Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
03-15-2019, 03:12 PM,
#21
RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
कोमल भी उसके लण्ड का शोरबा पीने के लिये इतनी उतावली थी कि इतनी आसानी से उस मोटे लण्ड को अपने मुँह से बाहर छूटने नहीं दे सकती थी। उसने अपने होंठ उस फैलते हुए लण्ड पर कस लिये और जोर से चूसते हुए अपने मुँह में बाढ़ की तरह प्रवाहित होते हुए स्वादिष्ट वीर्य को निगलने लगी।

कर्नल सोफ़े पर अपनी बगल में गिर गया पर कोमल ने उसका लण्ड अपने होंठों से छोड़ा नहीं।

उसके स्वादिष्ट वीर्य को अपने हलक में नीचे गटकते हुए कोमल और अधिक वीर्य छुड़ाने के प्रयास में कर्नल के टट्टों को भींचने लगी। “मुझे और दो कर्नल… रुको नहीं… मुझे और वीर्य चाहिये…” कोमल उसके लण्ड को सुपाड़े तक ऊपर चूसते हुए बोली और वीर्य की आखिरी बूँदें चूसती हुई ‘चप-चप’ की तृष्णा भरी आवजें निकलने लगी। कर्नल को आखिर में उस प्रचंड औरत को अपने लण्ड से परे ढकेलना पड़ा।

“झड़ने के बाद मेरा लण्ड काफी नाज़ुक हो जाता है कोमल जी…” वो बोला।

“नहीं… ऐसे नहीं चलेगा…” कोमल फुफकारी क्योंकी उसकी भीगी चूत की प्यास तृप्ति की माँग कर रही थी- “ये लण्ड मेरी चूत को चोदने के लिये जल्दी ही तैयार हो जाना चाहिये। पर तब तक तुम अपनी बड़ी अंगुलियां मेरी चूत में घुसेड़ो…” कोमल ने कर्नल को सोफ़े पर एक तरफ खिसकाया ताकि वो खुद कर्नल की बगल में लेट सके। कोमल ने कर्नल का हाथ पकड़कर अपनी जलती हुई चूत पर रख दिया, और बोली- “डालो अपनी अंगुलियां मेरी चूत में… कर्नल…” कोमल पर व्हिस्की का नशा अब तक और भी चढ़ गया था और वोह वासना और नशे में लगभग चूर थी।

कर्नल मान की मोटी अंगुली जब कोमल की दहकती चूत को चीरती हुई अंदर घुसी तो कोमल को वो अंगुली किसी छोटे लण्ड की तरह महसूस हुई। कोमल ने उस अंगुली को अपनी चूत में चोदते हुए कर्नल का हाथ थाम लिया कि कहीं वो अपनी अंगुली बाहर न निकाल ले, और बोली- “और अंदर तक घुसेड़कर चोद मेरी चूत चूतिये…” जब इतने से कोमल को करार नहीं मिला तो वो अपने हाथ से भी अपनी क्लिट से खेलने लगी। कर्नल की अंगुली और अपने हाथ की दोहरी हरकत से जल्दी ही विस्फोट के कगार पर पहुँच गयी।

“ओह कर्नल… हरामी साले…” कोमल सिसकी जब उसकी चूत झटके खाने लगी। “मैं तेरे लण्ड के लिये रुकना चाहती थी… पर अब मैं खुद को झड़ने से नहीं रोक सकती। कस के ठूंस अपनी अंगुली मेरी चूत के अंदर… चोद मुझे अंगुली से… मैं आयीईई… मादरचोद, चोद मुझे उस अंगुली से… हाय लण्ड जैसी लग रही है तेरी अंगुली… हरामी कुत्ते… मैं झड़ी रे… आंआंआंआंईईईईईई…”

