RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
गतान्क से आगे...................
गीता और क्या तू रश्मि और अपनी भाभी
के चूतादो को भी देखता है, हाँ मा देखता तो हू लेकिन मुझे सबसे ज़्यादा तेरे ही चूतड़
पसंद है
गीता अजय को चूमते हुए तू बहुत बदमाश हो गया है चल अब अपनी मा की जल्दी से मालिश
कर दे औ र बेड पर लेट जाती है, अजय अपनी मा के दोनो पैरो के पास बैठ जाता है
गीता अच्छा अजय तूने इतनी अच्छी तरह से औरतो की मालिश करना कहाँ से सीखा है , अजय मा
एक बार मैं अपने दोस्त के घर पर बैठा हुआ था वह नहाने गया था तब मैं उठ कर बुक
उठाने के लिए अलमारी के पास गया तो उसके पापा दूसरे कमरे मे उसकी मम्मी की मालिश कर
रहे थे तब मैने देखा था कि कैसे मालिश की जाती है, गीता उसके पापा उसकी मम्मी की किस
तरह मालिश कर रहे थे, वो मा उसके पापा कुछ अलग तरह से मालिश कर रहे थे शायद
आंटी के पूरे बदन मे दर्द रहा होगा, गीता दूसरी तरह से मतलब, अजय मतलब मम्मी
मैं अब आपके सामने कैसे बताऊ,
गीता अरे बता ना, अजय मम्मी वो अंकल आंटी के सारे
कपड़े उतार कर उनकी मालिश कर रहे थे, गीता बनते हुए पर बेटा वो ऐसा क्यो कर रहे
थे, अजय अपनी मा का गुदाज पेट चूमता हुआ अरे मम्मी मैने कहा ना शायद आंटी के
पूरे बदन मे दर्द होगा, और अपना हाथ अपनी मम्मी के पीछे लेजा कर चूतादो को
सहलाने लगता है, और एक हाथ से अपनी मम्मी की मोटी मोटी गदराई जाँघो को भी सहलाता जाता
है, गीता बेटा दर्द तो मेरे भी पूरे बदन मे हो रहा है लेकिन मैं तेरे सामने अपने सारे
कपड़े उतार कर कैसे मालिश करवा सकती हू, अजय भोला बनते हुए अपनी मा के चूतादो को
थोड़ा भींचते हुए अरे मम्मी आप अपने सारे कपड़े मत उतारो, मैं बिना कपड़े उतारे ही
आपके पूरे बदन की मालिश कर दूँगा, गीता अच्छा ठीक है, मैं अपना ब्लाउज उतार देती हू
और फिर गीता ने अपना ब्लाउज उतार दिया अब वह सिर्फ़ सफेद रंग की ब्रा पहने हुए थी, और अजय
को अपने उपर से उठाते हुए चल अजय अब कर्दे मालिश. ओके मम्मी और अजय दरवाजा बंद
करने के लिए चला गया.
अजय ने दरवाजा बंद करके तेल की बोतल उठा लिया और बेड पर लेटी अपनी मा के पैरो की तरफ चढ़ कर बैठ गया, गीता का चेहरा आने वाले पल के एहसास से लाल हो गया था, अजय का लंड अपनी मा को सिर्फ़ ब्रा और पेटिकोट मे देख कर झटके मरने लगा. गीता अपने दोनो घुटने मोड चित पड़ी हुई थी उसकी मोटो मोटी मदमस्त चुचिया उसकी सांसो के साथ उपर नीचे हो रही थी उसका पेटी कोट नाभि के इतना नीचे बँधा था कि उसका गुदाज पेट और गहरी नाभि देख कर अजय अपने लंड को पाजामे के उपर से मसल्ने लगा फिर अजय ने अपनी मा की एक टांग को पकड़ कर उसका पेटिकोट उसके घुटनो तक चढ़ा दिया और तेल लेकर उसकी मस्तानी गोरी पिंदलियो पर लगाने लगा, और अपनी मा की नंगी टांगो को अपने हाथो से सहलाने लगा. अजय मा तुम्हारी टाँगे कितनी गोरी और सुंदर है, हाँ बेटा औरतो का सारा बदन चिकना और सुंदर होता है. गीता आँखे बंद किए मज़ा ले रही थी उसकी चूत रस से भीगने लगी थी, अजय उसकी टाँगो को अपने हाथो से मसले जा रहा था, मा कुछ आराम मिल रहा है, गीता बेटा आज ज़्यादा दर्द मेरी जाँघो से लेकर कमर तक महसूस हो रहा है, अजय समझ गया कि आज मेरी चुदासी मा अपनी चूत मुझे दिखाने और मरवाने का मन बना कर आई है. उसने सोचा आज मे भी अपनी मा की चूत मार कर ही रहुगा, मा तुम फिकर मत करो मे आपकी पूरी टाँगो की मालिश कर देता हू.
और अजय ने अपनी मा की जाँघो को पेटिकोट के अंदर हाथ डाल कर दबोचा तो गीता के मूह से सिसकी निकल गई आह. क्या हुआ मा, बेटा यही बल्कि थोड़ा और उपर सबसे ज़्यादा दर्द है. बेटा पेटिकोट और उपर कर्दे नही तो तेल से खराब हो जाएगा. अच्छा मा और अजय ने पेटिकोट को अपनी मा की जाँघो की जड़ो तक चढ़ा दिया. और अजय की आँखे फटी की फटी ही रह गई उसकी मम्मी पेटिकोट के अंदर पूरी नंगी थी और उसकी चिकनी फूली हुई चूत उसे साफ दिखाई देने लगी, अजय का लंड पेंट फाड़ने को उतावला हो गया उसने अपनी मा की गोरी गोरी मोटी जाँघो को दबोच दबोच कर मसलना शुरू कर दिया और गीता आह आह बेटा ऐसे ही आह हाँ हाँ बेटा यहीं ज़्यादा दर्द है कहते कहते अपनी दोनो टाँगे और फैला दी जिससे उसके मस्ताने भोस्डे की दोनो फांके अलग अलग हो गई और अजय को अपनी मा की फटी हुई पूरी चूत और उसका गुलाबी छेद साफ दिखाई देने लगा
अजय का तो हाल बुरा हो गया अपनी मम्मी की मस्त चूत देख कर अजय ने अपनी प्यारी मम्मी की मोटी मोटी जाँघो को अपनी जाँघो पर चढ़ा कर उनके और करीब आ गया . और अपने दोनो हाथो से अपनी मा की मोटी जाँघो को जाँघो की जड़ तक मसल मसल कर दबोचने लगा, गीता बुरी तरह सिसकिया लेने लगी और उसकी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया अजय को अपनी मा की चूत से बहता पानी देख कर वह और तेज़ी से अपनी मा की मोटी जाँघो को दबोचने लगा और बीच बीच मे अपनी मा की चूत पर भी हाथ मार देता था और फिर जाँघो को दबोचने लगता गीता की चूत पर जैसे ही अजय के हाथो की थपकी पड़ती वह अपनी दोनो जाँघो को और फैला देती. अजय ने देखा कि उसकी मा अपनी आँखे बंद किए मज़ा ले रही है तब उसने चुपके
से अपनी मम्मी की चूत के उपर अपनी नाक ले जाकर अपनी मम्मी की फूली हुई बुर को सूंघने लगता है और अपनी मम्मी की चूत की मादक गंध उसे मदहोश कर देती,
|