हुए कोमल बोली- “और गर्म भी…”
“ऊँहह…” कहते हुए प्रमोद ने अपनी पकड़ कोमल की चूची पर और तेज़ कर दी। उसने एक नज़र अपने हाथ में मौज़ूद चूची पर डाली और तय कर लिया कि उसे आगे क्या करना है।
“तुम इसे चूस सकते हो… प्रमोद, चूसो और इसका स्वाद लो… तुम भी सजल…”
प्रमोद के होंठ खुले और कोमल की चूची के काले निप्पल पर सध गये। उसने धीरे से चूसना चालू किया। फिर थोड़ा जोर से और जब देखा कि कोमल को इससे आनंद मिल रहा है तो और तेज़ी दिखाई। उधर सजल ने भी यही कायर्क्रम शुरू किया हुआ था। कोमल तो जैसे स्वर्ग की ओर जा रही थी। कोमल दो-ढाई बोतल बीयर पी चुकी थी और उसपर शुरूर छाया हुआ था।
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