जब अपने शरीर में उठते विस्फोट से कोमल काँपने लगी तो उसकी चूत ने कर्नल की अंगुली जकड़ ली और कोमल कर्नल की बाँह पकड़कर खींचने लगी। अपने दूसरे हाथ से कोमल पागलों की तरह जोर-जोर से अपनी क्लिट रगड़ रही थी। सोफ़े पर जोर से फ़ुदकती हुई कोमल की चूचियां भी जोर-जोर से काँपने लगी और कोमल एक धमाके के साथ झड़ गयी, और सिसकी- “और अंदर घुसेड़ ऊँऊँऊँहहहहह…”

कर्नल मान ने सोचा कि कुछ समय के लिए तो अब ये गरम गाण्ड वाली चुदक्कड़ औरत संतुष्ट हुई। लेकिन कर्नल गलत था। जैसे ही कोमल का झड़ना समाप्त हुआ उसी क्षण वो कर्नल के लण्ड की ओर लपकी। “इसे फिर से खड़ा कर न… प्यारे चोदू… तेरी अंगुली से तो मज़ा आया पर मुझे तेरे इस मूसल लण्ड से अपनी चूत चुदवानी है… खड़ा कर इसे… मादरचोद खड़ा कर इसे…”

कर्नल का हलब्बी लण्ड कोमल की हरकतों से जल्दी ही फैल कर सख्त होने लगा। कोमल नशे में थी और बहुत ही बेरहमी से कर्नल के लण्ड पर अपनी मुट्ठी चला रही थी। कोमल ने उसे इतना कस के अपनी अंगुलियों में तब तक जकड़े रखा जब तक ऐसा लगने लगा कि उसका फूला हुआ सुपाड़ा कसाव के कारण फट जायेगा। कर्नल के बड़े टट्टे भी कोमल की थिरकती जीभ के जवाब में सख्त होकर झटकने लगे।

“और सख्त… भोंसड़ी के और सख्त… मुझे अपनी चूत में ये किसी बड़ी स्टील की राड की तरह लगना चाहिए…” कोमल के निर्दयी हाथ कर्नल के लण्ड को उत्तेजना से जला और धड़का रहे थे जिससे कर्नल वेदना से हँफने लगा।
कर्नल ने कहा- “बस ठीक है कोमल… अब ले ले इसे अपनी चूत में… मेरा लण्ड चोदने के लिए तैयार है…”

“हाँ… तैयार तो है…” कोमल उत्तेजना में बोली और कर्नल के बदन पर छा गयी और अपनी टपकती चूत में उसके विशाल लण्ड को घुसेड़ने के लिये अपना हाथ नीचे ले गयी। कोमल ने उसके विशाल लण्ड को पकड़ा और उसपर बैठने के पहले रक्त से भरपूर सुपाड़े को अपनी चूत की फाँकों के बीच में रगड़ने लगी, और कहा- “मुझे इस राक्षसी लण्ड पर बैठकर चोदने में बहुत मज़ा आयेगा…”

“अब जल्दी से अंदर तो डालो…” कर्नल गुर्राया जब कोमल विलंब करने लगी। कर्नल का लण्ड उत्तेजना के मारे जल रहा था और उसके टट्टों में वीर्य का मंथन चल रहा था। उसके लण्ड के सुपाड़े पर कोमल की चूत के होंठों की छेड़छाड़ उसे पागल बना रही थी।

“जैसे एक असली मर्द किसी गर्म औरत से चुदाई के लिए कहता है… वैसे मुझसे बोल। मैं कोई तेरी स्टूडेंट नहीं हूँ कर्नल… ये शालीन भाषा मेरे साथ मत बोलक्ष तू मुझसे क्या चाहता हैक्ष मुझे ऐसे बता जैसे किसी रंडी से कहा जाता है। मुझसे सिर्फ अश्लील गंदी भाषा में बात कर…” कोमल ने खुद को महज इतना ही नीचे किया जिससे कि सिर्फ सुपाड़े का अग्र भाग ही उसकी चूत में प्रविष्ट हुआ। वोह कर्नल को तड़पाने के लिये इसी स्थिति में थोड़ी सी हिलती हुई उसके लण्ड पर दबाव डालने लगी।
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