RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
विनोद को यूँ मुझे अपने साथ ले कर उठता देख कर मैने विनोद की कमर को दोनो तरफ अपने पैर ज़ोर से जकड लिए ता कि में नीचे गिरने से बच जाऊ.
में इस वक्त विनोद की बाहों में जकडी बिल्कुल छोटी सी एक बच्ची लग रही थी. और विनोद मेरे वजूद को एक फूल की तरह अपनी गोद में उठा कर कमरे के फर्श पर खड़े खड़े मुझे पूरी ताक़त से चोदने में मसरूफ़ हो गया था.
विनोद मेरे जिस्म को हवा में उछालते हुए मेरी चुदाई कर रहा था.
जिस की वजह से विनोद का खंबे जैसा लंड मेरी चूत में जड तक घुस रहा था.और में अब विनोद की सख़्त जवान छाती के निपल्स को अपने दाँतों से हल्का हल्का काट कर अपने और विनोद के मज़े को दुगुना करने में मसगूल थी.
थोड़ी देर यूँ चोदने के बाद विनोद ने मुझे एक बार फिर बिस्तर पर पटका. और खुद कमरे के फर्ष पर खड़े हो कर मेरी दोनो टाँगो को अपने कंधे पर रख दिया.
मेरे इस तरह बिस्तर पर लेटने से मेरी चूत उपर की तरफ उठ गई. तो विनोद ने खुद फर्श पर ही खड़े रह कर मेरी चुदाई जारी रखी.
विनोद अपनी पूरी ताक़त से मुझे चोद रहा था. और में अपने यार के लंड के स्वाद से बे हाल हो कर ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने में मसरूफ़ थी. कि इतने में चाय की ट्रे ले कर मेरा असली शौहर यासिर कमरे में दाखिल हुआ.
कमरे के साइड टेबल पर चाय रख कर फर्श पर बिखरे मेरे और विनोद के इधर उधर बिखरे कपड़ों पर चलते हुए यासिर हमारे नज़दीक आया. और हमारे पास खड़े हो कर अपनी पॅंट में अकडे हुए लंड पर अपना हाथ मारते हुए विनोद के साथ मेरी मस्त चुदाई के मज़े लेने लगा.
यासिर अब अपने लौडे को पॅंट के उपर से हल्का हल्का दबाते हुए हमारी चुदाई को देखने में मगन था.
मगर विनोद और में यासिर की कमरे में मौजूदगी की परवाह किए बगैर अपनी गरम चुदाइ में मसरूफ़ रहे.
“लगता है विनोद के लंड से मेरी बीवी की गरम चूत की प्यास अभी तक बुझी नही शायद”
मेरे साथ बिस्तर पर बैठ कर मेरे हाथ को अपने हाथ में लेते हुए यासिर बोला.
“चूत की प्यास बुझवाते बुझवाते मैने तो अपनी गान्ड को भी विनोद के मोटे सख़्त लंड का चस्का भी लगा दिया है मेरी जान” अपने शौहर की बात सुन कर मैने मस्ती भरे लहजे में यासिर को जवाब दिया.
“क्या मतलब है तुम्हाराआआ” मेरी बात सुन कर यासिर एक दम चोंका.
“बात ये है कि मेरी जिस कंवारी गान्ड का मज़ा लेने के लिए तुम पिछले दो सालो से मेरी मिन्नतें कर रहे थे, मैने अपनी वो सील बंद गान्ड कल रात तुम्हारे दोस्त के हवाले कर के विनोद के अनकट लौडे को अपनी पाकिस्तानी मुलायम गान्ड का पानी भी पिला दिया है मेरी जान” मैने यासिर को ये बात कहते हुए जोश से अपनी गान्ड को बिस्तर से उठा कर विनोद के मोटे लौडे पर मारते हुए कहा.
“ऊFफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ तुम को तो मेरे इस पतले से लौडे को अपनी गान्ड में लेने के ख्याल से ही तकलीफ़ होती थी,तो विनोद के गधे जेसे लंड को अपनी कंवारी गान्ड में लेते हुए तुम्हें दर्द नही हुआ सायरा” मेरी बात सुनते ही यासिर ने हैरत जदा अंदाज़ में मेरी तरफ देखते हुए पूछा.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईई तकलीफ़ तो बहुत हुई थी, मागाआआआआआआर विनोद के फौलादी लौडे से अपनी कंवारी गान्ड की सील तुड़वाने में मुझे जो मज़ा मिला, वो मज़ा तो शायद मुझे तुम से अपनी चूत की सील खुलवाते वक्त भी नही आया था यासिर” यासिर की बात के जवाब में मुस्कुराते हुए मैने अपने शौहर की आँखों में आँखे डाल कर जवाब दिया. और इस के साथ ही एक बार फिर विनोद के सख़्त जवान लौडे पर अपनी चूत का पानी छोड़ दिया.
“ये तो मेरे हक में अच्छी बात है, क्यों अब में भी तुम्हारी गान्ड का मज़ा ले सकूँ गा सायरा” मेरी बात ख़तम होते ही यासिर ने खुशी के मारे उछलते हुए मुझ से कहा.
“ज़्यादा खुश मत हो मेरी जान, क्योंकि विनोद के साथ साथ में तुम्हें भी अपनी चूत तो चोदने ज़रूर दूं गी,मगर मेरी गान्ड पर हक सिर्फ़ और सिर्फ़ विनोद का हो गा, और सिर्फ़ विनोद का लौडा ही मेरी गान्ड के मज़े ले गा यासिर जान” मैने दो टुक अंदाज़ में अपना फ़ैसला यासिर को सुनाया. तो मेरी बात सुन कर मेरा शौहर यासिर थोड़ा मुरझा सा गया.
“ उफफफफफफ्फ़ ये बात कह कर तुम ने तो मेरा दिल बाग बाग कर दिया है ,चलो अब इस खुशी में तुम जल्दी से बिस्तर पर घोड़ी बन कर लेटो,में तुम्हारी इस दिल नशीन चूत का पीछे से मज़ा लेना चाहता हूँ मेरी जान” मुझे चोदते चोदते विनोद ने मेरी चूत के जूस से भरे अपने मोटे और लंबे लौडे को खैंच कर एक दम बाहर निकाला और मुझे बिस्तर पर उल्टी लेट कर घोड़ी बन जाने का कहा.
विनोद की बात पर अमल करते हुए में ज्यों ही बिस्तर पर घोड़ी बन कर झुकी. तो विनोद ने एक लम्हा ज़ाया किए बगैर अपना लंड एक बार फिर मेरी गरम प्यासी चूत में डाल दिया.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई मज़ाआआआआआ आआआआआअ रहा है अपनी बीवी को एक गैर मर्द के लंड से चुदवाते देख कर तुम्हें यासिर” ज्यों ही विनोद का लंड एक बार फिर फिसलता हुआ मेरी चूत में पीछे से घुसा . तो मज़े से सिसकते हुए मैने अपने पास बैठे अपने शौहर की तरफ देखते हुए पूछा.
“ओह अपनी नज़रों के सामने अपनी ही बीवी की चूत में किसी और मर्द का लौडा जाते देख कर मुझे बहुत ही मज़ा आ रहा है सायरा” मेरी बात सुन कर यासिर भी सिसकते हुए बोला.
“इस मज़े को दुगुना करने चाहते हो यासिर” अपने शौहर की बात सुनते ही मैने पूछा.
“हाईईईईईईईईईईईईईिन मगर केसे” मारी बात के जवाब में यासिर एक दम बोला.
“वो ऐसे कि विनोद तो उपर से मेरी चूत में अपने लौडा पेल रहा है, अब तुम बिस्तर से उठ कर फर्श पर बैठो, और नीचे से मेरी खुली टाँगों के दरमियाँ से मेरी चूत के छोले को अपनी गरम ज़ुबान से चाटो,ताकि में विनोद के सख़्त लौडे के साथ साथ तुम्हारी गरम ज़ुबान का मज़ा भी ले सकूँ, इस तरह ना सिर्फ़ मुझे ज़्यादा स्वाद मिले गा,बल्कि तुम्हें भी अपनी बीवी की चूत के तंग होंठों को चोडा करते हुए विनोद के अनकट लौडे को नज़दीक से देखने का मोका मॉयसर होगा मेरी जान” अपने शौहर को ये बात तफ़सील से कहते हुए मैने अपनी थल थल करती गान्ड को पीछे किया. तो मेरी पानी छोड़ती चूत में विनोद का लौडा बगैर किसी रोक टोक के घुस कर मेरी चूत को राहत पहुँचाने लगा.
