RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“यासिर में तुम्हारी बहुत ही शूकर गुज़ार हूँ कि तुम ने विनोद से मेरे रिश्ते की बात से ले कर,शादी की सारी रस्मो और फिर मेरी डोली को कंधा देने से ले कर विनोद और मेरी शादी वाली कार का ड्राइवर बनने तक अपने दोस्त के साथ अपनी ही बीवी की शादी की सारी रस्मो में खुद शिरकत कर के मुझे बहुत खुशी पहुँचाई है, इसी लिए अब मेरी दिली ख्वाहिश है कि तुम विनोद के साथ मेरी मनाई जाने वाली सुहाग रात में भी शिरकत करो मेरी जान” यासिर ने जेसे ही लहंगे के उपर से मेरी चूत को अपने हाथ से छेड़ा. तो में एक दम सिसकते हुए अपने होंठों को यासिर के मुँह से हटा कर अपने शौहर यासिर के एक कान पर अपने गरम होंठ पेवस्त किए. और यासिर के कान की लो को अपने दाँतों से हल्का से काटते हुए यासिर से धीमी आवाज़ में कहा.
“ओह आज विनोद के साथ तुम्हारी सुहाग रात है और तुम चाहती हो कि में तुम्हारे साथ इस कमरे में मौजूद रह कर तुम्हारे नये शौहर के रंग में भंग डालूं,दिमाग़ ठीक है तुम्हारा सायरा” मेरी बात को सुन कर यासिर ने हैरत भरे लहजे में बोला.
“ये बात ठीक है कि मैने सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी फेंटसी को पूरा करने की खातिर ही,तुम से ज़िद कर के विनोद से हिंदू महज़ब के मुताबिक शादी की है, मगर इस सब के बावजूद में,तुम और विनोद ये बात अच्छी तरह जानते हैं कि ये सब दिखावे की एक जहली शादी है, जब कि हक़ीकत में तो में अभी तक तुम्हारे ही निकाह में हूँ, जिस की वजह से तुम ही मेरे असल शौहर भी हो, और अब मेरे असली शौहर की हैसियत से मुझे सच सच बताना क्या तुम मुझे विनोद से चुदवाते हुए देखना चाहते हो यासिर” मैने यासिर के कान के अंदर अपनी ज़ुबान फिराते हुए और उस की पॅंट में खड़े हुए लंड को एक बार फिर अपने हाथ से मसल्ते हुए पूछा.
“ओह आईसीईईईईईईईईईईई बातेन्ंनननननणणन् नाआआआआअ करो सायराआआआआ” मेरे अल्फ़ाज़ की गर्मी और ज़ुबान और हाथ की मस्ती के अहसास से मचलते हुए यासिर ने सिसकार्टे हुए मेरी तरफ देखा और बोला.
“जवाब दो यासिर क्या तुम अपनी मुसलमान बीवी को उस के दूसरे हिंदू शौहर से अपनी चूत चटवाते और फिर विनोद का अनकट लंड मुझे अपनी फुद्दि में लेते देखना पसंद करो गे” यासिर के लंड को अपने हाथ में दबोचते हुए मैने फिर पूछा.
“क्या तुम ऐसा चाहती हूऊऊऊओ सायराआआआअ” मैने ज्यों ही यासिर के खड़े हुए लंड को अपने हाथ में पकड़ कर मसला. तो मज़े की शिद्दत से यासिर एक दम चिल्ला उठा.
“उफफफफफफफफफ्फ़ तुम ने मुझे विनोद से शादी की इजाज़त दे कर मेरी ख्वाहिश तो पूरी कर दी है,अब में चाहती हूँ कि विनोद के मोटे अनकट लंड से मुझे चुद्ते हुए देख कर तुम भी अपनी दिल की हसरत पूरा कर लो मेरी जानंनननननणणन्” यासिर की पॅंट की ज़िप खोलते हुए अपने शौहर के लंड को पॅंट से बाहर निकाल कर उस पर अपने हाथ से मूठ लगाते हुए कहा.
“ओह तुम अच्छी तरह जानती हो कि तुम्हें किसी और मर्द से चुदवाने की इसी ख्वाहिश ही की वजह से मैने इस से पहले भी विनोद को तुम्हारे साथ एक रात बसर करने का मोका फ़ेरहाम किया है, और सच पूछो तो तुम्हारे मुँह से तुम्हारा ये आइडिया सुन कर मेरे तन बदन में एक आग सी लग गई है, और में अब वाकई ही अपनी आँखों से विनोद के लंड को तुम्हारी चूत में दाखिल होते हुए देखना चाहता हूँ, मगर क्या तुम ने विनोद से इस बारे में बात की है, क्या उसे मेरे सामने तुम्हें चोदने में कोई परेशानी तो नही होगी ना” अपने लौडे को मेरे हाथ में मचलते हुए देख कर यासिर ने सिसकते हुए पूछा.
