RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
तीन घोड़िया एक घुड़सवार--7
गतान्क से आगे...................
तभी गीता की आवाज़ सुन कर अजय किचन से बाहर आकर सोफे पर बैठ गया और किताब पढ़ने लगा, उसकी भाभी किचन मे खाना बनाने लगी और गीता भी आकर सोफे पर बैठ गई. गीता टीवी ऑन कर के टीवी देखने लगी. गीता ने पिंक कलर की साडी और उसी रंग की मॅचिंग वाला लो कट स्लीवलेशस ब्लौज पहना हुआ था ब्लौज इतना झीना था कि उसके अंदर की सफेद रंग की ब्रा के कप और डोरी आराम से नज़र आ रही थी, गीता के छातियो से उसका आँचल थोड़ा सरका होने से उसके मसल मोटे मोटे दूध छलक कर उसकी गुलाबी चोली फाड़ कर बाहर आने को आमादा थे, गीता की साडी उसकी नाभि से चार अंगुल नीचे बँधी होने से उसकी बड़ी सी गहरी नाभि साफ दिखाई पड़ रही थी, गीता के पेट पर थोड़ी चर्बी होने के कारण उसका गोरा पेट नाभि सहित इतना उठाव मार रहा था कि अच्छे अच्छो के लंड को खड़ा होने पर मजबूर कर दे. कमर के नीचे उसके फैले हुए मोटे मोटे चूतादो और गुदाज मोटी मोटी जंघे देख कर हर कोई यह समझ जाए कि इस औरत को तृप्त करने के लिए इसकी दोनो जाँघो के बीच आकर तबीयत से कुटाई करना पड़े.
अजय अपनी मा को कनखियो से हसरत भरी निगाहो से देखने लगा उसके जहाँ मे वासना अपने शिखर पर थी यही वजह थी कि वह अपनी मा को एक गदराई हुई मस्त औरत की तरह देखने लगा और अपनी मा के गदराए हुए मस्ताने बदन को देख कर सोचने लगा कि एक बार अगर मम्मी पूरी नंगी होकर मुझसे चुदवा ले तो मे इसको रात भर नंगी कर के इसको हुमच हुमच के चोद्ता रहुगा. अब अजय से रहा नही जा रहा था और वह अपनी मा के गदराए सेक्सी बदन को छूने के लिए मचलने लगा और अपनी मा के बिल्कुल करीब आकर उसके गले मे अपना हाथ डाल कर बैठ गया, गीता ने भी उसके पीछे से हाथ डाल कर अपने से चिपका लिया, अजय मा तुम गुलाबी साडी ही ज़्यादातर पहना करो, गीता भला वो क्यो, अजय मा तुम गुलाबी साडी मे बहुत सुंदर लगती हो और गीता के गुलाबी गाल को अपने होंठो से चूम लिया, गीता अजय के गाल खिचते हुए मुस्कुरकर बहुत बड़ी बड़ी बाते करने लगा है, लगता है मेरा बेटा अब बड़ा हो गया है, अजय मा मे कितना ही बड़ा क्यो ना हो जाउ अपनी मा के लिए तो बच्चा ही रहूँगा और गीता की मोटी मोटी छातियो मे अपना मूह डाल कर उन्हे अपने मूह से दबाने लगा, गीता के बदन से आती खुश्बू से अजय मदहोश होने लगा और गीता के अधखुले दूध के कटाव पर अपने होठ और नाक रगड़ने लगा, और उसका लंड बिल्कुल मोटे डंडे की तरह पाजामे मे अकड़ गया, गीता यह बखूबी जानती थी कि अजय बच्चा होने का नाटक कर के उसके गदराए योवन का मज़ा ले रहा है और वह खुद बहुत समय से किसी मस्त लंड से चुदी नही थी तो उसे भी अपने बेटे की इन हर्कतो से एक असीम आनंद प्राप्त होता था, और उसकी चूत जल्दी ही अपने बेटे के स्पर्श से पानी पानी होने लगती थी,
गीता की नज़र भी अजय के पाजामे के अंदर उठे हुए लंड पर पड़ चुकी थी और उसकी मस्त चूत का दाना अपने बेटे के तगड़े लंड को देख कर कूदने लगा, गीता ने भी अजय के गालो को चूमते हुए अपनी छाती से भींच लिया, अजय अपनी मा की नंगी पीठ और मोटे चूतादो पर पीछे से हाथ फेरते हुए. मा तुमने क्या लगाया है तुम्हारा बदन कितना महक रहा है, गीता बेटे औरतो के सारे शरीर से ऐसी ही खुश्बू आती है, हाँ मा यह खुश्बू तो शुंगने मे बहुत अच्छी लग रही है, गीता तो बेटे सूंघ ले ना अपनी मा के अंगो की खुश्बू, और अजय का मूह फिर अपने मोटे दूध से सटा दिया, अजय का लंड अपनी मा की कमर मे ठोकर मार रहा था, गीता भी अजय के लंड की कठोरता को अपनी जाँघो पर महसूस कर रही थी और उसकी चूत ने उसकी पूरी पेंटी को गीला कर दिया था.
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