Desi Sex Kahani चढ़ती जवानी की अंगड़ाई
03-11-2019, 12:47 PM,
#2
RE: Desi Sex Kahani चढ़ती जवानी की अंगड़ाई
यह कहानी हे एक छोटे से गांव की गांव ज्यादा भी छोटा नहीं था सुख सुविधाओं के सारे सामान उस गांव में मौजूद थे। 
पंछियों ने कलर मचाना शुरु कर दिया था,,,, पंछियों की सु मधुर आवाज से गांव की सुबह का नजारा और भी ज्यादा बेहतर हो गया था। पक्षियों की आवाज और मुर्गे की बांग की आवाज सुनते ही गांव के लोग धीरे-धीरे कर के बिस्तर छोड़ना शुरू हो जाते थे,,,,, सूरज की पहली किरण धरती पर पड़ते ही लगभग पूरा गांव आलस मरोड़ कर अपने अपने कामकाज में लग जाया करता था,,,, और यही उनकी दिनचर्या भी होती थी ऐसे ही रोज की ही तरह रमा देवी अपने कमरे से बाहर आते हुए,,,,, अपनी बेटी को जोर जोर से आवाज लगाकर बुलाने लगी,,,,,

पूनम,,,,,,,,ओ पूनम,,,,,,,, अरे धूप निकलने को आई है और यह लड़की है कि अभी तक सो रही है,,,,,, ना जाने इसे कब अक्ल आएगी इतनी बड़ी हो गई है लेकिन किसी भी प्रकार की जिम्मेदारी का एहसास नहीं है,,,,। 
( रमा देवी को इस तरह से रोज की ही तरह चिल्लाते देख कर संध्या जोकि पूनम की चाची थी वह झाड़ू लगाते लगाते,, बोली,, घर बहुत बड़ा था घर में सब के अलग-अलग कमरे बने हुए थे मेहमान के लिए भी अलग कमरा बना हुआ था और घर का आंगन भी काफी बड़ा था जिसमें रोज साफ सफाई करके झाड़ू लगाना पड़ता था और ज्यादा तर यह काम संध्या ही करतीे थी। आंगन के चारों तरफ दीवार खड़ी करके एक घेरा सा बनाया हुआ था। आंगन के सामने ही बड़ा सा तबेला बना हुआ था जिसमें गाय भैंस बंधी हुई थी। संध्या झाड़ू लगाते लगाते बोली) 

क्या दीदी आप भी सुबह-सुबह नन्हीं सी जान पर इतना बरस रही है।

नन्ही सी जान नहीं वह तों शैतान की नानी है। स्कूल जाना है सूरज निकल गया लेकिन यह लड़की अभी तक उठी नहीं है।
( रमा गुस्सा दिखाते हुए बोली और रमा की बात सुनकर संध्या मुस्कुराते हुए बोली,,,,)

दीदी बेवजह आप परेशान हो रही हैं पूनम तो न जाने कब से उठ चुकी है और इस समय लगभग नहा रही होगी,,,,,,
( संध्या की बात सुनकर रमा देवी को थोड़ा सुकून मिला और वह चिंता के भाव दर्शाते हुए संध्या से बोली,,,)

संध्या तू भी उसको कुछ सिखाओ वरना अभी भी वह बच्चों जैसा ही बर्ताव करती है मेरी तो एक नहीं सुनती तुम्हारी ही बात मानती है इसलिए थोड़ा-बहुत उसे डांटा फटकारा करो,,,


