RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
बेटा तू बेड पर बैठ मैं थोड़ा अपने कपड़े चेंज कर लू, आज इस साडी मे काफ़ी गर्मी लग रही है और गीता बाथरूम मे जाकर मन ही मन इस साडी ब्लाउस मे तो अजय को मज़ा ही नही आता होगा और सारे कपड़े उतारकर पूरी नंगी हो जाती है, और अपने नंगे बदन पर सिर्फ़ एक पतली सी मॅक्सी पहन लेती है, और फिर मस्तानी चाल चलते हुए अजय के पास आ जाती है अजय अपनी मा को पतली सी मॅक्सी मे देखता है तो उसका लंड झटके मारने लगता है, उसकी मा की मोटी मोटी जंघे मॅक्सी से अलग ही नज़र आ रही थी,
गीता पास आकर अजय से सॅट कर बेड पर बैठ जाती है, दोनो के चेहरे काम वासना से लाल दिख रहे होते है, गीता जब अपनी नशीली कामुक आँखो से अजय को देखती है तो अजय और गीता की नज़रे एक दूसरे से कुछ समय के लिए मिल जाती है , और दोनो समझ रहे है कि दोनो के चूत और लंड इस समय पूरी तरह गरम है, अजय अपनी मा से बिल्कुल सॅट जाता है दोनो के मन मे अंदर तूफान उठ रहा होता है और दोनो अपने आप को रोक नही पाते है और एक दूसरे से कस कर चिपक जाते है, इस बार दोनो मे से कोई कुछ नही बोलता है अजय का लंड पेंट फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो जाता है और गीता की चूत का पानी बह कर उसकी जाँघो पर रेंगने लगता है,
मॅक्सी के अंदर से पूरी नंगी होने की वजह से अजय को अपनी मा के नरम नरम गदराए बदन का इतना मुलायम एहसास होता है कि वह एक बार तो अपनी मा के मोटे मोटे दूध को अपने हाथो मे भर लेता है और उन्हे दबा देता है गीता एक सिसकी लेकर रह जाती है, अजय जानता है कि उसकी मा उससे चुदने के लिए अब व्याकुल है इसलिए उसे अब अपनी मा की चुचि और गंद को बेधाड़क दबा देने का डर नही रहता है, और वो अपनी मा के चेहरे को पकड़ कर अपना चेहरा पास ले जाता है और कहता है मा तुम बहुत सुंदर हो और अपनी मा के रसीले होंठो को चूम लेता है, रिप्लाइ मे गीता भी अपने बेटे के होंठो को चूमते हुए, झूठे कही के अपनी मा का दिल रखने के लिए उसे सुंदर कह रहा है ना, अजय नही मा तुम सच मे बहुत सुंदर हो,
गीता अच्छा एक बात सच सच बता तुझे रश्मि, आरती और मुझमे सब से सुंदर कों लगता है, अजय अरे मा एक बेटे को दुनिया मे सबसे सुंदर उसकी मा ही लगेगी ना, बेशक दीदी और भाभी बहुत सुंदर है लेकिन तुमसे ज़्यादा सुंदर मुझे इस पूरी दुनिया मे कोई नही लगता है, इसीलिए तो मैं तुमसे इतना प्यार करता हू, तुम तो इतनी प्यारी लगती हो कि तुम्हे तो हर कोई प्यार करना चाहेगा, गीता अच्छा मैं देखु ज़रा मैं कहाँ सुंदर हू और खड़ी होकर अपनी मोटी गंद को हिलाते हुए ड्रेसिंग टेबल की ओर जाने लगी, उसकी गंद जो की पूरी मॅक्सी से लगता था कि बाहर आ जाएगी इतनी उभरी हुई लग रही थी और उसके चूतादो के दोनो पाटो के बीच इतना गॅप लग रहा था कि जैसे कोई अपने दोनो हाथो से उसके चूतादो के पाटो को विपरीत दिशा मे फैला रखा हो,
अजय अपनी मम्मी की ऐसी मस्तानी गंद देखकर पागल हो गया और वह जान गया था कि उसकी मम्मी ने अंदर पेंटी नही पहनी है वह झट से खड़ा हुआ और अपने पाजामे के अंदर हाथ डाल कर अपने लंड को अपने उंडरवेार के छेद से बाहर निकाल लेता है और पाजामे को चढ़ा लेता है, अब उसका लंड मुलायम से पाजामे के जस्ट अंदर नंगा होता है और वह अपना खड़ा लंड लेकर अपनी मा के पास जाता है रश्मि अपनी मोटी गंद उभारे मिरर मे अपने हस्न को निहारती रहती है तभी अजय पीछे से जाकर अपनी मा की मोटी गंद से अपना लंड सताकर अपनी मम्मी की मोटी गंद से कस कर चिपक जाता है और अपने हाथो को आगे लेजकर अपनी मा के मोटे दूध थाम लेता है, इस बार गीता और अजय के लंड और उसकी मा की गंद की गहरी दरार के बीच सिर्फ़ गीता की पतली सी मॅक्सी और अजय के मुलायम से पाजामे का कपड़ा ही होता है, और गीता उसके लंड की चुभन बहुत अच्छे से अपनी गंद पर महसूस करके सिहर जाती है,
गीता मिरर के सामने आँखे बंद किए लंड की चुभन का मज़ा लेती रहती है और अजय अपनी मा को पीछे से अपनी बाँहो मे भरे हुए उसके गोरे गालो पर अपने होंठ और गाल रगड़ता हुआ मिरर मे अपनी सेक्शी मा का चेहरा देखता हुआ क्यो मा देख लिया आप कितनी सुंदर लगती हो तब गीता अपनी आँहे खोलती है और कहाँ बेटा मैं कहाँ इतनी सुंदर हू पता नही तुझे क्यो सुंदर लगती हू
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