RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
वह सजल के साथ तीन दिन से आया हुआ था और कोमल की उसे चोदने की इच्छा हर रोज़ तीव्र होती जा रही थी। वैसे भी वो बहुत चुदासी थी। इस पूरे हफ्ते में वह सजल को सिर्फ़ एक ही बार चोद पाई थी। पता नहीं क्यों सुनील भी पिछले कुछ दिनों से चोदने के मूड में नहीं था। वह हर बार थकने का कारण बताकर उसे नहीं चोद रहा था। उसके दिमाग में एक बार तो यह ख्याल आया कि कहीं वह इधर-उधर मुँह तो नहीं मार रहा था, पर फिर उसने इस विचार को दरकिनार कर दिया। अभी तो उसका ध्यान इस बात पर ज्यादा था कि प्रमोद को कैसे अपने काबू में किया जाये।
उसने सजल से पहले पूछा था कि- “क्या उसने प्रमोद को बताया है कि वो अपनी मम्मी को चोदता है…
सजल ने जवाब दिया था- “अगर मैं कहूंगा तो वो मुझे पागल समझेगा…”
“क्या तुम्हें अपनी मम्मी को चोदने में शर्म आती है…” उसने कुछ दुख से पूछा।
“नहीं, मुझे शर्म नहीं आती पर अधिकतर लोग हमारी बात को नहीं समझेंगे…” सजल ने कहा।
“क्या तुम समझते हो कि प्रमोद मुझे चोदना चाहेगा…”
“क्या तुम प्रमोद को चोदना चाहती हो…”
“तुम्हें ईर्ष्या तो नहीं होगी न…”
“पता नहीं, मैनें कभी इस बारे में सोचा ही नहीं कि मुझे और पापा के अलावा भी कोई तुम्हारे साथ सम्पर्क रखे। पर मेरी जान-पहचान के लड़के के साथ… ये कुछ ज्यादा है… लगता है तुम्हें जवान लड़कों का शौक है…”
“यह तो मैं नहीं कह पाऊँगी, पर हाँ मुझे चुदवाने का बेहद शौक है, यह बात पक्की है…”
“अगर प्रमोद तुम्हें न चोदना चाहेगा तो…”
“पहले यह बात पता तो लगे… मैं यह जानना चाहती हूँ, पर मैं तुम्हारी भावनाएं समझना चाहती थी…”
“क्या तुम हम दोनों को एक साथ चोदना चाहोगी…” सजल के प्रश्न ने कोमल को भौंचक्का कर दिया।
“मुझे डर था कि तुम शायद इसके लिये तैयार न हो…” कोमल के जिश्म में यह सोचकर कर सनसनी फैल गई कि अगर ऐसा हुआ तो कैसा लगेगा।
सजल ने कंधे उचका कर कहा- “अगर कोई अपनी मम्मी को चोद सकता है तो वो कुछ भी कर सकता है…”
“तो फिर देखते हैं कि यह प्रोग्राम चलता है या नहीं। मुझे खुशी है कि तुम मेरे साथ हो। अब मैं प्रमोद से सही समय पर बात करूंगी…”
अब जबकि कोमल उन दोनों लड़कों की वापसी की राह देख रही थी, उसे विश्वास हो चला था कि प्रमोद को अपने दिल की बात कहने का समय आ गया था। उसने अपने कमरे में जाकर भड़काऊ कपड़े पहने जिससे कि उसका जिश्म छिप कम और दिख अधिक रहा था। आवश्यकता के अनुरूप उसने न चड्ढी पहनी थी न ही ब्रा। साथ ही उसने अपने गोरे पैरों में चमचमाते पट्टों वाले ऊँची एंड़ी के सैंडल भी पहन लिए क्योंकी एक तो उसकी चाल सेक्सी हो जाती थी और दूसरे उसका अनुभव था कि ज्यादातर मर्द ऊँची एंड़ी के सैंडल पहनी औरत की तरफ जल्दी आकर्षित होते हैं। इस रूप में उसे देखकर, अगर प्रमोद उसे चोदेगा नहीं तो कम से कम वह पागल तो ज़रूर हो जायेगा। इतने में ही उसने गाड़ी के वापस आने की आवाज़ सुनी और वो रसोई में सामान रखने के लिये चली गई।
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