RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
कोमल के लिये अब यह बता पाना कि क्या पीड़ा थी और क्या आनंद मुश्किल हो चला था। उसकी चूत और गाण्ड दोनों में चल रहे आनंद को वो बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी। दोनों यही संकेत दे रहे थे कि अब बांध ढहने को है।
“प्रेम और जोर से… तेज़ और तेज़… मार लो मेरी गाण्ड, अपने रस से मेरी गाण्ड भर दो…”
प्रेम भी यही सुनना चाहता था- “ए बेबी तुम तो मेरा लण्ड ही छील डालोगी…” वो चिल्लाया। कोमल की गाण्ड ने उसके लण्ड पर जकड़ बढ़ा दी थी। इस कारण वह ठीक तरह से झड़ भी नहीं पा रहा था। इसी कारण उसे अपना लण्ड खाली करने में काफी देर लगी।
कोमल और भी बहुत देर तक मैदान में टिकी रहती पर प्रेम अब थक चुका था। यह देखकर कोमल तकिये पर सहारा लेकर लेट गई। वो सोच रही थी कि आज उसने सच में एक आदमी से अपनी गाण्ड मरवा ही ली थी। आज उसने दो काम ज़िंदगी में पहली बार किये थे। अपने पति से दगा और गाण्ड मराई।
दूसरे दिन कोमल सजल को लेने उसके कालेज गई। उसकी चूत कल की चुदाई को अभी भुला नहीं पाई थी और अभी तक रुक-रुक कर अपनी खुशी ज़ाहिर कर रही थी। प्रेम ने जब उसके घर का पता और फ़ोन नंबर माँगा तो उसने उसे मना कर दिया था। एक अजनबी के साथ एक ही रात काफ़ी थी। उसे वह रात सुनील के साथ बेइमानी करने के कारण हमेशा याद रहनी थी। इतना ही काफ़ी था।
कोमल खुश थी क्योंकी उसने सुबह ही कर्नल मान से बात की थी और सजल को अपने साथ होटल में रात बिताने की आज्ञा ले ली थी- “मेरी गाड़ी खराब है और उसे ठीक करने में पूरा दिन लग जायेगा। मैं शाम को वापस घर के लिये नहीं निकलना चाहती। मैं बहुत आभारी रहूंगी अगर आप अपने नियम में ढील देकर सजल को मेरे साथ रहने की आज्ञा दे दें। मैं वादा करती हूँ मैं किसी और के माता-पापा को इसके बारे में नहीं बताऊँगी…” कोमल ने बड़ी सफ़ाई के साथ झूठ बोला था।
अपने पूरी मिठास और आकर्षण का इश्तेमाल करते हुए वो बड़ी मुश्किल से उस अड़ियल कर्नल को मना पई थी। उसे महसूश हुआ कि शायद कर्नल भी आकर उसे होटल में चोदना चाहता है। इससे कोमल को बहुत प्रसन्नता हुई। शायद इसी बात से कर्नल की स्वीकृती मिल गई थी। उसने मन में विचार किया कि एक दिन वो इस हट्टे-कट्टे कर्नल को भी चुदाई के लिए फुसलायेगी। वो यह भी सोच रही थी कि क्या अपने बेटे के साथ होटल के एक ही कमरे में अकेले रात बितना ठीक होगा। उसने अपने मन को मनाया कि ज़रूरी तो नहीं कि कुछ हो ही।
हालांकि वो अपने आपको समझा रही थी पर उसे पूरा विश्वास नहीं था। कुछ दिनों से वह सजल को मात्र एक माँ की दृष्टि से नहीं देख रही थी बल्कि… सजल से चुदवाने के ख्याल से ही उसकी चूत ने पानी के फ़ुहारें छोड़नी शुरू कर दिये। इस भावना के आगे वो अपने आपको कमजोर पा रही थी।
“आप सच कह रही हैं कि कर्नल मान ने रात बाहर रहने की आज्ञा दी है…” सजल ने पूछा।
“अब तुम इस बारे में चिंता नहीं करो। मुझे तुम्हें सुबह जल्दी यहाँ पहुंचाना है। इसलिये अभी जल्दी करो…”
“हम कहाँ जा रहे हैं…” सजल ने पूछा।
“यहाँ एक अच्छी पिक्चर चल रही है, उसे देखकर किसी बढ़िया से रेस्त्रां में खाना खाएंगें और फ़िर होटल चलेंगे। क्या तुमने अपने तैरने के वस्त्र साथ लिये हैं…”
जब सजल ने हामी भरी तो कोमल खुश हो गई- “हम बहुत दिन से एक साथ तैरे नहीं हैं। तुमने मुझे डाइव करना सिखाने का वादा किया था…”
“मुझे तो बिल्कुल ऐसा लग रहा है जैसे मैं किसी जवान लड़की के साथ डेट पर जा रहा हूँ…”
“ठीक है तो हम इसे डेट ही कहेंगे। कुछ ही दिनों में तुम लड़कियों के साथ घूमना-फ़िरना शुरू कर दोगे। इससे मुझे तो बड़ी जलन होगी…”
“मुझे उम्मीद है कि वो भी तुम्हारी जैसी ही सेक्सी होंगी…” सजल ने मुश्कुराकर कहा। वो कोमल को बिकिनी में देखने के लिये उत्सुक था। जब वह पिछली बार कोमल के साथ तैरने गया था तो कोमल को देखकर उसका लण्ड खड़ा हो गया था। उसे काफ़ी देर तक पानी में रहना पड़ा था जब तक कि उसका लण्ड वापस अपने वास्तविक स्वरूप में नहीं लौटा था।
“क्या तुम समझते हो कि मैं सेक्सी हूँ…” कोमल को अपने शरीर में एक स्फ़ूर्ति सी महसूस हुई।
“और नहीं तो क्या… तुम क्या समझती हो, जब तुम मुझे छोड़ने आती हो तो क्यों सारे लड़के तुम्हें हेलो करने आते हैं…”
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