RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“ओूऊऊ सायरा तुम्हारी गान्ड बहुत ही टाइट है, इस की वजह से तुम्हें शुरू में यक़ीनन थोड़ी तकलीफ़ हो गी, मगर एक बार अपनी गान्ड मरवा लेने के बाद तुम्हें ऐसा मज़ा मिलेगा कि तुम अपना सारा दर्द भूल जाओ गी मेरी जान”ये कहते हुए विनोद ने गान्ड के उपर ज़ोर से थप्पड़ मारते हुए मेरे चुतड़ों को अपने हाथ में दबोच कर मेरी गान्ड को दुबारा उपर किया.
इस के साथ ही विनोद ने मेरी गान्ड में बुरी तरह से फँसाए हुए अपने लंड को गान्ड से थोड़ा सा बाहर निकाला. और फिर उसी तेज़ी से दोबारा झटका मार कर अपने लंड को दुबारा मेरी गान्ड में पेल दिया.
में दुबारा चीखती हुई बिस्तर से उठी तो मेरी कमर विनोद की सख़्त जवान छाती से टकराई.
दर्द की शिद्दत से घबराते हुए मैने बे इख्तियारी में अपने पीछे खड़े विनोद की गान्ड को ज़ोर से अपने हाथों में थाम कर विनोद के जिस्म के साथ अपने जिस्म चिपकाया.
तो इस के साथ ही मेरी गान्ड की भारी थल तल केरती पहाड़ियों में से टहलते हुए विनोद का मोटा लौडा जड़ तक मेरी गान्ड के अंदर फिसलता चला गया.
ज्यों ही विनोद का लंबा, मोटा अनकट लौडा मेरी गान्ड को पूरी ताक़त से खोलते हुए मेरी गान्ड में पूरा घुसा .
तो विनोद ने पीछे से मेरे कान में सेरगोशी की “तुम्हारी पाकिस्तानी गान्ड की सील मेरे इंडियन लौडे ने खोल दी है, मुबारक हो मेरी जान सायरा” ये कहते हुए विनोद ने अपने लंड को फिर थोड़ा पीछे खैंचते हुए दुबारा से धक्का मारा.
तो में पेट के बल दुबारा से अपने बिस्तर पर गिर गई और फिर विनोद मेरी चीखो की परवाह किए बगैर बे दरदी से मेरी गान्ड को चोदने में मसरूफ़ हो गया.
विनोद के ज़ोर दार धक्कों की बदौलत मेरी गान्ड में दर्द की शदीद टीन्से उठने लगी थी.
मगर विनोद मेरी चीखों की परवा किए बगैर एक जंगली सांड की तरह मेरे उपर चढ़ कर मेरी गान्ड चोदने में लग चुका था.
अपने नये शौहर से अपनी गान्ड मरवाने के दौरान मुझे जितनी तकलीफ़ हो रही थी. इतनी तकलीफ़ तो यासिर से पहली बार अपनी कंवारी चूत की सील तुड़वाते हुए भी मुझे नही महसूस हुई थी.
और अपनी गान्ड में होने वाले इस दर्द की वजह से मेरे बदन का रोया रोया काँप रहा था और मेरा पूरा बदन पसीने से भीग गया था.
“मुझे चाहिए कि विनोद के आगे से हट कर अपनी गान्ड से इस सख़्त लंड को निकाल दूं” मेरे रोकने के बावजूद जब विनोद ने मेरी गान्ड मारने का काम जारी रखा तो मेरे दिल में ये ख्याल आया.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईई इसीईईईईईईई अनकट लौडे के मज़े को हासिल करने के लिए ही तो मैने अपना नाज़ुक बदन, अपनी चूत और अपनी इज़्ज़त दाँव पर लगाई थी,और अब जब इस अनकट लौडे का मज़ा मुझे नसीब हो रहा है तो मुझे इस मज़े को एंजाय करना चाहिए,क्योंकि इस दुनिया में ऐसी खुश नसीब औरते कम ही होती हों गी, जिन को इतना मोटा सख़्त और जान दार लंड से चुदवाने का मोका मिलता हो गा”पहले ख्याल के ज़हन में आते साथ ही दूसरे ही लम्हे एक नया ख्याल मेरे दिमाग़ में आया.