दीदी आप बिल्कुल चिंता मत कीजिए पूनम मेरी बेटी जैसी है और मुझे अच्छे से पता है कि उसे कैसे संभालना है आप जाइए वहं अपने समय पर ही तैयार हो जाएगी,,,,,
( रामादेवी संध्या की बात सुनकर आश्वस्त हो कर चली गई,,,, संध्या पूनम की बड़ी चाची थी जो की चाची का एक दोस्त की तरह ज्यादा रहती थी बेहद खूबसूरत गोल मटोल चेहरा बड़ी बड़ी आंखें गुलाबी होठ,, सुबह सुबह उठने की वजह से बाल थोड़े अस्त व्यस्त थे जो कि बालों की लटे चेहरे पर आती थी जिसकी वजह से संध्या की खूबसूरती में चार चांद लग जाते थे। बड़ी बड़ी चूचियां जोकी ब्लाउज में शमा नहीं पाती थी और बैठ कर झाड़ू लगाने की वजह से चूची का आधे से भी ज्यादा भाग साफ तौर पर नजर आता था। ब्लाउज के दो बटन खुले हुए थे जाहिर था कि रात में संध्या के पति ने संध्या के ब्लाउज खोलकर उसकी बड़ी बड़ी चूचियो को मुंह में भर कर पिया होगा,,, और जी भर कर दोनों खरबूजे से खेल कर निश्चित तौर पर उसकी जमकर चुदाई भी की होगी,, क्योंकि संध्या चलते समय थोड़ा लंगड़ा कर चल रही थी ऐसा तभी होता था जब रात भर संध्या अपने पति से चुदवाती थी। वैसे भी घर का सारा काम काज करते हुए संध्या थक जाती थी लेकिन रात को अपने पति के साथ चुदवा कर अपनी सारी थकान मिटा लेतीे थी। सुबह काम करने की जल्दबाजी में शायद वह ठीक से अपने ब्लाउज के बटन बंद करना ही भूल गई थी इसलिए उपर के दो बटन खुले रह गए थे,,, जिसमें से संध्या के दोनों कबूतर फड़फड़ाते हुए नजर आ रहे थे। संध्या अधिकांश तौर पर बैठे-बैठे ही झाडू लगाया करती थी जब जल्दी झाड़ू लगाते हुए आगे पाव करके आगे की तरफ बढ़ती थी तो उसका पिछवाड़ा,,,, कुछ ज्यादा ही बाहर की तरफ निकल कर उभर जाता था,,, और देखने वालों की तो सांस ही अटक जाती थी। कुल मिलाकर संध्या के बदन में जवानी कूट कूट कर भरी हुई थी। 

रमा देवी का पूनम के प्रति चिंतित रहना लाजमी था क्योंकि वह अक्सर अपनी जिम्मेदारियों के प्रति लापरवाह ही नजर आती थी उसके स्कूल का समय हो रहा था लेकिन इस समय वह बाथरुम में थी। बाथरूम में घुसते ही वह दरवाजे की कड़ी लगाकर दरवाजे को बंद कर ली,,,।