मेरी बात सुनते ही यासिर एक दम से बिस्तर से उठा. और फिर कमरे के फर्श पर विनोद की टाँगों के दरमियाँ बैठ कर मेरे असल शौहर यासिर ने मेरी चूत के दाने पर अपने गरम होंठ चिस्पान कर दिए.
“ओह यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर,ओह विनॉद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” यासिर ने ज्यों ही फर्श पर बैठ कर नीचे से मेरी चूत के मोटे होंठों को अपने गरम मुँह में भरा. तो मज़े की शिद्दत से बे हाल होते हुए मेरे मुँह से अपने दोनो शोहरों के नाम एक साथ निकल गये.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई तुम्हरीईईईईईईईई बीवीीईईईईईईईईईईई की इस गरम चूत और कंवारी गान्ड का मज़ा लेने के बाद में तो तुम्हारी बीवी का आशिक़ हो गया हूँ यासीर्र्र्र्र्र्र्र्ररर” यासिर की ज़ुबान ने ज्यों ही मेरी चूत को छुआ. तो मेरी सिसकियों के साथ साथ विनोद के मुँह से भी साथ ही ये अल्फ़ाज़ निकल पड़े.
इस की वजह ये रही थी. कि ज्यों ही यासिर ने मेरी गरम फुद्दि को अपने मुँह में भरा.
तो मेरी चूत चूमने के साथ साथ यासिर की गरम ज़ुबान मेरी चूत में तेज़ी से फिसलते हुए विनोद के लोहे जेसे सख़्त लंड को भी हल्का सा छू गई.
इसी लिए अपने लौडे पर पहली बार किसी मर्द की गरम ज़ुबान को महसूस करते ही मेरे साथ साथ मज़े के मारे विनोद भी मचल उठा था.
अपने दोस्त यासिर की गरम ज़ुबान का अपने मोटे लौडे के साथ छूने का अहसास होते ही विनोद ने एक दम अपने लौडे को मेरी चूत से बाहर की तरफ खैंचा.
और दूसरे ही लम्हे मेरी छलकती गान्ड की मोटी पहाड़ियों को अपने हाथों में दबोचते हुए एक दम झटका मारा. तो विनोद का लौडा फिसलता हुआ जड तक मेरी पानी पानी होती चूत में चला गया.
जिस के साथ ही विनोद के अनकट लौडे के मोटे जूस भरे टटटे मेरे गुदाज चुतड़ों से रगड़ ख़ाते हुए ,नीचे से मेरी चूत के दाने को चूस्ते और चाटते मेरे शौहर यासिर की तोड़ी (चिन) से टकरा गये.
विनोद के मोटे और बड़े टटटे जेसे ही मेरे शौहर यासिर की चिन से ठप कर के टकराए.
तो मेरे नये शौहर विनोद के अनकट हिंदू लंड का बाँध टूट गया. और विनोद के सख़्त और मोटे लौडे ने एक बार फिर अपना बच्चे पेदा करने वाला गरम और लैस दार वीर्य मेरी मुस्लिम पाकिस्तानी कोख में खारिज करना शुरू कर दिया.
“ओह भर दो मेरी बीवी की चूत को अपने लैस दार पानी से और बना दो मेरी बीवी को अपने बच्चे की माआआआ” इधर विनोद के लौडे ने मेरी बच्चे दानी को अपने थिक जूस से भरना शुरू किया. तो दूसरी तरफ नीचे से मेरी चूत को चाटते हुए यासिर बोला.
मेरी फुद्दि को अच्छी तरह अपने लंड के पानी से सराबोर करने के बाद विनोद ने अपने लंड को बाहर निकाल लिया.
विनोद के लंड निकालते ही में बाई ओर सीधी हो कर फर्श पर विनोद के कदमों में बैठे यासिर के करीब आ कर बैठ गई.
यासिर के करीब आते ही मैने देखा कि मेरा शौहर यासिर अपनी आँखे फाड़ फाड़ कर मेरी चूत और अपने लंड के पानी से भीगे हुए विनोद के मोटे लौडे को देखने में मसरूफ़ था.
