Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 03:08 PM,
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अगली सुबह मेरे आँख तब खुली जब मुझे अपने लंड के कॅप पर कोई नरम और गीली चीज़ महसूस हुई… मैने हल्की से आँखे खोल कर देखा तो, नाज़िया सिर्फ़ ब्रा पहने मेरे लंड के ऊपेर झुकी हुई थी….और मेरे लंड का मोटा कॅप उसके गरम रसीले मूह के अंदर था…

वो बड़े प्यार से मेरे लंड के चुप्पे लगा रही थी….मैं वैसे ही आँखे बंद किए हुए लेता हुआ मज़े लेता रहा….मेरा लंड एक दम तना हुआ था…..थोड़ी देर लंड चूसने के बाद नाज़िया ने अपने मूह से मेरे लंड को बाहर निकाला और मेरे बगल में लेट गयी….”समीर!....समीर उठो भी समीर….” नाज़िया ने मेरी चेस्ट पर अपनी उंगलयों को घूमाते हुए मेरे कान के पास धीरे से कहा…

.”ह्म्‍म्म्म” मैने नाज़िया के तरफ करवट बदलते हुए कहा…और अगले ही पल नाज़िया के ऊपेर आते हुए मैने नाज़िया की गर्दन पर अपने होंटो को लगा दिया….मेरे दहकते होंटो को अपने गर्दन पर महसूस करते ही नाज़िया एक दम से सिसक उठी….

उसकी आँखे मस्ती मैं बंद होती चली गयी…मैने अपने दाँतों को हलका सा नाज़िया की गर्दन पर गढ़ा दिया…

तो नाज़िया ने सिसकते हुए अपनी बाहों को मेरी कमर पर कस लिया…”ओह समीर….हां काट खाओ मुझे…..चूसो मुझे चाटो मुझे…..मेरे पूरा बदन तुम्हारा है….हर जगह अपनी मोहर लगा दो….खा जाओ मुझे…." 

मैने नाज़िया के गर्दन को चूस्ते हुए धीरे-2 नीचे आना शुरू किया…और ब्रा के ऊपेर से उसके मम्मों को हथेलयों में भर कर ज़ोर ज़ोर से दबाना शुरू कर दिया… मैं नीचे आते हुए उसके बदन के हर हिस्से को पागलो की तरह चूम रहा था…और नाज़िया आँखे बंद किए मस्ती मे सिसक रही थी..वो कभी अपने बालो को खेंचने लगती 

तो, कभी ब्रा के ऊपेर से अपने मम्मो को पकड़ कर ज़ोर ज़ोर दबाने लगती…. उसकी सिसकारियाँ पूरे रूम मे गूँज रही थी….मैने धीरे-2 नीचे आते हुए उसकी जाँघो को पकड़ कर फेला दिया…और अपने एक हाथ से उसकी फुद्दि के लिप्स को फेला कर उसके सूराख को देखने लगा….ये देख मैं एक दम से हैरान रह गया कि, उसकी फुद्दि कितना पानी छोड़ रही है….मैने अपनी एक उंगली को जैसे ही उसकी फुद्दि के सूराख पर रख कर हल्का सा दबाया तो, मेरी उंगली उसकी फुद्दि में फिसलती हुई अंदर घुसती चली गयी…और नाज़िया एक दम से तड़पते हुए सिसक उठी….”ओह उंह सीईईईईईईईईईईई समीर….” नाज़िया ने सिसकते हुए मेरे सर को कस के पकड़ लिया और मेरे बालो मे अपनी उंगलियों को घुमाने लगी…

.”तुम्हारी फुद्दि तो भूत गीली है…..” मैने अपनी उंगली को उसकी फुद्दि के अंदर बाहर करते हुए कहा….

नाज़िया: समीर…, उंह ये तो हर उस वक़्त गीली रहती है…जब तुम मेरे पास होते हो….मेरी ये फुद्दि तुम्हारे लिए ही अपना प्यार बरसा रही है….

नाज़िया ने सिसकते हुए अपनी रानो को और फेला लिया….और मेरे सर से अपने दोनो हाथो को हटा कर अपनी फुद्दि के लिप्स को फेलाते हुए मुझे फुद्दि के अंदर का नज़ारा दिखाते हुए बोली….”देखो समीर मेरी फुद्दि तुमसे कितना प्यार करती है….ये सब तुम्हारे लिए है….तुम्हारे लिए है मेरी फुद्दि अपनी मोहबत के बादल बरसा रही है…..”नाज़िया की फुद्दि का क्लिट ऐसे लग रहा था…जैसे वो सूजा हुआ हो….उसकी फुद्दि का क्लिट एक दम फूल चुका था….जिसे देख मैं अपने आप को रोक नही पाया….और अपने सर को झुकाते हुए उसकी फुद्दि के क्लिट को अपने होंटो के बीच में दबा कर जैसे ही ज़ोर से चूसा…नाज़िया ने सिसकते हुए अपनी फुद्दि के लिप्स से हाथ हटा कर मेरे सर को फिर से कस्के पकड़ लिया.

