RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
रश्मि हाँ भैया तेरी चूत चटाई से तो कोई भी औरत पागल हो जाएगी, अजय मम्मी भी, रश्मि हाँ भैया तू मम्मी की चूत एक बार अगर चाट लेगा ना तब मम्मी तुझे बेटा बेटा करती करती दिन भर अपना भोसड़ा फैला कर दिन रात तेरा मूह अपनी फूली हुई चूत से लगाए रहेगी, वैसे भी मुझे लगता है आजकल मम्मी की चूत तेरे नाम से कुछ ज़्यादा ही बहने लगी है, कैसे भी करके एक बार तू मम्मी की चूत चाट ले फिर देखना जैसे उसने बचपन मे तुझे अपना दूध खूब पिलाया है अब जवानी मे तुझे अपनी चूत भी खूब पिलाएगी, ओह मेरे प्यारी बहन और रश्मि के गुलाबी होंठो को अपने मूह मे भर कर चूसने लगता है, रश्मि अच्छा भीया एक बात बता, अजय हाँ बोलो दीदी , अजय तुझे अपनी भाभी कैसी लगती है, अजय कुछ सोचते हुए अच्छी लगती है क्यो, अरे अच्छी लगने से मतलब क्या तू भाभी को भी चोदना चाहता है, अजय दीदी चोदना तो चाहता हू पर क्या भाभी मुझसे चुदवाने को राज़ी हो जाएगी, रश्मि ये तो पता नही पर भाभी का फिगर भी मस्त है, और वो मुझे काफ़ी सेक्सी नज़र आती है, अजय वो कैसे, मैने कई बार उन्हे अपनी चूत मे पड़े पड़े उंगली करते देखा है, अजय फिर तो भाभी भी ज़रूर खूब चुदास से भरी होगी, अजय अगर भाभी की चूत तुझे चोदने को मिल जाए तो, अजय फिर तो दीदी मे भाभी को पूरी नंगी करके कस कस कर उसकी चूत मारूँगा जैसे तुम्हे चोद्ता हू, और फिर तुम्हे और भाभी को दोनो को नंगी कर के एक साथ तुम दोनो को चोदुन्गा, और रश्मि की चुचियो के निप्पल अपने होंठो से चूसने लगता है और रश्मि अपने भाई के मोटे लंड को मूह मे भर कर पीने लगती है, तभी चुपके से दरवाजा खोल कर अंदर आ जाती है और रश्मि और अजय अपनी भाभी को देख कर एक दम से अलग हो जाते है,
आरती नाटक करते हुए रश्मि ये क्या कर रही है, तुझे शर्म नही आती अपने सगे भाई के सामने नंगी होकर उसका लंड चूस रही है, और अजय तुझे शर्म नही आई अपनी सग़ी बहन के साथ इस तरह नंगे होकर चिपकने मे, मैं अभी जाकर मा जी को सब बता देती हू, अजय और रश्मि दोनो उठ कर भाभी के पैरो मे गिर जाती है, और नही भाभी ऐसा गजब मत करना हमे माफ़ कर दो भाभी अब हम ऐसा कभी नही करेगे प्लीज़ हमारी पहली ग़लती समझ कर माफ़ करदो, रश्मि बनते हुए मैं तुम्हे एक ही शर्त पर माफ़ कर सकती हू, रश्मि वो क्या भाभी, आरती तुझे अब मेरे सामने ही अपने भाई का लंड चूसना होगा मैं देखना चाहती हू कि कैसे ईक बहन अपने सगे भाई के लंड को चुस्ती है, रश्मि अपनी गर्देन नीचे कर लेती है, आरती चुस्ती है या मैं जाउ मा जी के पास, रश्मि नही भाभी और धीरे से ज़मीन पर बैठते हुए अजय का लंड अपने मूह मे लेकर चूसने लगती है, अजय और आरती दोनो की नज़रे एक दूसरे से मिलती है और दोनो के चेहरे पर एक कुटिल सी मुस्कान फैल जाती है. आरती जल्दी से अपने कपड़े उतार कर रश्मि के पीछे अपने दोनो पैरो के पंजे पर बैठते हुए उसकी मोटी मोटी