अपने शौहर को विनोद के मोटे लंबे और जवान सख़्त लौडे को टक--टॅकी बाँधे देखते हुए मेरे जेहन में एक दम एक ख्याल आया.
तो मैने जल्दी से विनोद के घोड़े जेसे लंड को अपने हाथ में पकड़ते हुए यासिर की तरफ देखा और बोली “ओह तुम्हारे दोस्त के इस मोटे सख़्त लंड ने कल रात से अब तक तुम्हारी बीवी की गरम चूत को बहुत ही स्वाद दिया है, इसीलिए में चाहती हूँ कि तुम अपने दोस्त के इस लंड को अपने मुँह और ज़ुबान से चाट कर अपने दोस्त के इस लौन्डे का शुक्रिया अदा करो”
“नहियीईईईईईईई तुम ने विनोद की चुदि हुई अपनी चूत को तो मुझ से चटवा कर सॉफ करवा लिया है, मगर मुझ से विनोद के इस गंदे लौडे को चाटने का ये काम नही हो सके गा सायराआआ” मेरी बात सुन कर यासिर ने एक दम घबरा कर मेरी तरफ देखते हुए कहा.
“जो लौडा तुम्हारी बीवी की चूत और गान्ड में जा कर तुम्हारी बीवी की चूत को इज़्ज़त बख़्श सकता है,वो लौडा गंदा केसे हो सकता है, विनोद का ये लंड अगर मेरी चूत में जाने के काबिल है, तो यक़ीनन ये तुम्हारे मुँह में जाने के लायक भी है” यासिर की बात सुन कर मैने अपने शौहर को समझाते हुए कहा.
“मेरी बात मानो में ये काम नही कर पाउन्गा सायराआआआआ” मेरी बात के जवाब में यासिर बदस्तूर अपनी बात पर अडा रहा.
“तुम अच्छी तरह जानते हो कि मेरी कोख में पालने वाला बच्चा इसी लंड की मेहरबानी है का नतीजा है, इसी लंड की वजह से तुम को बाप बनने और अपने खानदान में औलाद वाला कहलवाने का मोका मायसर हो रहा है, इसीलिए चलो अब ज़िद छोड़ो और एक अच्छे शौहर की तरह अपनी बीवी के आशिक़ के लंड को अपने मुँह से भी वो ही मज़ा दो,जेसा मज़ा तुम्हारी बीवी अपनी चूत इस लौडे को देती है यासिर” यासिर को एक बार फिर प्यार से समझाते हुए में बोली.
“मगर सायराआआआआआआआआआ” यासिर ने एक बार फिर अपनी ज़िद पर कायम रहने की कॉसिश की.
“मैने तुम्हारी फॅंटेसी को पूरा करने के लिए अपनी चूत के साथ आज अपनी कंवारी गान्ड भी इस घोड़े जेसे लौडे से फडवा ली है और तुम मेरी इतनी छोटी सी बात मानने से इनकार कर रहे हो यासिर” अपने शौहर यासिर का इनकार सुन कर मैने अपने शौहर से शिकवा किया.
जेसे यासिर मुझे अपनी नज़रों के सामने किसी और मर्द से चुदवाने की ख्वाहिश अपने दिल में रखता था.
बिल्कुल उसी तरह नज़ाने क्यों आज मेरा दिल भी ये चाहने लगा था. कि में अपनी नज़रों के सामने अपने शौहर यासिर को किसी और मर्द के लौडे को चाट्ता और चूसता देखूं.
और अपनी इसी ख्वाहिश को पूरा करने की खातिर में यासिर से विनोद के लौडे को सक करने की ज़िद करने में लगी हुई थी.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईईईईईईईई अच्छा नाराज़ मत हो में तुम्हारी खुशी की खातिर आज ये काम भी कर लेता हूँ सायरा” मेरे शिकवे को सुनते हुए यासिर ने एक लम्हे के लिए कुछ सोचा. और फिर दूसरे ही लम्हे भिलख़िर मेरी बात को मानते हुए पानी टपकाते विनोद के लौडे के करीब अहिश्ता आहिस्ता अपना मुँह ले गया.
विनोद के लौडे के नज़दीक अपना मुँह ले जाते ही यासिर ने अपना मुँह थोड़ा सा खोला. और विनोद के मोटे लंबे लौडे की एक साइड फिर झिझकते झिझकते अपने मुँह को रख दिया.