पूनम नहाने के लिए बाथरुम में प्रवेश कर के अंदर से बाथरूम की कड़ी लगा दी,,,, वह मन ही मन में कोई प्यारा सा गीत गुनगुनाते हुए अपने गले पर से दुपट्टा उतार कर पास में ही डोरी पर लटका दी,,,, वाह दुपट्टा दूरी पर लटकाने के बाद अपनी ड्रेस को नीचे से ऊपर की तरफ ले जाते हुए इतनी गोरी गोरी बाहों में से होते हुए ड्रेस को भी निकाल दि। उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उस स्कूल जाने के लिए उसे देरी हो रही है इसलिए जल्दी-जल्दी अपनी ब्रा के हुक को भी अपने हाथ को पीछे की तरफ ना कर खोल दी और अगले ही पल ब्रा को भी अपने बदन से अलग कर दी,,,,, ब्रा के अलग होते ही उसके छोटे छोटे नारंगी अपने पूरबहार मौसम को दिखाने लगे थे,,, ऊसकीे छोटी-छोटी और गोल नारंगीयो को देखकर साफ मालूम पड़ रहा था कि पूनम के बदन में अब जवानी चिकोटी काटने लगी थी । कब उसने सलवार की डोरी को खोल कर सलवार को उतार फेंकी पता ही नहीं चला,,, उसके बदन पर मात्र अब पेंटिं रह गई थी,,, जिसे अगले ही पल उंगलियों का सहारा लेकर धीरे-धीरे सरकाते हुए अपनी लंबी गोरी टांग से बाहर निकाल फेंकी,,,,। इस समय बाथरूम में वह संपूर्ण रूप से निर्वस्त्र हो गई थी,,,, वैसे तो वह जब भी कुएं या हेड पंप पर नहाती थी तो पूरी तरह से अपने कपड़े नहीं निकालती थी लेकिन जब भी वह बाथरूम में नहाती थी तब एकदम नंगी होकर ही नहाती थी। इस तरह से उसे नहाने में बेहद मजा भी आता था क्योंकि बाथरूम के अंदर पूरी तरह से नंगी होकर नहाने में वह अपने बदन के कोने कोने पर साबुन लगा कर नहा पाती थी। इसलिए उसे नहाने में संपूर्ण संतुष्टि का एहसास होता था। 
पूनम अपने सारे कपड़े उतार कर नहाना शुरू कर दी ठंडा पानी उसके बदन पर पड़ते हीैं उसका बदन पूरी तरह से गनगना जा रहा था। लेकिन ठंडे पानी में नहाने का सुकून; वह अपने बदन में पूरी तरह से अनुभव करती थी। ठंडा पानी उसके सिर पर पड़कर नीचे की तरफ किसी मोतियों की तरह फिसलते हुए जा रहा था,,,, उसकी गोल गोल चूचियों से होकर के ऊसके चिकने सपाट पेट से होकर के नाभी से गुजर कर पूनम की चिकनी जांघों के बीच से उस पतली सी दरार से होकर नीचे की तरफ गिर रही थी। यह नजारा सामान्य नहीं था बल्कि बड़ा ही उन्मादक और कामोतेजक था। पूनम के लिए तो इस तरह से नहाना बेहद सामान्य सी बात थी लेकिन पूनम को इस तरह से नहाते हुए किसी का देख लेना ही उसकी जिंदगी का बड़ा ही अमूल्य और उत्तेजक क्षण होगा। वैसे भी अक्सर लड़के जो आदमी लड़कियों और औरतों के अंगों को देखने का बहाना ही ढूंढते रहते हैं और ऐसे में अगर उनके सामने उनकी नजरों के सामने पूनम जैसी खूबसूरत लड़की संपूर्ण निर्वस्त्र अवस्था में,,, जोकि एकदम गोरी खूबसूरत चिकने बदन वाली,,, और मर्दों की कामोत्तेजना का सबसे उत्तेजक प्रसार बिंदु उसकी दोनों गोलाइयां अपना संपूर्ण रूप लिए नजर आ रही हो, और नितंब जो कि ऐसा लगे कि कुदरत ने खुद किसी कैनवास पर अपनी जादुई पींछी से अंगों को ऊभारकर कर उस में रंग भरे हो,, जिसके बदन का हर कटाव एक अलग ही परिभाषा लिखता हो ऐसी लड़की को देखकर किसी भी मर्द का मन डोल जाए और देखने भर मात्र से ही कब उसका मर्दाना अंग ऊथनात्मक स्थिति में आकर कब पानी छोड़ दे शायद उसको भी पता ना चले,,,, पूनम अद्भुत खूबसूरती का खजाना थी।
देखते ही देखते उसने स्नान कर ली,,,, और नहाने के बाद जैसे ही उसने टॉवल लेने के लिए हाथ बढ़ाई तो उसे ज्ञात हुआ कि उसने तो बाथरूम में टॉवर लाना ही भूल गई थी। 
Reply


Messages In This Thread
RE: Desi Sex Kahani चढ़ती जवानी की अंगड़ाई - by sexstories - 03-11-2019, 12:47 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,554,870 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 550,422 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,255,455 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 949,175 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,684,765 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,106,922 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,995,832 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,204,436 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,086,192 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 290,131 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)