तो एक दम से मुझे अपनी गान्ड में दर्द कम सा महसूस होने लगा. और दर्द की तकलीफ़ कम होने के साथ ही मुझे पहली दफ़ा अपनी गान्ड को मरवाने में भी मज़ा आने लगा.
इसी लिए मैने अब एक बार फिर बिस्तर पर पेट के बल लेटते हुए अपनी गान्ड को अपने हाथों से खोलते हुए विनोद के लंड पर ज़ोर से मारा. और अपने नये शौहर विनोद से बे शरमाई से पूछने लगी “केसी लगी मेरी कंवारी पाकिस्तानी गान्ड की आराम गाह मेरे हिंदू सनम के अनकट लौडे को मेरी जान”
“उफफफफफफफफफ्फ़ लगता है कि तुम्हारी चूत के साथ साथ तुम्हारी ये गुदाज गान्ड भी सिर्फ़ मेरे लौडे के लिए बनी है,क्योंकि तुम्हारी ये चिकनी मुलायम भारी जवान मुस्लिम गान्ड ही वो जगह है, जहाँ अब मेरे हिंदू लंड को सकून मिल सकता है मेरी रानी”ये कहते हुए विनोद ने मेरी गान्ड से अपना आधा लौडा निकाला और फिर झटके से मेरी गान्ड में अपना लंड डाल दिया.
“उफफफफफफफफफफफ्फ़ तो अब इंतेज़ार किस बात का, मेरी गान्ड का दरवाज़ा तो तुम तोड़ ही चुके हो,अब मेरी गान्ड की वादी में अपना आना जाना जारी रखो और मेरी चूत की तरह मेरी गान्ड को भी अपना गुलाम बना लो मेरे हिंदू राजा”कहते हुए में भी अपनी चौड़ी गान्ड को पीछे धकेलते हुए विनोद के मोटे ताज़े जवान लंड को अपनी गान्ड की गहराई में खुशामदीद कहने लगी थी.
मेरी और विनोद की ज़ोर दार चुदाई की वजह से पूरे कमरे में मेरी और विनोद की लज़्ज़त भरी तेज चीखे गूँज रहीं थी. “आआहह उूुुउउफफफफफ्फ़ ऊउीईईईई माआईयईईईईईईन्न्नणणन् म्माआररर्र्र्ररर गगगैइिईईईईईईई उूुुउउफफफफ्फ़ विनोद आप बहुत अच्छी चुदाई करते हैं आअहह मुझे बहुत मज़ा आ रहा है”
विनोद ने जब देखा कि में अब अपनी गान्ड की चुदाई को एंजाय करने लगी हूँ. तो उस ने भी और भी तेज झटके मेरी गान्ड में मारना शुरू कर दिए.
विनोद के ज़ोरदार घससों की बदौलत मेरी छाती से लटकते मेरे बड़े बड़े मम्मे बुरी तरह हिल हिल और उछल उछल कर मेरे बिस्तर के गद्दे के साथ रगड़ खा रहे थे.जिस की वजह से मेरे मम्मो के निपल्स मजीद अकड कर खड़े हो गये थे.
और फिर वो वक्त आ ही गया जब विनोद ने अपने लंड का सफेद पानी मेरी गान्ड की वादियों में उडेल दिया.
मेरी गान्ड मेरे नये शौहर विनोद के लौडे के थिक पानी से पूरी की पूरी भर गई.
तो विनोद के लंड का पानी क़तरा क़तरा कर के मेरी गान्ड से बाहर निकल कर मेरी रानो पर बहने लगा.
इतनी ज़ोर दार चुदाई के बाद हम दोनो प्रेमी जोड़ा पसीना पसीना जिस्मो के साथ बिस्तर पर एक दूसरे के उपर पड़े बुरी तरह हाँफ रहे थे.
थोड़ी देर साँस लेने के बाद विनोद ने अपना ढीला पड़ता लंड मेरी गान्ड से बाहर निकाला और बिस्तर पर मेरे बराबर लेट गया.
अब में कमरे में बिस्तर पर अपने नये शौहर के साथ लेटी हुई उस की छाती के बालों में अपनी उंगलियाँ फेर रही थी.
जब कि विनोद अपनी नई बीवी के बड़े बड़े मम्मो और तने हुए निपल्स के साथ खेलने में मशगूल था.
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