“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ मैने तो पहले ही तुम्हें कहा था, कि सायरा से मेरी शादी के बाद हम दोनो मिल कर सायरा के गरम जिस्म को एंजाय करेंगे ,इसीलिए तुम मेरी फिकर मत करूऊऊऊऊऊ यार,क्योंकि मुझे तुम्हारी नज़रों के सामने तुम्हारी बीवी सायरा की गरम चूत की प्यास बुझाने में कोई शरम महसूस नही हो गी यासिर” यासिर की बात मुकमल होते ही विनोद एक दम कमरे में वापिस दाखिल हुआ तो उस ने यासिर और मेरी सारी बात सुन ली थी.
इसीलिए विनोद ने फॉरन ही यासिर की बात का जवाब देते हुए पीछे से आ कर चोली में कसे हुए मेरे मोटे और बड़े मम्मो को अपने हाथों में दबोचा.
और यासिर की नज़रों के सामने ही चोली के बाहर छलकते मेरे मम्मो को अपने हाथों में ले कर मेरी जवान चुचियों को प्यार से मसल्ने लगा था.
विनोद को यूँ एक दम कमरे में आते देख कर यासिर एक दम घबडा सा गया. और मुझ से एक दम अलग हो कर पॅंट में से निकले हुए अपने लंड को छुपाने की कोशिश करने लगा.
“उफफफफफफफफफ्फ़ आज चूँकि विनोद के साथ मेरी सुहाग रात है,इसीलिए आज की रात मेरी चूत पर सिर्फ़ और सिर्फ़ विनोद के लंड का ही हक है,इसीलिए तुम सकून से इस सोफे पर बैठ कर मेरे और विनोद के जिन्सी खेल को देख कर एंजाय करो. और घबराने या शरमाने की बजाय अपने लंड की मूठ लगा कर दूसरे मर्द के साथ अपनी बीवी की चुदाई को एंजाय करो यासिर”
ये बात कहते हुए में एक दम विनोद की तरफ अपने मुँह करते हुए मूडी और फिर अपने नये शौहर विनोद के जिस्म के साथ चिपकते हुए अपने हिंदू शौहर के मुँह में अपनी मुसलमान ज़ुबान को डाल दिया.
मेरी बात सुनते ही मेरा असल शौहर यासिर एक फर्माबरदार बच्चे की तरह मेरी बात पर अमल करते हुए कमरे के एक कोने पर पड़े हुए सोफे पर जा बैठा.
और अपनी साँस रोके अपनी जवान ,गरम और प्यासी बीवी की एक दूसरे मर्द के साथ की जानी वाली रंग रलियों को हवस भरी नज़रों से देखने में मसरूफ़ हो गया.
उधर यासिर सोफे पर बैठा और दूसरी तरफ मेरी बाहें अपने गले में पड़ते ही विनोद मुझे अपने जिस्म के साथ पुरजोश अंदाज़ में लिपटाते हुए कहने लगा. “ओह सायराआआआआआअ इस लम्हे के इंतिज़ार में तो में पीछे कई हफ्तों से मूठ मार मार कर पागल हुआ जा रहा था,चलूऊऊओ अब में तुम्हें अपने हाथ से नंगा कर के अपनी सुहाग रात का आगाज़ करता हूँ मेरी जानंननननननणणन्”
मैने विनोद की सख़्त जवान छाती के साथ अपने मोटे गुदाज मम्मे टकराते हुए ज्यों ही उस की ज़ुबान से ज़ुबान लड़ाना शुरू की. तो विनोद ने मेरे बाहरी चुतड़ों पर अपने दोनो हाथ रख कर मुझे अपनी तरफ खैंचते हुए कहा.
“उफफफफफफफफफफफ्फ़ तुम अच्छी तरह जानते हो कि हिंदू और मुसलाम होने की बिना पर, मेरी और तुम्हारी ये शादी कोई रवायती शादी नही है ,इसी लिए आज की अपनी इस सुहाग रात को भी एक रवायती सुहाग रात नही बनाना चाहती में” अपनी गरम और नुकीली ज़ुबान को विनोद के खुले मुँह में तेज़ी से घुमा कर में एक दम विनोद की बाहों की क़ैद से अलग होते हुए मैने अपने नी शौहर विनोद से कहा.
“अच्छाआआआआ तो तुम फिर ऐसा क्या अलग करना चाहती हो आज, जो आज से पहले किसी ने अपनी सुहाग रात में नही किया मेरी जान” मेरी बात सुन कर विनोद को समझ नही आया और वो एक दम मेरे मुँह की तरफ देखते हुए मुझ से पूछने लगा.
“आअँ और रवायती सुहाग रात में तो दूल्हा ही हमेशा पहल कर कर अपनी दुल्हन को अपने हाथ से नंगा करता है, जब कि आज की रात एक दुल्हन की हैसियत से में तुम्हें अपने हाथों से नंगा करना पसंद करूँगी मेरी जानंननननणणन्”
विनोद से ये बात कहते हुए मैने अपने नये शौहर की पॅंट की बेल्ट खोल कर उस की पॅंट में खड़े हुए मोटे लौडे पर अपना हाथ फेरने लगी.
अपने हिंदू शौहर के लंड को पॅंट के उपर से मसल्ते हुए मैने विनोद को एक दम धक्का दिया. तो विनोद एक दम पीछे पड़े सोफे पर बैठे मेरे पहले शौहर यासिर के पहलू में जा गिरा.
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