RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
आरती अब बाहर जा चुकी थी और रश्मि अजय के लंड की कल्पना मे डूबी अपनी चूत सहलाकर मन ही मन बहुत खुश हो रही थी और रात की कल्पना से ही उसका पूरा जिस्म मस्ताने लगा था. इधर आरती ने अजय को सब समझा दिया और उससे कहा जब तक आरती सोने का नाटक करे तब बिना डरे उसकी टॉप मे हाथ डाल कर कस कस कर उसकी चुचिया को मसलना शुरू कर्दे और केवल बनियान और पाजामा पहनकर ही रश्मि के कमरे मे जाए अंडरवेर भी ना पहने. अजय स्मार्ट था वह भाभी की सारी प्लॅनिंग समझ गया. दिन भर घर मे अजय और रश्मि जब भी एक दूसरे से टकराते तो नर्मोल बिहेव करते लेकिन मन ही मन एक दूसरे के लंड और चूत की कल्पना करते रहते. रात के करीब 10 बजे जब सब अपने कमरे मे सोने चले गये तब रश्मि ने अजय के कमरे की ओर कदम बढ़ा दिया. अजय भी रश्मि के इंतजार मे ही बैठा था. रश्मि जैसे ही दरवाजा खोलकर अजय के कमरे मे आई अजय बुक पढ़ने का नाटक करने लगा आज रश्मि ने सिर्फ़ एक टॉप और स्कर्ट पहना था उसकी चूत बिल्कुल फूल गई थी अजय का लंड भी पाजामे मे तना हुआ था. अरे दीदी आप अभी तक सोई नही, अजय मुझे नींद रही आ रही थी सोचा तुम्हे बुलाकर कुछ बाते ही करते है इसलिए तुम्हे बुलाने आ गई चलो मेरे रूम मे बैठ कर थोड़ी देर बाते करेगे, अजय क्यो नही दीदी और अजय रश्मि के साथ उसके रूम मे चल दिया रश्मि ने अपने रूम का दरवाजा बंद कर लिया और दोनो भाई बहन बिस्तर पर चढ़ कर बैठ गये. दीदी नींद तो मुझे भी नही आ रही थी अच्छा हुआ आपने मुझे बुला लिया.
अजय अच्छा दीदी आपकी सहेली नेहा के क्या हाल है, रश्मि ठीक है लेकिन तुझे अचानक नेहा की याद कहाँ से आ आई, कुछ नही दीदी बस ऐसे ही पुंछ लिया, रश्मि अच्छा ये बता तुझे नेहा कैसी लगती है, अजय अच्छी लगती है, और तुझे मे अच्छी नही लगती दिखावटी गुस्सा दिखाते हुए, रश्मि के पीछे से हाथ डाल कर उसकी कमर और गुदाज पेट पकड़ कर अपनी बाँहो मे भरते हुए अरे दीदी आपसे सुंदर भला दुनिया मे कोई है, रश्मि चल झूठे कही के, अजय सच दीदी मे आपको को बहुत प्यार करता हू और रश्मि के गोरे गालो को चूम लेता है, इन सब हर्कतो से अजय और रश्मि के चूत और लंड बहुत ज़्यादा गरमा जाते है, अजय धीरे धीरे रश्मि की कमर मे हाथ फेरता रहता है और रश्मि अपने जिस्म का भार अजय के उपर डाल कर पड़ी होती है. रश्मि अच्छा अजय मेरे सर मे थोड़ा दर्द सा लग रहा है मे तेरी गोद मे सर रख लेती हू तू थोड़ा दबा दे.
अजय क्यो नही दीदी, रश्मि अगर मेरी नींद लग जाए तो तू भी यही सो जाना, अजय अच्छा दीदी और रश्मि अजय के गोद मे सर रखती है लेकिन उसे एक ज़ोर का झटका लगता है क्यो कि अजय का लंड फुल एरेक्ट होता है और वह अंडरवेर भी नही पहने होता है. रश्मि अजय की एक जाँघ पर अपना सर कर करवट ले कर लेट जाती है अब अजय का लंड ठीक उसकी आँखो के सामने पाजामे को फाड़ देने वाले अंदाज मे उसके होटो को छू रहा था और लंड की मादकता की महक उसकी नाक से उसकी सांसो मे समा रही थी, अजय ने अपना एक हाथ रश्मि के सर पर दबाना शुरू कर दिया और दूसरे हाथ से रश्मि की पीठ और पीठ से होते हुए उसके गुदाज पेट और गहरी नाभि पर फेरने लगा चुकी रश्मि के टॉप के दो बटन खुले होने से उसकी मासल चुचिया आधी से ज़्यादा बाहर आ रही थी और उसका पेट पूरा नंगा था, स्कर्ट से चिकनी केले के तने जैसी जंघे दूधिया रोशनी मे अजय को पागल बना रही थी.धीरे धीरे अजय रश्मि का सर दबाने लगा कभी कभी उसके गोरे गालो को भी सहलाने लगा, रश्मि ने अपना मूह अजय के लंड से बिल्कुल सटा रखा था और उसका मन कर रहा था कि इस डंडे को पकड़ कर अपने मूह से चूस डाले. इधर अजय सोच रहा था कि मेरी दीदी का गदराया जिस्म भाभी से किसी भी तरह कम नही है बल्कि रश्मि के चूतड़ और दूध तो आरती से भी थोड़ा ज़्यादा गदराए नज़र आ रहे थे.
क्रमशः......................
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