RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
इसी दौरान विनोद को ना जाने किया सूजी के उस ने मेरी चूत को अपने लंड से चोदते चोदते मेरी चौड़ी और मखमली गान्ड के भारी चुतड़ों को अपने हाथ से मज़ीद चौड़ा किया. और मेरी गान्ड के गुलाबी कुंवारे सुराख पर अपनी एक उंगली को रखते हुए मुझ से पूछा “ तुम्हारी इस मस्त गान्ड के छेद को देख कर ऐसे लगता है जेसे यासिर ने तुम्हारी गान्ड की सील अभी तक नही तोड़ी मेरी जान”
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ विनोद तो वाकई ही औरतों के मामले में एक बहुत ही माहिर खिलाड़ी है, जो मेरी गान्ड के सुराख को देखते ही समझ चुका है, कि यासिर ने मेरी गान्ड को अभी तक नही खोला” विनोद के हाथ की उंगली को अपनी गान्ड के सुराख में घुसते हुए महसूस करते ही मुझे इतना मज़ा आया कि मेरे जिस्म को एक झटका सा लगा. और सिसकते हुए मैने फिर से विनोद के मोटे सख़्त हिंदू लंड पर अपनी मुस्लिम चूत का पानी छोड़ दिया.
“हाआआआआअँ मेरी गान्ड अभी तक कंवारी है मेरी जान” अपनी गान्ड के सुराख पर फिरती हुई विनोद की उंगली के मज़े लेते हुए में आगे को झुकी और सिसकते हुए विनोद की बात का जवाब दिया.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ इतनी दिल कश, चौड़ी , गुदाज और मज़े दार गान्ड का मज़ा यासिर ने अभी तक नही चखा ये केसे हो सकता है मेरी जान” मेरी बात के जवाब में मेरे थोड़े थोड़े राउंड शेप के चुतड़ों पर अपना हाथ फेरते हुए हैरत जदा अंदाज़ में विनोद ने मुझ से सवाल किया.
“शायद तुम्हें पता हो या ना हो, कि पठान लोग गान्ड मारने के बहुत ही शोकीन होते हैं, इसी लिया शादी की पहली रात ही से मेरा शौहर यासिर मेरी गान्ड को मारने के लिए मेरी मिन्नतें कर रहा है, मगर मैने आज तक उस की ये बात नही मानी, क्योंकि मुझे गान्ड मरवाने से डर लगता है, लेकिन एक हिसाब से ये तुम्हारे हक में तो बहुत ही अच्छी बात है विनोद” मैने विनोद की बात का जवाब दिया.
“वो केसे जानुउऊुुुुउउ” विनोद ने मेरी बात का मतल्ब ना समझते हुए फिर पूछा.
“वो ऐसे मेरी जान कि सुहाग की रात को हर शौहर अपनी बीवी की कंवारी चूत की सील तोड़ कर अपनी बीवी के साथ अपनी शादी शुदा ज़िंदगी का आगाज़ करता है,मगर चूँकि यासिर तो मेरी चूत की सील पहले ही तोड़ चुका है,इसीलिए में अपनी ये कंवारी गान्ड आज तुम्हें अपनी सुहाग रात के तोहफे की शकल में पेश कर के ,तुम्हारे लंड से अपनी गान्ड की सील खुलवाना चाहती हूँ, और अपनी दूसरी शादी की सुहाग रात को अपनी गान्ड तुम से पहली बार चुदवा कर तुम्हारे साथ अपनी सुहाग रात का मज़ा दुगुना करनी चाहती हूँ मेरे पति परमेश्वर जी” अपनी गान्ड के उपर चलती हुई विनोद के हाथ की उंगली के मज़े से ही में इतना बे हाल हो चुकी थी. कि अब में विनोद के लौडे का मज़ा अपनी गान्ड में लेने पर अपने आप ही आमादा हो गई. और इसी लिए अपनी चूत में फुल स्पीड में दौड़ते हुए विनोद के लंड के मज़े को महसूस कर के बे शरमाई से मैने ये बात अपने मुँह से निकाल दी.
ये हक़ीकत थी कि शादी के पहले दिन से ही मेरा असल शौहर यासिर मेरी गान्ड मारने के चक्कर में मुझे राज़ी करने की कोशिश कर रहा था.
मगर अपनी दो साला शादी शुदा जिंदगी के दौरान मैने यासिर को कभी अपनी गान्ड के नज़दीक आने की इजाज़त नही दी थी.
