RE: Sex Hindi Kahani तीन घोड़िया एक घुड़सवार
सुबह सुबह गीता ने आरती का दरवाजा बजाया आरती ने बाहर आई बेटी चाइ बन गई है पी लो और विजय को भी जगा दो, आरती जी मम्मी और गीता वापस आ गई. आज आरती की शादी को पूरा एक महीना हो चुक्का था लेकिन उसकी चूत की कसक और खुजली पूरी तरह ख़तम नही हो पाती थी वैसे भी आरती काफ़ी ब्लू फ़िल्मे देख कर काफ़ी खुले तरीके से चुदवाना पसंद करती थी और खास कर उसकी एक इच्छा बहुत ज़्यादा थी कि उसका पति उसकी फूली चूत और गंद को नंगी करके खूब चूमे और चाते और अपना लंड खूब चूसाए मतलब आरती को ओरल सेक्स फ़िल्मो मे देख देख कर काफ़ी अच्छा लगता था और वह शादी के पहले से ही ओरल सेक्स करने के लिए तरस रही थी लेकिन यहा उसका अरमान पूरा नही हुया क्यो कि विजय सिर्फ़ सदा सिंपल सेक्स ही करता था और शर्म के मारे आरती अपने पति को बोल भी नही पाती थी इस लिए महीना भर चुदने के बाद भी उसकी प्यास बढ़ती ही गई कम नही हुई.
सुबह का नाश्ता करके विजय और उसके पापा अपने अपने काम पर चले गये गीता नहाने बाथरूम मे घुस गई, रश्मि और आरती किचन मे थे और अजय सोफे पर बैठा अपनी किताब पढ़ रहा था आरती जल्दी ही घर के सभी लोगो से घुल मिल गई खास कर रश्मि, गीता और अजय से, रश्मि भाभी आज आपकी शादी को एक महीना हो गया है अब आपको कैसा लग रहा है.. आरती क्यो ऐसा क्यो पूछ रही हो रश्मि मतलब जब कुवारे और शादीशुदा होने पर कुछ तो अलग लग रहा होगा, आरती अलग तो कुछ नही है बस एक चीज़ का फ़ायदा हो जाता है, रश्मि तपाक से वह क्या अरे सब्जियो का जैसे बेगन, मूली, केले आदि का खर्चा बच जाता है, रश्मि झेप्ते हुए तुम भी ना भाभी, आरती अरे मे क्या ग़लत कह रही हू बता, बोल ना, मुझे नही पता भाभी अच्छा क्या तूने कच्ची सब्जिया कभी नही खाई.. तुम भी ना भाभी कहाँ की बात कहाँ ले गई. मे जाती हू अरे रुक ना रश्मि भाग कर अपने कमरे मे आ जाती है थोड़ी देर बाद आरती भी रश्मि के कमरे मे आकर अरे रश्मि तू चली क्यो आई, बस ऐसे ही भाभी, आरती क्यो मेरी बात अच्छी नही लगी, रश्मि नही वो बात नही है भाभी, तो तेरा मतलब है तुझे मेरी बात अच्छी लगी, भाभी तुम बहुत मज़ाक करती हो, भाई इसमे मज़ाक की कोन सी बात है मेने तो बहुत बेगन और केले खाए है क्या तू नही खाती, क्या भाभी आप भी, अच्छा सच सच बता, रश्मि मे नही जानती, तू अपनी भाभी से सर्माती है, और माल इतने मोटे मोटे छुपा रखे है रश्मि के टी-शर्ट के उपर से चुचे मसलती हुई, रश्मि आह भाभी क्या कर रही हो जाओ मे तुमसे बात नही करती, अरे मेरी प्यारी ननद तो बुरा मान गई चल अच्छा अब नही करती और दोनो मुस्कुराने लगी. तभी अजय अंदर आते हुए अरे भाभी एक कप चाइ मिलेगी क्या, आरती अरे मेरे प्यारे देवेर जी चाइ के बजाय दूध पिया करो तो तुम्हे ताक़त मिलेगी, अरे भाभी मे तो वैसे ही बहुत ताकतवर हू बताओ कहाँ ताक़त लगाना है, अरे देवेर जी जब मोका आएगा तो दूध की ताक़त ही काम आएगी यह कह कर रश्मि और आरती दोनो खिलखिला कर हस पड़ी.
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