नाज़िया: ओह येस्स ईट मी ईट माइ पुसी….सक मी सक माइ पुसी समीर….

नाज़िया की कमर बुरी तरह झटके खाने लगी….मैने नाज़िया की फुद्दि के क्लिट को अपने मूह से बाहर निकाला और उसकी फुद्दि मे अपनी उंगली को अंदर बाहर करते हुए बोला….

मैं: जो हुकम मेडम…..

नाज़िया: ओह्ह्ह समीर मैं तुम पर हुकम नही चला रही मेरी जान….मैं तो तुमसे प्यार की भीख माँग रही हूँ…

मैने फिर से नाज़िया की क्लिट को अपने होंटो में दबा-2 कर चूसना शुरू कर दिया…. “ओह्ह्ह समीर ओह्ह्ह हाआँ चूसो अह्ह्ह्ह मेरी फुद्दि को आहह हां काटो वहाँ पर.. ओह अहह उंह समीर….” नाज़िया ने ज़ोर ज़ोर से सिसकते हुए कहा…तो मैने नाज़िया के सूजे हुए क्लिट पर अपने दाँतों को हल्का सा दबाना शुरू कर दिया…” ओह्ह्ह्ह येस्स्स्स दट’स इट ओह इट सो फक्किंग गुड…..सीईईई उम्ह्ह्ह्ह समीर…..” मैने नाज़िया की फुद्दि से मूह हटाया और उसकी रानो के बीच घुटनो के बल बैठाते हुए अपने लंड की कॅप को उसकी फुद्दि के सूराख पर रख कर नाज़िया की आँखो मे देखा…तो नाज़िया ने फिर से अपने दोनो हाथो से अपने फुद्दि के लिप्स को फेला लिया….”ओह्ह येस्स फक मी समीर…..फक मी…..”

मैने अपने नाज़िया के रानो को पकड़ते हुए एक ज़ोर धक्का मारा तो, मेरा आधे से ज़यादा लंड नाज़िया की फुद्दि की दीवारो को फेलाता हुआ अंदर जा घुसा…नाज़िया की फुद्दि की दीवारो की रगड़ को अपने लंड पर महसूस करके मेरे बदन मे भी सिहरन दौड़ गयी….”ओह उंह सीईईईईईईईई समीर…..तुम्हारा लंड बहुत मोटा है…हां चोदो मुझे अपने मोटे लंड से…..” मैने नाज़िया की बाते सुनते हुए एक और जोरदार धक्का मारा…नाज़िया की फुद्दि से निकल रहे पानी से सना हुआ मेरा लंड उसकी फुद्दि की गहराइयों मे उतरता हुआ उसके बसूराख़नी से जा टकाया….नाज़िया के होंटो पर वासना से भरी मुस्कान फेल गयी….

नाज़िया ने सिसकते हुए अपनी ब्रा की कप्स को अपने मम्मों से नीचे खेंच कर अपने मम्मों को बाहर निकाल लिया..और खुद ही अपने मम्मों को ज़ोर ज़ोर से दबाते हुए दबाने लगी…..मैने धीरे-2 अपने लंड को नाज़िया की फुद्दि के अंदर बाहर करते हुए उसके मम्मों के ऊपेर झुकना शुरू किया तो, नाज़िया ने अपनी अध खुली मस्ती से भरी आँखो से मुझे देखते हुए अपने हाथो को अपने मम्मों से हटा लिया….”" तुम्हारे मम्मे बहुत खूबसूरत है नाज़िया…..” मैने अपने लंड को नाज़िया की फुद्दि के अंदर बाहर करते हुए कहा…..

नाज़िया: प्लीज़ चूसो ना इन्हे….

मैने नाज़िया के लेफ्ट निपल को झुक कर अपने मूह मे लेकर चूसना शुरू कर दिया... जैसे ही नाज़िया को अपने तने हुए निपल्स पर मेरी गरम ज़ुबान का अहसास हुआ, नाज़िया ने बुरी तरहा मचलते हुए अपनी दोनो बाहों को मेरे सर पर कस लिया…और मेरे सर को अपने मम्मे पर दबाने लगी….”हां चूसो समीर..प्लीज़ और ज़ोर से चूसो….” नाज़िया ने नीचे से अपनी बुन्द को ऊपेर की ओर उछालते हुए कहा…अब मैने धक्के लगाने बंद कर दिए थे, और नाज़िया खुद अपनी बुन्द को ऊपेर की ओर उछालते हुए मेरे लंड को अपनी फुद्दि के अंदर बाहर करवा रही थी…..

मैं: (नाज़िया के मम्मे को मूह से निकलते हुए….) मेरा मन तो इन्हे काट खाने का हो रहा है…(मैने नाज़िया के दोनो मम्मों के निपल्स को अपनी उंगलियों लेकर मसलते हुए कहा…तो नाज़िया और ज़्यादा मस्ती में सिसकने लगी…..और मैने नाज़िया के लेफ्ट मम्मे को मूह में भरते हुए उसके निपल को अपने दाँतों से हल्का हल्का खेंचना शुरू कर दिया….)