“ओह” यासिर के गरम मुँह ने ज्यों ही एक बार फिर से विनोद के लंड को छुआ. तो यासिर के मुँह को अपने लंड पर महसूस करते हुए विनोद सिसक उठा.
कहते हैं कि ज़िंदगी में हर ग़लत काम पहली दफ़ा करने में इंसान हमेशा एक झिझक और शरम सी महसूस करता है.
मगर एक दफ़ा जब इंसान वो ग़लत काम कर बैठता है. तो फिर इसी काम को दूसरी दफ़ा करने पर इंसान को किसी किसम की नदमत नही होती.
बिल्कुल इसी तरह विनोद के लौडे को पहली बार अपने मुँह से छूने के दौरान यासिर एक लम्हे के लिए हिचकिचाया.
मगर फिर दूसरे ही लम्हे उस ने अपना पूरा मुँह खोला. और अपने दोस्त विनोद के मोटे सख़्त लंड पर अपने गरम मुँह को गरम जोशी के साथ चिस्पान कर दिया.
थोड़ी देर विनोद के लंड को एक साइड से चूमने और चाटने के बाद यासिर ने विनोद के मोटे लंड को अपने हाथ में थामा.
और फिर अपने मुँह को खोलते हुए विनोद के जवान लंड का मोटा अनकट टोपा अपने मुँह में भरना शुरू कर दिया.
“ओह मैने बहुत से मर्द देखे हैं, जो अपनी बीवी की खुशी के लिए उन की काफ़ी सारी बातें मान लेते हैं, मगर तुम इस दुनिया के शायद वहीद मर्द हो जो अपनी बीवी की खुशी के लिए आज किसी दूसरे मर्द का लौडा भी चूसने को तैयार हो गये हो,तुम पर अफ्रीन है यासिर” यासिर ने जेसे ही मेरी चूत के पानी से तर विनोद के मोटे अनकट टोपे को अपने मुँह में भरा. तो अपने दोस्त के मुँह की गर्मी को महसूस करते हुए विनोद सिसकार उठा और इस के साथ ही विनोद का ढीला पड़ता लौडा फिर से सख्ती में आने लगा.
इस के साथ ही विनोद ने मेरे शौहर यासिर के चेहरे को अपने हाथों से पकड़ कर एक ज़ोर दार झटका लगाया.
तो विनोद का लंबा मोटा सख़्त होता लंड दूसरे ही लम्हे फिसलता हुआ मेरे शौहर यासिर के हलक तक अंदर चला गया.
“गुपप्प्प्प्प्प गुपप्प्प्प्प्प्प्प्प गुपप्प्प्प्प्प” विनोद के मोटे लौडे के यासिर के हलक़ में जाने की वजह से इसी तरह की आवाज़ निकली. तो यासिर ने अपना मुँह मज़ीद खोलते हुए अपने दोस्त के फौलादी लौडे को अपने मुँह के अंदर अकॉमडेट कर लिया.
“ओह तुम्हारा मुँह तो मेरी पहली बीवी सपना की चूत से भी ज़्यादा तंग और गरम है यासिर” ये कहते हुए विनोद ने मेरे शौहर के मुँह में अपने पूरा लौडा डाल कर मेरे शौहर यासिर के मुँह को अपने लंड से बिल्कुल इसी अंदाज़ में चोदना शुरू कर दिया. जिस तरह वो रात भर मेरी चूत को चोदता रहा था.
“हाईईईईईईईईईईई चोदूऊऊओ यासिर के कंवारे मुँह को विनोद, और मेरे शौहर के मुँह को अपने गरम पानी से इसी तरह भर दो, जिस तरह तुम ने मेरी चूत को भरा है विनॉद्द्द्द्दद्ड” अपने शौहर के मुँह को एक और मर्द के लंड से यूँ चुदते देख कर में भी यासिर की तरह गरम हो कर अब बिस्तर पर लेटी अपनी चूत को अपने हाथ से चोदने में मसरूफ़ हो गई थी.
“तुम दोनो मियाँ बीवी तो मज़े दे दे कर मेरी जान ही निकाल दो गे” मेरी बात सुनते ही विनोद बोला और उस के साथ ही उस के धक्कों की रफ़्तार तेज से तेज ही होती गई .
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