RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
विनोद के मोटे लंड के सामने अपनी टांगे पूरी तरह से खोलते हुए मैने अपने पीछे लेटे यासिर की गर्दन में अपना एक हाथ डाला. और अपने असल शौहर को अपनी चूत के होंठों में फँसे हुए विनोद के सख़्त और जवान लंड का दीदार करवाने लगी.
“ओह हाआआआआआअँ चोदूऊऊऊऊओ मेरी बीवी की गरम चूत को, और मेरी बीवी की प्यासी चूत में अपने अनकट लौडे का पानी भर कर, मेरी मुस्लिम बीवी की कोख में पलने वाले अपने हिंदू बच्चे की पैदाइश को यकीनी बना दूऊऊऊऊऊओ विनोद्द्द्द्द्द्द्द” मेरी बातों और मेरे मोटे चुतड़ों पर पड़ने वाली विनोद के मोटे टट्टों की थॅप थॅप से महज़ूज़ होते हुए यासिर ने मेरे कान के उपर किस करते हुए विनोद से कहा. तो अपने शौहर की बातों और यासिर की की गई हरकत से में भी सिस्कार्ने लगी थी.
“हाईईईईईईईईईईईई तुम्हारी बीवी की इस शादी शुदा चूत को चोदने में ही मुझे इतना मज़ा आ रहा है, यासिर काश अगर मुझे तुम्हारी असल सुहाग रात को सायरा की कंवारी चूत की सील खोलने का मोका मिल जाता, तो तुम्हारी बीवी की चूत की सील अपने लौडे से खोल कर में तो मज़े से पागल ही हो जाता मेरे दोस्त” ये कहते हुए विनोद ने मेरे पीछे बैठ कर अपनी बीवी को एक गैर मर्द का लौडा एंजाय करते देख कर अपने लौडे की मूठ लगाते मेरे शौहर यासिर की तरफ देखते हुए आँख मारी. और मज़े के साथ मुझे चोदने में मसरूफ़ हो गया.
विनोद मेरी फुद्दि में लंड डालने के बाद मेरी चूत को हल्के हल्के धक्कों से चोदने में मसरूफ़ था. और इस दौरान विनोद ने अभी तक अपना पूरा लौडा मेरी फुद्दि में नही डाला था.
मेरी चूत अपनी जिन्सी हवस के साथ साथ यासिर और विनोद की छेड़ छाड़ की वजह से पहले ही पानी पानी हो रही थी. और उपर से रही सही कसर अब मेरी चूत में गया हुआ विनोद का सख़्त और मज़बूत लंड निकाल रहा था.
अभी में विनोद के अपनी चूत में घुसे हुए आधे लंड के मज़े से बे हाल हो रही थी. कि इतने में विनोद ने अचानक ही एक ज़ोर दार धक्का लगा कर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया.
“ आाऐययईईई,आआअहह,ऊऊऊओह,ओह फाड़ डालूऊऊऊ गे क्या मेरी फुद्दीईईइ को, ऊिइ,सच मुच फॅट जाईययययी गी मेरी चूत्त्त्त्त्त विनोद्द्द्द्द,” इस धक्के के साथ ही विनोद का पूरे का पूरा लौडा जड़ तक मेरी चूत में समा गया था.
अब अपनी चूत में निकलते हुए विनोद के लौडे को अपनी फुद्दि में महसूस कर के मुझे ये अहसास होने लगा था. कि जेसे अब मेरी चूत मेरी मे और जगह नहीं है.
विनोद अब पूरी ताक़त से मेरी मासूम सी चूत को चोदने में मसरूफ़ हो चुका था.
मुझे चोदने के दौरान विनोद का मोटा लंड तो मेरी चूत की दीवारों को एक तेज धार चाकू की मनिद उपर से खोलते हुए मेरी फुद्दि में दाखिल हो रहा था.
जब कि विनोद के ज़ूस से भरे मोटे टटटे नीचे से मेरी गान्ड से टकरा रहे थे.
विनोद के ज़ोर दार और जबर्जस्त धक्कों की वजह से मेरी भारी चुचियों के दरमियाँ पड़ा हुआ मंगल सूत्र भी अब मेरे बड़े और मोटे मम्मो के साथ इधर उधर उछल रहा था.
विनोद के हर धक्के पर उस का लंबा लंड अब जड़ तक मेरी फुद्दि में धंसता हुआ चला जा रहा था.
और अपने नये शौहर के इतने बड़े और मोटे लंड को अपनी चूत में यूँ आसानी से समाता हुआ देख कर मुझे तो यकीन ही नही हो रहा था. कि मेरी चूत विनोद का इतना बड़ा लंड भी अपने अंदर ले सकती है.
कहते है कि जब तक मर्द का पूरा लौडा चूत में ना जाए तब तक चुदाई का मज़ा नही आता.
बिल्कुल कुछ ऐसी ही हालत अब विनोद के मोटे ताज़े सख़्त और जवान लंड को अपनी चूत में पूरा लेने के बाद हो रही थी कि अब विनोद के इन लंबे और मोटे लंड से मुझे अपनी चूत भरी भरी और मुकमल सी महसूस हो रही थी.
