RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
गीता अरे बहू खाना तैयार हो गया क्या, आरती हाँ माजी, अच्छा माजी मुझे थोड़ी शापिंग करनी थी क्या मे अजय को अपने साथ मार्केट तक ले जाउ 2-3 घंटे मे आ जाएगे, क्यो कि अभी रश्मि भी नही है, गीता हाँ बेटी ज़रूर ले जाओ और हाँ मेरे लिए भी थोड़ा समान लेते आना, क्यो नही माजी बोलिए क्या लाना है, बेटी मेरे अंडरगार्मेंट काफ़ी पुराने हो चुके है तो 2-3 ब्रा और पैंटी लेते आना और ज़रूरत हो तो अपने लिए भी ले लेना, आरती जी माजी और आरती अजय को लेकर चली गई.
अजय बाइक स्टार्ट करके अपनी भाभी को बैठाने के बाद मार्केट की ओर चल पड़ा, बोलो भाभी कहाँ चलना है. आरती पहले मार्केट चलते है तुम्हारी मम्मी के लिए कुछ लेना है. अजय क्या लेना है भाभी, रश्मि पनती और ब्रा, अच्छा तू तेरी मम्मी को किस कलर की पॅंटी मे पसंद करता है, भाभी मुझे तो मम्मी नंगी ही ज़्यादा पसंद आती है, रश्मि अच्छा दिन रात अपनी मा को नंगी ही रखना चाहता है क्या, अरे भाभी मेरा बस चले तो मे अपनी मा बहन और तुम्हे तीनो को दिन भर नंगी करके ही चिपका रहू, अरे मेरा चोदु देवेर जी कितना चुड़क्कड़ है तू तेरी और मेरी जोड़ी मस्त जमेगी काश मेरी शादी तुझसे ही हुई होती, अरे भाभी बिना शादी के ही तुम मेरी बीबी से बढ़ कर हो और दोनो मुस्कुराने लगे, मार्केट मे एक दुकान पर अजय और आरती ब्रा और पॅंटी खरीदने लगे, अजय अपनी मम्मी के लिए ब्रा और पॅंटी पसंद कर लो, और फिर अजय ने अपनी मा के लिए मस्त फॅषियनबल ब्रा और पॅंटी खरीद ली रश्मि ने भी मा जी को बताने के लिए थोड़ा बहुत समान और खरीद लिया और फिर सीधे एक होटेल मे पहुच गये और रूम बुक करके रूम के अंदर आ गये.
अजय …अब बोलो भाभी क्या इरादा है…आरती अजय मैं आज तुझसे अपनी हर इच्छा पूरी करवाना चाहती हू बोलो करोगे ना, अजय आरती के मोटे चुचो को दबाता हुआ भाभी तुम जैसा जैसा कहोगी मे वेसा ही करूँगा. अजय आज तुम मुझे धीरे धीरे लेकिन काफ़ी देर तक खूब गहराई से चोदो और मेरे हर अंग को खूब प्यार करो, अजय ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और आरती को भी पूरी नंगी कर दिया, आरती का भरा हुआ गदराया बदन देख कर अजय का लंड डंडे की तरह खड़ा हो गया, आरती ने झट से अजय का लंड पकड़ कर अपने मूह मे लेकर खूब प्यार से चाटने लगी, और आइसेकरीम की तरह चूसने लगी अजय आरती की मोटी मोटी चुचियो को बेरहमी से मसल्ने लगा, करीब 10 मिनूट तक आरती अजय का लंड चूस चुस्के उसे लाल कर दिया, अजय भाभी अब मेरा रस बाहर आने वाला है, आरती अजय मुझे तुम्हारा सारा रस पीना है उसे मेरे मूह मे ही निकाल दो और फिर लंड चूसने लगी अजय ने अपना सारा रस आरती के मूह मे निकाल दिया और आरती उसके रस की एक एक बूँद को चाट चाट कर पी गई, आज आरती के चेहरे पर एक अलग ही सन्तुस्ति नज़र आ रही थी उसका मर्द के लंड का रस पीने का सपना पूरा हो चुक्का था वह अजय की बाहो से चिपक गई और अजय ने आरती को अपनी गोद मे उठा कर बिस्तर पर लिटा दिया और धीरे धीरे उसकी फूली हुई चूत अपने हाथो से सहलाने लगा, आरती भी अपने हाथो से अजय का लंड सहला रही थी, आरती अच्छा अजय तुम सबसे पहले किसको चोदना चाहते हो अपनी मम्मी को या दीदी को,
भाभी मे तो दोनो को चोदना चाहता हू तुम कुछ आइडिया बताओ ना कि कैसे मे मम्मी को और रश्मि दीदी को चोदु, आरती कुछ सोच कर अजय मे तुम्हे रश्मि की चूत जल्दी ही दिलवा दूँगी लेकिन मम्मी के बारे मे थोड़ा मुझे सोचना पड़ेगा, अजय भाभी कैसे भी कर के मुझे दोनो को चोदना है, दोनो घोड़ियो को नंगी देख देख कर मे पता नही कितनी बार मूठ मार चुक्का हू और खास कर मम्मी की मोटी गंद तो मे दिन रात चोदना चाहता हू, आरती क्यो तुम्हे अपनी मम्मी की गंद इतनी पसंद है क्या, अजय अरे भाभी मम्मी के मोटे मोटे चूतादो का तो मे दीवाना हू और दिन रात मेरे सामने मम्मी के गदराए चूतड़ घूमते रहते है बहुत ही मस्त गंद ही उसकी और अजय का लंड झटके मारने लगा,
अरे मेरे प्यारे देवेर जी अपनी मा की गंद के नाम पर तो तुम्हारा लंड झटके मारने लगा, कही मा की चूत पाकर अपनी भाभी को मत भूल जाना, अजय ने भाभी की मोटी जाँघो को दबोचते हुए मेरी प्यारी भाभी तेरी मस्तानी जवानी को मे कैसे भूल जाउन्गा और अजय ने अपनी भाभी की दोनो मोटी जाँघो को फैला दिया और एक उँचा सा तकिया भाभी की गंद के नीचे रख कर भाभी के दोनो घुटनो को उपर की तरफ़ उसके कंधो से सटा दिया जिससे आरती की मस्तानी चूत और गंद का छेद दोनो अजय के सामने आ गये और अजय ने बिना देर किए अपनी लपल्पटि जीभ को अपनी प्यारी भाभी की गंद के छेद से चाटते हुए उपर की तरफ चूत को उसके भज्नसे तक चाटने लगा आरती ने अपने दोनो हाथो से अपनी फूली हुई चूत की फांको को और ज़्यादा फैला दिया और अजय और मस्त फूली हुई चूत और गंद के छेद को चाटने लगा,
क्रमशः......................
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