RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
कोमल ने जब पलटकर देखा तो सजल सिर्फ़ तौलिया पहने हुए खड़ा था। उसने सोचा अगर सजल का तौलिया खुल गया तो क्या होगा…
“वो ड्रेसर में है…” उसने कांपती हुई आवाज़ में कहा। उसने सजल को ड्रायर लेकर कमरे से जाते हुए देखा। उसकी आंखें उसके बलिष्ठ शरीर का आकलन कर रही थीं।
“तुम्हें इस तरह सोचना बंद करना होगा, कोमल…” उसने स्वयं से कहा। वो अपने पुत्र की चाह से ग्रसित थी। उसने अपने होटल में रुकने के असली कारणों के बारे में सोचा। क्या वो सजल के साथ अकेली रहना चाहती थी… उसने सजल का इंतज़ार करते हुए सोचा कि वह सजल को कहेगी कि वो भी सीधे स्कूल जाने की बजाय रात को उसके साथ ही होटल में रुक जाए। फ़िर क्या होगा…
कोमल को सजल के साथ कार चलाने में बहुत आनंद आया। उन्होंने काफी बातें कीं जो शायद बहुत दिनों से नहीं की थीं। उसने सजल से उसके दोस्तों के बारे में जाना कि वो सब कालेज में क्या करते थे। वह उसके साथ बहुत हँसी और अपने आपको उसके और करीब होता हुआ पाया।
जब कालेज पास आने लगा तो उसने सजल से पूछा- “अगर तुम चाहो तो मेरे साथ होटल में रुक कर सुबह जा सकते हो। मैं तुम्हें पहली क्लास के पहले पहुंचा दूंगी…”
“शायद आप यह भूल रही हैं कि मुझे आज रात 8:00 बजे के पहले होस्टल में हाज़िरी देनी है…” सजल बोला।
“हाँ, यह तो मैं भूल ही गई थी। क्या बेकार का कानून है। मैं तुम्हारे इतने पास रहकर भी होटल में रहूंगी…”
“हाँ, पर मुझे उनका पालन करना होता है…” सजल ने जवाब दिया।
“मैं उम्मीद कर रही हूँ कि तुम्हें मैं अगले साल अपने ही शहर के कालेज में दाखिला दिलवा पाऊँगी…” कोमल ने सजल की जांघों पर हाथ रखते हुए कहा।
“पापा कभी नहीं मानेंगे। मैं घर पर ही रहकर पढ़ना चाहता हूँ पर उन्होंने जिद पकड़ी हुई है… शायद तुम जो कह रही हो, हो न पायेगा…”
“वो तुम मुझपर छोड़ दो…” उसने सजल की जांघ को दबाते हुए कहा। “कुछ दूर पर ही उसका लण्ड भी है…” उसने सोचा।
“कोमल जी…” जैसे ही वो कालेज में दाखिल हुई कर्नल मान ने उसे पुकारा। वो उस ऊँचे लम्बे आदमी के मुखातिब हुई। “मुझे खुशी है कि आप सजल को समय रहते ले आईं। उसका व्यवहार बहुत ही अच्छा है। वो बहुत अच्छा मिलिटरी अफ़सर बनेगा…”
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