RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
तीन घोड़िया एक घुड़सवार--9
गतान्क से आगे...................
अब उसके चेहरे पर एक जलन पैदा करने वाले भाव नज़र आ रहे थे, आरती और अजय दोनो
उसके चेहरे को पढ़ चुके थे, तभी आरती उठ कर किचन की ओर जाने लगी और उसने धीरे से
अजय को आने का इशारा किया, थोड़ी देर बाद अजय उठ कर आरती के पास किचन मे चला गया,
क्या बात है भाभी, अजय तुमाहरी मा हम लोगो से मन ही मन खफा है, हाँ भाभी वो तो
मुझे भी लग रहा है पर अब क्या करे भाभी कही मा ज़्यादा नाराज़ ना हो जाए, आरती अरे उनका
गुस्सा इस बात का नही है कि हम लोग ग़लत काम कर रहे थे, बल्कि उनका वो जलन के मारे
हमसे गुस्सा कर रही है, तो फिर अब क्या करे भाभी, अजय जा कर अपनी मा को पटाओ, उसको
थोड़ा तेल लगाओ, तुम्हारी तारीफ से वह तुरंत पट जाएगी, और तुम्हारा काम बनने मे आसानी
रहेगी,
या ये समझ लो कि अब तुम्हारी मंज़िल दूर नही, अजय भाभी की बात समझ गया और बाहर
चला गया, गीता बाहर खड़ी होकर पास वाली किसी आंटी से बाते कर रही थी, तभी रश्मि भी भाभी के पास किचन मे चली गई अजय रश्मि को जाते हुए देख रहा था घोड़ी आज जीन्स पहनकर अपनी गंद मटका रही थी, अजय भी उठ कर किचन की ओर चल दिया और अंदर जा कर अपनी भाभी आरती और बहन रश्मि के पास जाकर दोनो मस्तानी घोड़ियो के एक एक दूध को पकड़ कर मसल्ने लगा, यह एक सेक्सी नज़ारा था कि एक ही मर्द दो दो औरतो की टोटल चार चुचियो को एक साथ मसल रहा था क्या किस्मत पाई थी हमारे अजय बाबू ने,
तभी रश्मि ने अजय को पकड़ कर बाहर धकेलते हुए, रात भर चोदा है फिर भी पेट नही भरा, अभी मा देख लेगी तो सब गड़बड़ हो जाएगी, और दोनो ननद भाभी खिलखिला कर हास पड़ी अजय जब किचन से बाहर आया तो
उसने देखा कि उसकी मम्मी बालकनी मे अपनी गंद उठाए रलिंग पर झुक कर खड़ी है, तब उसके कदम अपनी प्यारी मम्मी की ओर चल दिए,
अजय लपक कर मा के पास गया और पीछे से मा मा कहता हुआ आरती के मोटे मोटे चूतादो से चिपक गया, और आगे हाथ लेजा कर अपनी मा की मोटी चुचियो को भींच लेता है, गीता थोड़ा नखरा करते हुए बड़ा प्यार जाता रहा है अपनी मा से,
ओ मा तुमसे प्यार नही जताउन्गा तो किस से प्यार जताउन्गा आख़िर तुम मेरी प्यारी मा हो और गीता के गोरे गालो को चूम लेता है, गीता बिगड़ते हुए चल रहने दे दो दो दिन मे तुझे अपनी मा की याद आती है,
बाकी समय पता नही कहाँ कहाँ प्यार जताता रहता होगा,
अजय अपनी मा को जलते देख कर मन ही मन खुश होता हुआ अपनी मा को अपनी तरफ घुमा कर अपने सीने से लगता हुआ उसकी चुचियो को अपनी छाती से दबा देता है, ओ मा तुमहरे सिवा मैं किसी से प्यार ही नही करता तो फिर किससे प्यार जताउन्गा, और पीछे हाथ ले जाकर अपनी मा के मोटे चूतादो के दोनो पाटो को दबाते हुए अपने लंड की ओर खींचता है, गीता उसे अपने सीने से चिपकते हुए, तो फिर दो दिन से तू अपनी मा के पास क्यो नही आया, क्या तुझे अपनी मम्मी की याद नही आई, अजय प्यार से गीता के गले लगते हुए उसके मोटे मोटे चूतड़ सहला रहा था और उसका लंड पाजामे के अंदर खड़ा होकर सीधे अपनी मा की चूत मे ठोकर मार रहा था,
उसकी ठोकर गीता भी अपनी फूली हुई चूत और पेडू पर महसूस करने लगी और वह समझ गई कि उसके बेटे का लंड अपनी मा को मसल्ते हुए खड़ा हो चुका है और उसकी चूत मे भी गीलापन होने लगा, अजय ओ मा मेरी ग़लती के लिए मुझे माफ़ कर दे और गीता के गालो और उसकी गर्देन को चूमने लगा,
गीता अब तक गरम हो चुकी थी और उसने अजय को अपने मोटे मोटे दूध से दबाते हुए उसके गालो को चूमने लगी मेरा प्यारा बेटा, तुझे मालूम नही तेरी मा तुझे देखे बिना एक पल नही रह पाती है, ओह मा मैं भी तो तुम्हारे बिना नही रह पता हू, और अपनी मम्मी के मोटे मोटे चूतादो को दोनो हंतो से कस कर दबाता है जिससे अजय का खड़ा लंड गीता की चूत मे एक गहरी चुभन पैदा कर देता है, और गीता कमरस से भीग कर पागल होने लगती है, गीता को अजय से इस तरह चिपकने मे बहुत मज़ा आता है और वह सोचती है कि इस मज़े को और ज़्यादा मजेदार कैसे बनाऊ मेरी चूत तो अपने बेटे के लंड के लिए तड़प उठती है, फिर गीता कुछ सोचकर बेटे तू मेरे रूम मे चल, हम मा बेटे वही बैठ कर बाते करेंगे और अजय को लेकर अपने रूम मे आ जाती है,
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