RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
इधर में अपनी चूत की गरमी की वजह से बे चैन हो कर विनोद से चुदाई की रिक्वेस्ट करने पर तूल गई थी. जब कि दूसरी तरफ विनोद मेरी बेचैनि को देख कर जैसे लुफ्त अंदोज हो रहा था.
” अच्छा अभी डालता हूँ अपना लंड तुम्हारी इस गरम फुद्दि में मेरी बेगम” विनोद ने अपने मोटे अनकट लंड को मेरी चूत के मुँह पर उपर नीचे फेरते हुए कहा.और इस के साथ ही विनोद ने अपना काला मोटा लंड मेरी चूत में एक ज़बरदस्त झटके के साथ पेल दिया.
मेरी चूत जो ये लंड एक बार फिर अपने अंदर लेने के लिए बेचैन थी. वो भी विनोद के इस अचानक हमले को बर्दास्त नही कर पाई.
विनोद के इस अचानक और जबर्जस्त झटके से मेरी चूत में होने वाले दर्द की बदोलत मुझे ऐसा महसूस हुआ कि जेसे दो साल से शादी शुदा होने के बावजूद में अब तक कुँवारी थी. और आज मेरी चूत की पहली चुदाई हो रही हो.
मेरे जवान शौहर विनोद का मोटा,लंबा सख़्त लंड ज्यों ही टहलता हुआ एक बार फिर मेरी प्यासी चूत में घुसा.तो मेरी चूत के देने पर लगने वाली विनोद के अनकट टोपे की रगड़ की वजह से मेरी चूत ने फिर अपना पानी छोड़ दिया.
मेरी फुद्दि का पानी यूँ एक दम छूटने की वजह से ना सिर्फ़ विनोद का सख़्त लंड भी मेरी फुद्दि के पानी से पूरा भीग गया,बल्कि साथ ही साथ मेरी चूत का पानी फुद्दि से बाहर भी निकल कर मेरी सॉफ शॅफॉफ चूत के गुदाज होंठों पर भी बहने लगा था.
विनोद के झुकते की वजह से मेरे नये शौहर विनोद का जान दार लौडा मेरे गुदाज चुतड़ों से टकराता हुआ ब आसानी मेरी चूत में जड़ तक घुस चुका था.
“आआआआआआआआआआआअहह,कितना गरम है तुम्हारा लंड,उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ पूरा डाल दो नाआ, मारो मेरी चूत अपने मोटी लंड से बहुत प्यासी है तुम्हारी बीवी की चूत मेरे प्यारे शौहर जी, डाल दो अंदर मेरे पूराआआआआआआआआ और मुझे अपने बच्चे की माँ बना दो” अपने जानू के लौडे के वार को अपनी चूत पर झेलते हुए में चिल्ला उठी.
मज़े की शिद्दत से मेरे मुँह से ना जाने क्या क्या अल्फ़ाज़ निकलने लगे थे. इस का मुझे खुद भी पता नही चल रहा था.
और इस के साथ में भी मज़े से अपने भारी चूतड़ उठा उठा कर अपने यार के मोटे लौडे को अपनी चूत के अंदर क़ैद करने में मसरूफ़ हो चुकी थी.
“मेरी जान तुम्हारी प्यासी चूत में अपना पूरा लंड डालने के बाद मुझे तो यूँ महसूस हो रहा है, कि जेसे तुम्हारी ये गरम चूत की ये गर्मी तो मेरे लंड को पिघला कर ही रख देगी ”. मुझे यूँ अपने चूतड़ उठा उठा कर लंड के मज़े लेते देख कर विनोद ने भी पीछे से मेरी चूत को ज़ोर दार धक्कों से चोदते हुए मुझ से कहा.
अब बिस्तर पर लेटने के दौरान मेरी गान्ड उपर उठी हुई थी. और विनोद पीछे से मेरे कंधे पकड़ कर मेरे उपर झुका हुआ मेरी चूत में धक्के पर धक्के मार रहा था
विनोद की चुदाई की वजह से मेरी चूत पीछे से चौड़ी हो गई थी. जिस वजह से विनोद का मोटा,सख़्त,जवान लंबा लौडा अब मेरी चूत की दीवारों को आसानी से छेड़ता हुआ मेरी फुद्दि के अंदर बाहर होने लगा था.
विनोद के ज़ोर दार धक्कों का स्वाद लेते हुए मैने अपनी चौड़ी गान्ड की पहाड़ियों पर अपने हाथ रखते हुए अपनी चूत को विनोद के मोटे जवान और सख़्त लंड के लिए मज़ीद खोल दिया.
मेरी खुद सुपुर्दगी के इस अंदाज़ को देखते हुए विनोद मज़ीद जोश में आया. और अब वो अपनी पूरी ताक़त से मेरी फुद्दि में अपने बड़े लंड को पेलने में मशगूल हो चुका था.
मुझे चोदने के दौरान विनोद अब कभी अपने दोनो हाथों से मेरे लटकते हुए बड़े बड़े मम्मो को पकड़ कर उन्हे मसल्ने लगता था. और कभी मेरी कमर और कभी मेरे चूतड़ो को मसल्ते अपना पूरा लंड बाहर निकाल कर मेरी चूत के अंदर पेलने लगता था.
“फ़च,फ़च,फ़च,फ़च,फ़च एयाया एयेए इसस्स्स्सस्स ऊऊऊहह आआहह ऊऊओिईईई ऊऊहह,आआअहह” विनोद की चुदाई की वजह से मज़े के मारे इस तरह की आवाज़े अब पूरे कमरे में गूँज रही थी.
और इस दौरान में भी पीछे से अपनी गान्ड उपर उठा उठा कर चुदवाते हुए अपने नये शौहर के मज़े दार धक्कों का जवाब देने में मसरूफ़ थी.
“उफफफफफ्फ़ मुझे एक बार ही चोद कर यासिर की तो बस हो जाती है, मगर मेरे असली शौहर यासिर के मुक़ाबले में क्या दमदार मर्द है विनोद, जिस ने पिछली दफ़ा भी रात भर मुझे दो तीन दफ़ा चोदा था, और आज भी एक बार मेरी चूत में अपना पानी निकलने के बाद दुबारा से मेरी फुद्दि का मज़ा लेने और मुझे अपने लंड का मज़ा देने में लगा हुआ है” अपने भारी चूतड़ उपर उचका कर विनोद के अनकट तगड़े लंड को अपनी चूत मे पूरा अंदर लेते हुए मैने सोचा.
विनोद की इस मज़े दार चुदाई की वजह से मेरा पूरा बदन जवानी की आग में जल रहा था. और एक अजीब सा नशा मेरे सारे वजूद पर इस वक्त छाता जा रहा था.
विनोद के लंबे, मोटे लौडे के दमदार धक्कों से मेरी चूत में मीठा मीठा दर्द हो रहा था.
मगर इस के बावजूद मुझे ऐसा मज़ा मिल रहा था. जो यासिर से चुदाई के दौरान मुझे कभी नसीब नही हुआ था.
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