“हाआँ काट लो समीर…काटो इन कन्जरो को…सीईइ हाई चबा जाओ इन्हे..… सक देम… लिक्क देम… च्यू देम! ऊऊऊओ, यस! खुदा, आइ लोवे तट! आइ लव इट व्हेन यू सक्ड माइ टिट्स! आइ लव इट… लव टू हॅव माइ टिटीस सक्ड आंड लीक्ड….." मैं कभी नाज़िया के निपल्स को चूस्ता तो, कभी अपने दाँतों को नाज़िया के मम्मों के निपल्स पर गढ़ा देता…नाज़िया के मूह से हल्के दर्द और मस्ती भरी सिसकारियाँ निकल कर पूरे रूम मैं गूंजने लगी थी….नीचे नाज़िया अपनी बुन्द को और तेज़ी से ऊपेर की तरफ उछाल कर मेरे लंड को अपनी फुद्दि की गहराइयों मे ले रही थी….

"ओह्ह्ह्ह, शिट… लिक्क माइ टिट्स! सक माइ निपल्स! ओह, डू एनितिंग यू वान्ट… एनी फक्किंग थिंग यू वान्ट विद मी….ओह्ह्ह्ह समीररर्ररर प्लीज़ फक मी हार्ड….फक मी हार्ड…..” मैने नाज़िया के मम्मों को काफ़ी देर तक चूसा…और फिर अपनी कमर को तेज़ी से हिलाते हुए अपने लंड को और तेज़ी से उसकी फुद्दि के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया… “ओह्ह्ह्ह सामीएर बहुत मज़ा आ रहा है….हां ऐसे ही और ज़ोर से मेरे चुस्से को मारो..…कंट…फक मी हार्ड समीर…ओह्ह्ह फक मी हार्डर… मोर प्लीज़ समीर…..” 

मैं अब पूरी रफतार से नाज़िया की फुद्दि मैं अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था… नाज़िया के बदन मे धीरे-2 कसाव आने लगा था…वो अपने होंटो को अपने दाँतों में भींचे हुए आँखे बंद करके मस्ती मे लेटी हुई थी….मानो जैसे उसके अंदर ही अंदर कोई जवाला मुखी दहक रहा हो..और कभी भी फटने को हो….फिर एक दम से नाज़िया ने अपना मूह खोला और गहरी साँस लेते हुए सिसकते हुए चिल्लाई….” ओह्ह्ह्ह समीर ओह ये लो समीर ओह्ह्ह मेरी फुद्दि आए…..देखो समीर मेरी फुद्दि बजने वाली है….अहह और ज़ोर से चोदो मुझे और ज़ोर से….आह देखो मेरी फुद्दि अब रोने लगी है….देखो मेरी फुद्दि कैसे अपने यार लंड से मिल कर आँसू बहा रही है….अह्ह्ह्ह फाड़ दो मेरी फुद्दि ओह्ह्ह्ह कर दो मेरी फुद्दि को ठंडा….”

नाज़िया बुरी तरह काँपते हुए फारिघ् होने लगी….पर मेरे लंड ने अभी तक पानी नही छोड़ा था….नाज़िया का पूरा बदन झटके खा रहा था…उसकी कमर बुरी तरह झटके पे झटके खाने लगी….और मेरा लंड उसकी फुद्दि से बाहर आ गया….थोड़ी देर बाद नाज़िया ने अपनी मदहोशी से भरी आँखो से मेरे लंड की ओर देखा तो, उसे अहसास हुआ कि, मेरे लंड ने अभी तक पानी नही छोड़ा है….वो एक दम से उठी और दोनो घुटनो के बल बैठते हुए आगे की तरफ झुक कर डॉगी स्टाइल मे आ गयी….

मैने नाज़िया के पीछे आते हुए अपने लंड के कॅप को नाज़िया की फुद्दि के सूराख पर रख और एक जोरदार धक्का मारा…इस बार मेरा लंड एक दम से फिसलता हुआ नाज़िया की फुद्दि की गहराइयों में समा गया…मैने बिना रुके नाज़िया की फुद्दि मे अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….नाज़िया ने पीछे की ओर फेस घुमा कर मेरी तरफ देखा और फिर एक दम से चिल्लाते हुए सिसकने लगी….”ओह्ह्ह्ह फक समीर…..ओह्ह्ह्ह समीर मुझे यकीन नही हो रहा अह्ह्ह्ह या खुदाया …..ओह्ह्ह समीर मेरी फुद्दि आहह फिर से ओह बहुत मज़ा आ रहा है समीर तुम्हारा लंड लेकर….ओह्ह्ह्ह समीर मेरीई फुद्दि फिर से आहह पानी छोड़ रही है…..फक मी….”

इस बार नाज़िया की फुद्दि के साथ मेरे लंड ने भी उसकी फुद्दि की दीवारो को अपने गाढ़े पानी से सारॉबार कर दिया…नाज़िया के चेहरे पर संतुष्टी भरी मुस्कान फेली हुई थी… हम दोनो करीब 15 मिनिट तक बेड पर लेटे सुस्ताते रहे…
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