Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली माँ और बेहन
03-08-2019, 01:58 PM,
#90
RE: Kamukta Story मेरा प्यार मेरी सौतेली मा�...
मेने अपने घुटनो को थोड़ा सा मोड़ा और झुक कर अपने लंड की कॅप को सबा की फुद्दि के सुराख पर सेट किया….जैसे लंड का गरम और मोटा कॅप सबा की फुद्दि के गीले सुराख पर लगा…तो सबा के मूह से आह निकल गयी….और उसने अपनी टाँगो को मजीद खोल लिया…कि में आसानी से उसकी फुद्दि मार सकूँ….”ले मार ले अपनी गस्ति की फुद्दि…” सबा ने अपनी बुन्द को पीछे के तरफ पुश करते हुए कहा….” तो मेरे लंड का कॅप सबा की गीली फुद्दि के लिप्पस को खोलता हुआ अंदर जाने लगा….मुझे अपने लंड की कॅप पर मजीब सरसराहट महसूस हो रही थी….

सबा तब तक अपनी गान्ड को पीछे की तरफ पुश करती रही…जब तक कि मेरा पूरा लंड सबा की फुद्दि में नही घुस्स गया….मेने अपने हाथो को सबा की कमीज़ के अंदर डाल कर उसके मम्मो को पकड़ कर खेंचते हुए अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…सबा भी पूरी तरह मस्त होकर कोड़ी हुई खड़ी थी..और मेरे लंड को फुद्दि में लेकर मज़ा ले रही थी…..मेने 5-6 मिनट तक जम कर सबा की फुद्दि उसी पोज़ में मारी…और सबा की फुद्दि को खड़े-2 पानी -2 कर दिया….

हम ने अपने कपड़े ठीक किए….”अब हमे चलना चाहिए….” सबा ने मेरी तरफ देखते हुए कहा….मेने अपनी कलाई पर बँधी घड़ी में टाइम देखा तो 1 बजने वाला था….मेने भी हां में सर हिला दिया…”कल किसी को भेज कर इस घर की सॉफ सफाई करवा देती हूँ….नीचे बड़ी अजीब सी स्मेल आ रही थी….और बिस्तरों को भी धूप लगवाने को कह दूँगी….”

हम दोनो नीचे आए…मेने अपनी जॅकेट पहनी और सबा ने अपना बुरखा पहना… सबा ने रूम को लॉक किया और रूम्स के चाबी वही मीटर के पास रख दी…फिर हम घर से बाहर निकले और सबा ने घर को लॉक कर दिया…हम उस कच्चे रास्ते पर चलने लगे….तो सबा ने घर की चाबी मुझे देते हुए बोली…”ये चाबी तुम अपने पास रख लो….”

मेने सबा की तरफ सवालियाँ नज़रो से देखा….तो सबा मुस्कुराते हुए बोली…”फ़ैज़ के दादा जी और मेरे सिवाए किसी को पता नही है कि, ये घर हमारा है…तुम ये चाबी अपने पास रखो….और कल सुबह-2 आकर घर का लॉक खोल देना..में किसी को भेज दूँगी…तुम सॉफ सफाई करवा लेना..और बिस्तरों को भी धूप लगवा देना…तुम्हे काम करने की ज़रूरत नही….जिसे भेजूँगी वो सब कर लेगी…”

में: कर लेगी मतलब किसी औरत को भेजो गे आप….

सबा: हां वो नरगिस थी नही जो हमारे यहाँ काम करती थी…जिसका फ़ैज़ के दादा जी के साथ चक्कर था….

में: हाँ पर वो तो अब इस दुनिया में नही रही….

सबा: हां उसका खाविंद भी इस दुनिया में नही रहा….लेकिन उसके बेटा और बहू हमारे पास ही काम करते है…रानी नाम है उसका….उसको उसके खाविंद के साथ भेज दूँगी….

में: पर तुम उससे कह कर क्या भेजोगी….उसे पता नही चलेगा कि ये घर तुम्हारा है….

सबा: तो क्या हुआ…उसकी सास को भी पता था…

में: तो फिर में क्यों यहाँ आऊ….वो सोचेंगे ऩही कि में यहा क्या कर रहा हूँ..

सबा: सोचने दो….वैसे भी उनमें इतनी हिम्मत नही कि, वो मेरे खिलाफ एक लफ़्ज भी बोले….ज़ीशान तो वैसे भी मेरा इतना करज़दार है कि, वो मूह खोल ही नही सकता…और उसकी बीवी रानी की पूछो ही मत…

में: क्यों क्या हुआ…..

सबा: उसे तो मेने रंगे हाथो पकड़ लिया था…ज़ेशन खेतो में काम देखता है… तो उसकी बीवी रानी यहा हम अब भैंसे बाँधते है वहाँ भैंसो का काम करती है..वही दो कमरे दिए है….

एक दिन में सुबह दूध लेने उधर गयी तो, रानी अपनी फूफी के बेटे से अपने माममे चुसवा रही थी….उसकी फूफी का बेटा उससे मिलने आया हुआ था….तब मेने उसको पकड़ लिया….तब से वो मुझसे इतना डरती है कि, वो अपनी ज़ुबान कभी नही खोलगी.. वैसे भी उनकी औकात नही है कि हमारे सामने मूह खोले…

में: लेकिन वो अपनी ही फूफी के बेटे से पर क्यों….

सबा: मुझे पक्का तो नही पता…लेकिन मेने सुना है ज़ेशन एक नंबर. का गान्डू है… हमारे खेतों में जीतने भी मजदूर है….सब ने उसकी गान्ड मारी हुई है…. उसे तो खुद अपनी गान्ड में लंड चाहिए….वो खाक अपनी बीवी को लंड देता होगा…तू डर मत….कुछ नही होता वैसे भी तूने सफाई ही तो करवानी है…

में: तो तुम भी तो आ सकती हो…..

सबा: में आउन्गि बाद में…..मुझे कल कुछ काम है….11 बजे तक फारिघ् होकर आ जाउन्गि…तब तक सॉफ सफाई भी हो जाएगी…

अभी हम कुछ ही दूर आए थी….कि सबा एक दम रुक गयी…और मेरी तरफ घूमते हुए उसने शलवार के ऊपेर से मेरे लंड को पकड़ लिया….और मेरे लंड जो कि ढीला था. उसे पकड़ कर दबाते हुए बोली….”तुम डरो नही….तुम्हारे पास ये है …इसके लिए तो, में तुम्हारी तरफ तेज हवा भी नही आने दूं….” सबा जिस अंदाज़ से मेरे लंड को दबा रही थी….उसकी आँखो में शोखी सॉफ नज़र आ रही थी…मेरा लंड थोड़ा सा सख़्त हो गया था….सबा ने देखा कि अभी छोटे वाला रोड काफ़ी दूर है…और दूर -2 तक कोई नज़र नही आ रहा….दोनो तरफ वैसे भी गन्ने की फसल खड़ी थी…सबा ने मेरी शलवार का नाडा ढीला करना शुरू कर दिया….

में: ये क्या कर रही हो…अगर कोई आ गया फिर देखना क्या बनता है हमारा…

सबा: हाहाहा तुम सच में बड़े डरपोक हो….मेरे होते हुए कोई तुम्हारी तरफ आँख भी नही उठा कर देख सकता….

में: वो तो ठीक है…पर अब ये क्या कर रही हो….

सबा ने मेरी शलवार को ढीला करके लंड बाहर निकाल लिया...”समीर तुम्हारा लंड बड़ा प्यारा है…इसने जो सकून मेरी फुद्दि को दिया है…. 
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