लेकिन विनोद के अनकट मोटे और बड़े लंड ने मेरी फुद्दि को चोद कर जो लज़्जत मुझे दी थी. और उस अनकट लंड ने मेरी फुददी में वो आग लगी थी.
ये उसी मज़े और जिन्सी हवस का असर था. कि चूत के साथ साथ अब में अपने इंडियन हिंदू यार को अपनी बड़ी और चौड़ी कंवारी पाकिस्तानी गान्ड भी पेश करने पर तूल चुकी थी.
“ओह सच पूछो तो मैने जब दुबई एरपोर्ट पर पहली दफ़ा तुम्हें देखा था, तो उसी दिन से ही में तुम्हारी इस चौड़ी और उठी हुई गान्ड का आशिक़ हो गया था, और उस दिन से आज तक ना जाने कितनी दफ़ा में अपने ख्वाबों में तुम्हारी इस भारी गान्ड के मज़े लिए हैं,और आज तो अपने लंड से तुम्हारी गान्ड की सील खोल कर ना सिर्फ़ में अपने इन ख्वाबों को हक़ीकत का रूप दूँगा, बल्कि में अपने आप को इस दुनाया का सब से खुश किस्मत इंसान महसूस करूँगा मेरी जान”
विनोद ने अपने हाथ के अंगूठे को मेरी सील बंद गान्ड के सुराख के ऐन उपर ज़ोर से दबाते हुए मुझ से ये बात कही. तो में विनोद की बात और उस के मोटे उंगुठे को अपनी गान्ड के सुदख पर महसूस करते हुए में अपनी गान्ड को ज़ोर से विनोद के लंड पर मारने लगी थी.
इस के साथ ही विनोद ने मेरी चूत के रस में भीगा हुआ अपना लंड एक दम खैंच कर बाहर निकाला.और मेरी कमर पर अपने होंठ रख कर पीछे से मेरे शोल्डर और कमर को आहिस्ता आहिस्ता किस करना शुरू कर दिया.
विनोद की ज़ुबान आहिस्ता आहिस्ता मेरी कमर पर चलती हुई मेरी थल थल करती गान्ड की भारी पहाड़ियो तक आन पहुँची.
विनोद के प्यासे होंठ ज्यों ही मेरी कमर से फिसलते हुए मेरी गान्ड की गोलाईयों तक आई.
तो विनोद तो जैसे मेरी गुदाज गान्ड को देख कर पागल और मेरी गान्ड की भीबी भीनी खुसबू को सूंघ कर जैसे मदहोश हो गया.
“ओह क्या पागल कर देने वाली मस्त और खुसबु दार महाक है तुम्हारी इस कंवारी गान्ड की मेरी जान” मेरी गान्ड के आन उपर चूमते और मेरी गान्ड की बू को अपनी नाक के नथुनो से सूंघते हुए विनोद ने अपने हाथों से मेरी बड़ी गान्ड की पहाड़ियो को खोला.
और फिर एक दम अपनी लंबी ज़ुबान को अपने मुँह से निकाल कर मेरी गान्ड के कंवारे सुराख को हल्का से चूम लिया.
“ओह विनॉद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” अपने नये शौहर की नुकीली गरम ज़ुबान को अपनी गान्ड के सुराख से टच होते ही मैने मज़े के साथ एक सिसकी भरी.
और अपनी भारी और चौड़ी गान्ड को पीछे से एक दम उपर उठा दिया. तो विनोद का मुँह मेरी गान्ड की चौड़ी पहाड़ियों में एक दम फँस कर रह गया.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम्हारी इस कंवारी गान्ड से निकलने वाली इस खुसबू ने मुझे अपने दीवाना बना लिया है सायरा” मेरी गान्ड की पहाड़ियों में डॅन्स अपने मुँह को मेरी गान्ड के सुराख पर फेरते हुए विनोद ने कहा. और अपने गरम होंठ मेरी गान्ड के सुराख पर रख कर मेरी गान्ड की ब्राउन मोरी को अपनी ज़ुबान से चाटने लगा.
विनोद ने मदहोशी के आलम में अपने गरम होंठों के साथ मेरी गान्ड को बे सखता और बे तहाशा चूमना शुरू कर दिया.
मेरी गान्ड को चूमते हुए विनोद अब मेरी गान्ड से ले कर चूत की दरार तक अपनी गरम और नुकीली ज़ुबान को फेरने में लग गया था. और अपनी चूत से गान्ड तक चलती हुई विनोद की ज़ुबान के कारण में मज़े से बे हाल हो रही थी.
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