RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
अजय अपनी मम्मी की फूली हुई मस्त चूत को गोर से देखता है और मन ही मन सोचता है कितनी चौड़ी और कितनी फूली बुर है मेरी मम्मी की इसके आगे तो भाभी और दीदी की चूत भी फीकी लगती है, आज मम्मी को ऐसा मज़ा दूँगा कि वह खुद कहने लगेगी बेटे अपनी मम्मी की चूत मे अपना मोटा लंड डाल कर अपनी मम्मी को खूब कस के चोद दे बेटा, और फिर अपनी मम्मी की फूली हुई बुर को एक दम से चूम लेता है जिससे गीता एक दम से अपनी आँखे खोल देती है, तभी अजय मम्मी अब आप पेट के बल लेट जाओ मैं आपकी कमर की मालिश भी कर देता हू, तब गीता पेट के बल लेट जाती है, अजय मम्मी अपने पेटिकोट का नाडा खोल कर थोड़ा ढीला कर के थोड़ा नीचे सरकाओ नही तो तेल लग जाएगा, गीता पड़े पड़े अपनी गंद थोड़ा उपर उठाती है और नीचे हाथ लेजा कर कर अपना नाडा खोलने लगती है जिससे उसकी गंद उठ कर अजय के मूह के सामने आ जाती है और अजय अपने हाथ से अपनी मा की उठी हुई मस्तानी गंद को सहला देता है, गीता नाडा खोल कर पेटिकोट को थोड़ा नीचे सरका देती है जिससे उसकी मोटी गंद की गहरी खाई का उपरी हिस्सा नज़र आने ल्गता है अजय अपने हाथो मे तेल लेकर अपनी मा की कमर पर तेल लगाने लगता है और धीरे धीरे अपनी उंगलियो को अपनी मा की मोटी गंद की गहरी खाई मे चलाने लगता है,
गीता अपनी छातिया अपने हाथ से दबाए धीरे धीरे कराहने लगती है अजय कुछ इस तरह मालिश करता है कि उसकी उंगली अपनी मम्मी की मोटी गंद की गहरी खाई मे सरकने लगती है और गीता आह आह करने लगती है तब अजय अपनी उंगली को तेल मे डुबो कर अपनी मा की गंद की गहराई मे उंगली थोड़ा दबा कर नीचे की ओर प्रेसर देता है जिससे उसकी उंगली उसकी मा की गंद के छेद मे सरक जाती है और गीता आह करके सीसीया जाती है अजय अपनी मा की गंद के छेद पर दबाव देता हुआ मम्मी यही पर ज़्यादा दर्द हो रहा है क्या, गीता हाँ बेटा, अजय मम्मी पेटिकोट थोड़ा और नीचे करो तेल लग रहा है, गीता तू खुद सरका दे बेटा और अजय पेटीकोत को अपनी मा के मोटे चूतादो से जाँघो तक सरका देता है, जब अजय अपनी मम्मी की गोरी गोरी मोटी गंद देखता है तो पागल हो जाता है और खूब सारा तेल अपनी मम्मी की चिकनी गंद पर डाल कर अपने दोनो हाथो से अपनी मम्मी की मोटी गंद को दबोच दबोच कर मसल्ने लगता है गीता आह आह करके सीसीयाने लगती है, अजय मम्मी अब कुछ अच्छा लग रहा है आपको, गीता हाँ बेटा अब बहुत आराम मिल रहा है अजय अपने दोनो हाथो से अपनी मा के मोटे चूतादो को विपरीत दिशा मे फैला कर उसकी गंद का मोटा छेद देखने लगता है . और उसके सब्र का बाँध टूट जाता है और वह अपनी मा की मोटी गंद के छेद को सुन्घ्ता है और पागल हो जाता है और अपनी जीभ से अपनी मम्मी की मोटी गंद के छेद को चाटने लगता है गीता आह आह करने लगती है तभी अजय अपनी उंगली अपनी मम्मी की मोटी गंद के छेद मे पेल देता है जिससे उसकी उंगली उसकी मम्मी की गंद मे आधी से ज़्यादा उतर जाती है, अजय मन ही मन कितनी कसी हुई गंद है इस घोड़ी की आज इसकी गंद मार मार के लाल कर दूँगा,
अजय अपना मूह अपनी मा की मोटी गंद के उपर रख कर दबाने लगता है
मा तुम्हारे तो पैरो और जाँघो से खुश्बू सी आ रही है, गीता अपनी आँखे बंद किए हुए बेटे मैने तो तुझसे पहले ही कहा था कि औरत के हर अंग से खुसबू आती है, पर मा जो खुश्बू तुम्हारी जाँघो से आ रही है वह खुश्बू तो पहले वाली खुश्बू से भी ज़्यादा मस्त लग रही है, मा क्या मे तुम्हारी जाँघो की खुश्बू को सूंघ के देख लू, और गीता की चूत पर अजय ने अपने हाथ का पूरा पंजा मार दिया और अपनी मा की मोटी जाँघो को दोनो हाथो से कस कर दबोच लिया, गीता एक दम से आह कर के सिसकते हुए हाँ बेटा तुझे जहाँ की खुश्बू सूंघना है सूंघ ले और अपनी दोनो जाँघो को गीता ने पूरा खोल कर चौड़ा कर लिया, अजय ने झट से अपनी मम्मी की दोनो नंगी जाँघो को अपने हाथो से और फैलाते हुए अपनी मम्मी की पूरी चूत फैला दी और अपना मूह अपनी मा की चूत के उपर लेजा कर अपनी मा की फूली हुई मस्त चूत को सूंघने लगा,
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