RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
मैने चूँकि यासिर को अपनी गान्ड कभी नही मारने दी थी. इसीलिए गान्ड को चाटने का काम करना तो दर किनार यासिर ने तो शायद मेरी गान्ड को चाटने के बारे में कभी सोचा तक नही था.
इसीलिए अपनी गान्ड से इस तरह किसी मर्द का पूर जोश प्यार करने का ये तजुर्बा मेरे लिए बिल्कुल नया था.
विनोद की ज़ुबान में एक जादू था. इसी लिए जब उस की ज़ुबान मेरी चूत से होते हुए मेरी कंवारी गान्ड के छेद के उपर से गुज़रती तो मज़े की शिद्दत से में काँप जाती.
मुझे अपने नये शौहर विनोद की इस हरकत से बहुत मज़ा आ रहा था. और में लज़्ज़त के मारे सिसकारियाँ लेने लगी. उूुुुुउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़ आआआआआआआआअहह.
मेरा नया शौहर पहली रात की तरह आज फिर मुझे चुदाई के मज़े की एक नई दुनाया से पर्चित करवाने में मसरूफ़ था.
और उसी मज़े को पा कर में बिस्तर के तकिये में अपने मुँह दबा कर सिसकियाँ लिए जा रही थी.
कुछ देर मेरी गान्ड को चाट चाट कर विनोद ने मेरी गान्ड के सुराख को पूरा गीला कर दिया.
मेरी गान्ड को अपने मोटे लंड के लिए अच्छी तरह से तैयार करने के बाद विनोद ने मेरी गान्ड से अपना मुँह अलग किया. और फिर खुद थोड़ा उपर उठ कर साथ ही मेरी कमर में भी हाथ डाला और मेरी गान्ड को भी पीछे से थोड़ा उपर उठा लिया.
इस तरह बिस्तर पर लेटने से मेरी गुदाज और भारी चुचियाँ आगे से बिस्तर के गद्दे में धँसी.
तो पीछे से मेरी गान्ड पूरी तरह से हवा में उठ कर उपर की तरफ हो गई थी.
मेरी गान्ड को इस तरह अपने सामने पूरी तरह खोलते हुए विनोद ने अपने मोटे लंड को अपने हाथ में थामा. और फिर पीछे से एक दम मेरी गान्ड के कंवारे सुराख के ऐन उपर थूक कर पहले से गीली मेरी गान्ड को अपने थूक से मज़ीद तर कर दिया.
विनोद की इस हरकत से में समझ गई कि अब मेरा नया हिंदू शौहर अपनी मुसलमान बीवी की कंवारी गान्ड के छेद को अपने अनकट लौडे से खोलाने के लिए बिल्कुल तैयार हो चुका है.
अपने जानू विनोद के इरादे को अच्छी तरह से भाँपते हुए मैने भी अपने दोनो हाथों को पीछे ले जा कर अपनी चौड़ी गान्ड की गुदाज पहाड़ियों को अपने हिंदू सनम के जान दार और तगड़े लंड का इस्तक्बाल करने के पूरी तरह से खोल दिया.
मुझे यूँ अपने हाथों से अपनी गान्ड की पहाड़ियों खोलते देख कर विनोद मेरे नज़दीक आया.
और उस ने अपने लंड का मोटा अनकट टोपा अपने थूक से भरी मेरी कंवारी गान्ड के ब्राउन सुराख के ऐन उपर टिका दिया.
विनोद के मोटे लंबे और सख़्त अनकट हिंदू लौडे को अपनी गान्ड के सुराख से पहली बार टच होते हुए महसूस कर के मेरी तो साँस ही मेरे गले मे अटक गई.और में अपनी साँस रोके आने वाले अगले पल का इंटिजार करने लगी थी.
इस से पहले के में कुछ समझ पाती विनोद ने एक दम से अपना मस्त लंड मेरी गान्ड के गीले सुराख पर रख कर एक ज़ोरदार झटका मारा.
