RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
हाय कितना मोटा है मेरे बेटे का लंड और गीता की चूत अपने बेटे के मस्त लंड को याद कर
पानी छ्चोड़ने लगती है, और वह खड़ी खड़ी अपनी चूत मे दो उंगलिया थोड़ा पॅंटी सरका कर
डाल लेती है और आँखे बंद करके अपनी उंगली को अपनी चूत मे चलाने लगती है और हाय बेटा
चोद दे अपनी मम्मी को देख कैसे तेरी मम्मी की चूत तड़प रही है हाय अजय चोद दे
मुझे चोद दे बेटा और उंगलिया आगे पीछे करते करते जैसे ही अपनी आँखे खोलती है,
उसके हाथ वही के वही रुक जाते है और वह शर्मकार अपना गाउन उठा लेती है क्यो कि उसके
सामने आरती खड़ी खड़ी मंद मंद मुस्कुरा रही थी.
तभी आरती आगे हाथ बढ़ा कर गीता से उसका गाउन छ्चीन लेती है, गीता ये क्या कर रही है
तू बहू, आरती अरे मा जी आप भी ना अपनी बेटी की उमर की बहू से शर्मा रही है, मैं तो आपका
शरीर का फिटनेस देख कर चकित हू आपने अपने आपको इतना मेनटेन वो भी इस उमर मे
कैसे कर रखा है, मैं तो आपका इतना गतिला और सुंदर फिगुर देखकर हैरान हू, गीता
थोड़ा मन ही मन खुस होती हुई (औरतो की यह बीमारी है कि कोई उनके फिगर की तारीफ कर दे तो वो
तुरंत चने के झाड़ पर चढ़ जाती है) क्या सचमुच बहू मैं इतनी अच्छी दिखती हू, आरती
गीता को पकड़कर ब्रा और पॅंटी मे ही बेड पर बैठते हुए अरे मम्मी आप का फिगुर ही
नही आप का पूरा बदन और आपका भरा हुआ चेहरा भी इतना सुंदर है कि कोई मर्द क्या
औरत भी आपको चूमे बिना ना रह पाएगी और गीता के गालो को चूम लेती है, गीता अब तू
मज़ाक कर रही है बहू, अरे नही मम्मी ये सच है, मेरी खुद की मम्मी भी ऐसे ही
सुंदर दिखाई देती थी तब मैं उसे प्यार करे बिना नही रह पाती थी, और जब से अपने ससुराल
आई हू अपनी मम्मी को बहुत मिस करती हू, गीता अरे बहू दिल छ्होटा क्यो करती है क्या
मैने तुझमे और रश्मि मे कभी कोई अंतर समझा है, मैं तुझे अपनी बेटी ही समझती हू,
और तू मुझे अपनी मा ही समझ और अपना दिल छ्होटा ना कर, ओह मम्मी आप कितनी अच्छी है,
जब मेरी मम्मी मुझे ऐसे ही प्यार करती थी तो मैं उन्हे बहुत चूमती थी, उनका रूप भी
आपकी तरह ही निखरा हुआ था, इसलिए मेरी शुरू से ही उन्हे प्यार करने की आदत हो गई थी
मुझे उनका फिगुर बहुत सुंदर लगता था कभी कभी तो मैं उन्हे पूरे जिस्म पर प्यार करती थी
और गीता के गालो को फिर चूम लेती है, गीता पहले से ही गरम थी और आरती द्वारा कामुक
तरीके से उसका बदन सहलाते हुए उसके भरे हुए गाल चूमने से उसे एक अनोखे सुख की
अनुभूति होने लगती है जिसे आरती ताड़ जाती है और अपनी सास को अपनी बाँहो मे भर कर एक
गहरा चुंबन उसके होंठो पर देती है,
मम्मी जी आज मेरा दिल कर रहा है कि मैं आपको
अपनी मम्मी की तरह ही प्यार करू और अपनी सास के भरे हुए मसल दूध को अपने हाथो
से दबा देती है, गीता बहू तू तो मेरी बेटी ही है, सो मुझे अपनी मम्मी समझ कर जितना
चाहे प्यार कर, उसके इतना कहने पर आरती गीता को लेकर लेट जाती है और उसके होंठो को बुरी
तरह चूसने लगती है और उसके मोटे मोटे चूतादो को अपने हाथो से दबोचने लगती है,
गीता सिसकिया लेती हुई अपनी जंघे खोल देती है और आरती उसकी फूली हुई बुर को पॅंटी के अंदर
हाथ डाल कर दबोच लेती है, गीता सीसियते हुए आह बहू ये क्या कर रही है बेटी, मा जी
आपकी चूत कितनी सुंदर है मुझे आज पता चल तभी तो अजय दिन भर मुझसे आपकी चूत की
बात करता है, गीता चोन्क्ते हुए क्या कह रही है बहू, हाँ माजी अजय आपको बहुत चाहता
है है यहा तक कि आपने जो पॅंटी पहन रखी वह वह आपका बेटा ही आपके लिए पसंद
करके लाया है, और अपनी एक उंगली गीता की चूत मे डाल देती है, गीता आह आह ओह बहू बहुत
अच्छा लग रहा है तेरे हाथो मे तो जादू है, आह बेटी, और क्या कह रहा था अजय मेरे
बारे मे, आरती अरे माजी वह कह रहा था कि भाभी मम्मी इस वाइट कलर की पॅंटी मे कितनी
सुंदर लगेगी, और तो और माजी अजय आपकी इन मोटी मोटी गंद का तो दीवाना है, और पूरा हाथ
पॅंटी मे भर कर गीता की चूत से लेकर गंद के छेद तक को सहलाने लगती है और गीता
अपनी पूरी जाँघ खोल देती है, गीता सी सी आ आह ओह बहू और क्या कहता है मेरा बेटा मेरे
बारे मे, आरती मा जी सच कहु अजय आपको पूरी नंगी कर के चोदना चाहता है, और अपनी दो
उंगलिया एक साथ अपनी सास की चूत मे डाल कर आगे पीछे करने लगती है,
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