और ये ही वो केफियत थी जो यासिर के लंड को लेते वक्त आज तक मुझे नसीब नही हुई थी.
इसी लिए मेने अपनी टाँगें खूब चौड़ी कर रखी थी. ताकि विनोद को लंड पूरा अंदर पेलने में कोई रुकावट ना हो.
विनोद ने मेरी भारी चुचियों को अपने दोनो हाथों में पकड़ कर अपनी पूरी ताक़त से मेरी फुद्दि में धक्के मारने शुरू कर दिए थे. और उस के जवाब में अब में भी अपने भारी चूतड़ उचका उचका कर विनोद के धक्कों का जवाब दे रही थी.
विनोद अपना लौडा मेरी चूत से पूरा निकाल कर मेरी फुद्दि में अब जड़ तक पेल रहा था.
जिस की वजह से विनोद के भारी टटटे मेरी गुदाज और भारी गान्ड से टकरा रहे थे.
विनोद की इस जबर्जस्त चुदाई की वजह से मेरी ऊट इतना ज़्यादा रस छोड़ रही थी. कि विनोद के हर धक्के के साथ मेरी चूत में से फ़च,फ़च ,फ़च,फ़च और मेरे मुँह से आआहहाआह,आआआआऐययईईई आआआहह ऊओो उम्म्म की मधुर सिसकियाँ निकल कर पूरे कमरे के माहौल को रंगीन बनाने में मसरूफ़ थी.
अपनी बीवी की प्यासी चूत पर पड़ने वाले किसी गैर मर्द के धक्कों और अपनी बीवी के चुतड़ों पर पड़ने वाले टट्टों की आवाज़ों के साथ साथ किसी और मर्द से अपनी चूत की जिन्सी भूक को मिटाते हुए फूटने वाली सिसकियों को सुन कर मेरे पीछे बैठा मेरा असल शौहर यासिर के जोश में भी इज़ाफ़ा होता जा रहा था.
और ये ही वजह थी कि मेरी चूत की चुदाई को देखते और मेरी गरम सिसकियों को सुनते हुए विनोद के धक्कों के साथ साथ यासिर के हाथ भी अब तेज़ी के साथ उस के लौडे पर फिसलते हुए अपनी मूठ लागने में मसरूफ़ थे.
फिर इसी तरह की धुआधार चुदाई के कुछ देर बाद ही विनोद ने मेरी चूत मे एक आख़िरी धक्का मारा. और इस के साथ ही मेरी बच्चे दानी को एक बार फिर अपने लंड के लैस दार पानी से भर दिया.
“ उफफफफफफफफफफ्फ़ एक शादी शुदा औरत होते हुए, आज मैने अपने असल शौहर की नज़रों के सामने ही अपना सब कुछ विनोद के मस्त अनकट लौडे पर निछावर कर दिया है” अपनी चूत की गहराइयों में विनोद के मोटे लंड से निकलने वाले गरम वीर्य को जज़ब होते महसूस कर के मेरे दिल में ये ख्याल आया. और इस के साथ ही मेरे जिस्म को एक झटका लगा तो मेरी चूत ने भी अपना गरम पानी विनोद के मोटे लौडे के उपर छोड़ दिया.
मेरी चूत की आखरी तह में एक बार फिर अपने लंड का पानी छोड़ने के थोड़ी देर बाद विनोद ने अपने मोटे लौडे को मेरी चूत में से निकाला .तो उस के मोटे सख़्त लंड से निकलने वाले गरम पानी की काफ़ी बूँदें चूत के साथ साथ मेरे पेट पर भी जा गिरीं.
विनोद के पानी छोड़ते लंड के मेरी फुद्दि से बाहर आते ही मैने अपनी चूत के पानी से भीगे हुए विनोद के मोटे लौडे को अपने हाथ में जकड लिया.
“ओह देखूऊऊऊओ एक गैर मर्द ने तुम्हारी बीवी की बच्चे दानी में अपने लंड का बीज डाल कर तुम्हारी बीवी को अपने बच्चे की माँ बना दिया है यासिर” विनोद के लंड को अपने हाथ में पकड़ कर अपनी तपती चूत के उपर रगड़ते हुए मैने अपने शौहर यासिर की तरह देखते हुए कहा. जो मेरे पास ही बिस्तर पर लेट कर अपनी बिखरी सांसो को संभालने में मसरूफ़ था.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ हाईईईईईईई जो मज़ा तुम्हारी चूत को विनोद के लंड से मिला है,वो मज़ा में वाकई ही आज तक तुम्हें देने से कसीर रहा हूँ, इसीलिए आज के बाद दुनिया की नज़र में तो में तुम्हारा शौहर हूँ गा, मगर घर के अंदर तुम विनोद की बीवी की हैसियत से इसी कमरे में रहा करो गी,और विनोद ही एक शौहर की हैसियत से तुम्हारी चूत की प्यास बुझाया करे गा सायरा”
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