तो विनोद के लंड का मोटा टोपा जो कि मेरी चूत के पानी की वजह से पहले ही बहुत चिकना हो चुका था.
वो मेरी गीली गान्ड की कंवारी दीवारों को चीरता हुआ मेरी गान्ड के अंदर घुस गया.
“हाईईईईईईईईईईईईईई मेन्ंनननननननणणन् मर गैिईईईईईईईईईईईईईईईईई” विनोद के सख़्त लौडे के इतने ज़ोरदार धक्कों को महसूस करते हुए मेरे मुँह से बे इकतियार एक चीख निकली.
और में विनोद के लंड के धक्के के ज़ोर से बिस्तर पर गिर गई.
विनोद के मोटे टोपे के मेरी गान्ड में घुसते ही घुड़ाप की तेज आवाज़ मेरी गान्ड से निकली.
तो मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी गान्ड के अंदर कुछ फॅट गया था.इस के साथ ही विनोद के मोटे अनकट लौडे ने मेरी कंवारी गान्ड की सील तोड़ दी.
विनोद का लंड मेरी गान्ड में घुसने की वजह से मुझे इतना शदीद दर्द हुआ और में इतने ज़ोर से चीखी थी. कि विनोद का घर तो घर मेरी चीख की आवाज़ शायद उस पूरे एरिया में पहुँच गई होगी.
अपनी कंवारी गान्ड में पेदा होने वाला ये दर्द मुझ से सहा नही जा रहा था. और मुझे यूँ महसूस हुआ कि जेसे पीछे से मेरी गान्ड का छेद बुरी तरह चोदा हो गया हो.
जिस की वजह से मेरी आँखों मे आँसू आ गये थे. और दर्द की शिद्दत से कराहते हुए मैने अपनी आँखे बंद कर ली.
इस से पहले कि में संभाल पाती .विनोद ने फिर एक ज़ोरदार धक्का मारा और उस का लंड चन्द इंच मज़ीद मेरी कंवारी गान्ड में घुसता चला गया
“आआआआआअ ऊऊऊऊऊऊ,ईईईईईईईईईईईईई,मम्माआआअ बस करो विनोद आहह,छोड़ दो मुझे ,उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम्हारे इस मोटे लौडे ने तो मेरी शादी शुदा चूत का कचूमार निकाल दिया है,तो अब तुम्हारा ये गधे जेसा लौडा मेरी इस मासूम कंवारी गान्ड की हालत ही बिगाड़ देगा ,में और नहीं झेल सकती, प्लीज़ में तुम्हारे हाथ जोड़ती हूँ,आआहह निकाल लो”दर्द के मारे चिल्लाते हुए मैने अपने हाथों में अपने सुहाग के बिस्तर की चादर को ज़ोर से पकड़ा.और साथ ही साथ अपने शौहर विनोद की मिन्नतें करने लग गई.
“आख़िर इतना लंबा चौड़ा और मोटा लंड कैसे किसी औरत की गान्ड मे जा सकता है, ये तो मुझे पहले सोचना चाहिए था” मगर अपने जिस्म की जिन्सी भूक के आगे मजबूर हो कर मैने विनोद को अपनी कंवारी गान्ड की सील खोलने की दावत तो दे दी थी.
मगर अब विनोद के लौडे को अपनी गान्ड में घुसते हुए महसूस कर के मुझे पूरा यकीन हो चुका था. कि में विनोद के गधे जेसे मोटे लंड को अपनी छोटी सी मासूम गान्ड में नही ले पाउन्गी.
अपनी गान्ड में इतना मोटा लंड पहली दफ़ा लेने दर्द की वजह से मेर बुरा हाल हो चुका था.और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी गान्ड का छेद फॅट चुका हो.
मगर विनोद कब रुकने वाला था.वो तो लगता था कि शायद गान्ड चोदने वाला एक पुराना खिलाड़ी है.
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