चुचियो को अपने हाथो मे पकड़ लेती है और अपनी बड़ी बड़ी चुचियो को रश्मि की पीठ पर दबाने लगती है, अपनी भाभी की इस हरकत से रश्मि सिसकते सिसकते अजय का लंड कस कस कर चूसने लग जाती है आरती अपना एक हाथ नीचे लेजकर रश्मि की चूत के छेद मे अपनी दो उंगलिया एक साथ पेल देती है रश्मि सिहर उठती है और अजय का लंड छ्चोड़ कर पलट कर अपनी भाभी से बुरी तरह चिपक जाती है और अपनी भाभी के रसीले होंठो को चूसने लग जाती है. आरती ज़मीन पर पालती मार कर बैठ जाती है और रश्मि आरती की कमर के आस पास अपनी दोनो टाँगे करके अपनी भाभी की गोद मे चढ़ जाती है, और दोनो एक दूसरे के कभी होंठो को चुस्ती है कभी एक दूसरे की मोटी मोटी चुचियो की चुस्ती और दबाती है, तभी अजय अपनी भाभी और दीदी के मूह के पास आकर अपना लंड दोनो के मूह के बीच रख देता है, अब नज़ारा यह रहता है कि आरती पालती मारे ज़मीन पर बैठी है उसकी ननद अपनी दोनो टाँगे फैलाए अपनी भाभी की गोद मे चढ़ कर बैठी है और दोनो ननद भाभी अजय के मोटे लंड को दोनो और से चूसना शुरू कर देते है और साथ ही दोनो ननद भाभी एक दूसरे की चुचिया भी दबाने लगती है. फिर आरती अजय के लंड की टोपी चूसने लगती है और रश्मि अपने भाई की बाल्स को अपने मूह मे भर कर चूसने लगती है इस तरह जब दो दो मूह से अजय के लंड की चूसा होती है तो वह आनंद के गहरे सागर मे गोता खाने लगता है, दोनो ननद भाभी मे लंड और बाल्स चूसने की एक होड़ सी लग जाती है, अजय अपने सामने दो दो नंगी जवान घोड़ियो की कामुकता देख कर मस्त हो जाता है.
इधर गीता पड़े पड़े अपनी पॅंटी उतार कर अपनी चूत सहलाती हुई काफ़ी देर से गरम हो रही थी और सोच रही थी कि आज तो राजेश भी जल्दी ही सो गया है और ना भी सोता तो कॉन सा मुझे ठंडी कर देता, उसे रह रह कर लंड की चाहत महसूस हो रही थी उसे बार बार अपने बेटे के मोटे लंड की याद सता रही थी और वह मन ही मन सोच रही थी अजय का लंड कितना मोटा है, कैसे अजय उसकी पॅंटी सुन्घ्ता है जब भी मेरे पास बैठता है कैसे मा मा कहता हुए मुझे अपनी बाहो मे कस लेता है हे उस समय मुझे भी कितना मज़ा आता है, पर वह आगे क्यो नही बढ़ता है, मेरी चूत अपने हाथो मे भर कर क्यो नही दबाता है, मेरी गंद तो वह कई बार सहला देता है, मैं जब कपड़ो मे अपने बेटे को इतनी अच्छी लगती हू तो उसे नंगी कितनी अच्छी लगुगी, वो भी मुझे नंगी देखने के लिए तरसता होगा पर क्या करू कुछ समझ मे भी नही आता उपर से घर मे सभी लोग रहते है , अपनी चूत मसलते हुए हाय एक बार कैसे भी करके चोद दे बेटे अपनी मा को, और चूत तेज तेज घिसने लगी, तभी उसने सोचा क्यो ना अजय के रूम मे झाँका जाय शायद अजय अपना लंड निकाल कर हिला रहा हो और उसे कम से कम उसके मोटे तगड़े लंड के दर्शन ही हो जाएँगे तो वह भी शांति से मूठ मार सकेगी, बस यह ख्याल आते ही उसके कदम अपने बेटे के रूम की ओर चल पड़े,
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