RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
दूसरे दिन दोपहर का खाना खा कर यासिर तो विनोद के घर अपना और मेरा समान सेट करने निकल गया. जब कि में नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई.
बाथरूम में जा कर मैने अपनी चूत पर हेर रिमूविंग क्रीम लगा कर अपनी चूत को अच्छी तरह से सॉफ कर के अपनी फुद्दि को अपने नये शौहर विनोद के लंड के लिए तैयार किया.
बाथरूम से बाहर निकल कर मैने अपनी टाँगों, रानों,पेट मम्मे और जिस्म के हर हिस्से पर अच्छी तरह एक खुबूदार लोशन लगा कर कमरे में लगे हुए शीशे में से अपने जिस्म का जायज़ा लिया.
अपनी चूत की शेव करने के बाद जिस क़दर मेहनत से मैने अपने जिस्म के हर हिस्से पर लोशन लगा कर विनोद के लिए सजाने की मेहनत की थी.
उस वजह से मेरे जिस्म का हर हिसा कमरे की लाइट में अपनी पूरी आबो ताब से चमक रहा था.
“उफफफफफफफ्फ़ इतनी मेहनत से संवारे हुए मेरे इस खूबसूरत जिस्म को देख कर विनोद के तो होश ही उड़ जाएँगे” अपने गरम जवान जिस्म को शीशे में देखते हुए मैने सोचा. और फिर अपने जानू विनोद के लिए खुद को तैयार करने में मसरूफ़ हो गई.
मैने अपने सूट केस से विनोद की खरीदी हुई रेड कलर की पैंटी और उसी कलर का ब्रेज़र निकाल कर अपने गोरे और भरे हुए जिस्म पर पहन लिया.
विनोद का दिया हुआ ये सुर्ख रंग का पुश अप ब्रेजियर लो कट था.
जिस में से मेरे आधे मम्मे बिल्कुल नंगे नज़र आ रहे थे.
विनोद की दी हुई ब्रेज़ियर और पैंटी पहन लेने के बाद मैने अपना लहंगा और चोली भी उठा कर पहन ली.
लहँगे को अपने जिस्म के गिर्द बाँधने के बाद मैने अपनी चोली की हुक को बंद कर के शीशे के सामने अपने वजूद का दोबारा जायज़ा लिया.
तो दर्जी से अपनी चोली का गला खुला करवाने की वजह से मुझे अपने मोटे मम्मे अपनी चोली से बाहर झलकते हुए सॉफ नज़र आ रहे थे.
“उफफफफफफफफफ्फ़ मेरी इन सफेद चुचियों को यूँ चोली में से बाहर छलकता देख कर विनोद के साथ साथ मंदिर के पुजारी का लंड भी किसी लम्हे बैठेगा नहियीईईईईईई” अपनी छलकती चुचियों को देखते हुए मैने सोचा. तो अपने ही मम्मो का ये गरम नज़ारा देख कर मेरी अपनी ही चूत एक दम अपना पानी छोड़ने लगी थी.
मैने अपनी लहंगा और चोली पहन कर अपना मेक अप किया. और फिर कानों में एअर रिंग्स,हाथों में सोने की चूड़ियाँ और
माथे पर सोने का टीका पहन कर मैने पूरी दुल्हन के रूप में तैयार हो कर आखरी बार अपने आप को शीशे में देखा.
“उफफफफफफफफफ्फ़ मेरा जिस्म और इस लिबास पर आज तक सिर्फ़ और सिर्फ़ यासिर का ही हक था, मगर मेरे जिस्म की प्यास ने मुझे एक ऐसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है, जिस का मेने कभी तसव्वुर भी नही किया था,और आज इस लहंगे को दुबारा से पहन कर में आज विनोद की दुल्हन बनुन्गी, और अपने इस गोरे खूबसूरत जिस्म को एक बार फिर विनोद के हवाले कर के उस के अनकट लंड की रगड़ से वो लुफ्त हाँसिल करूँगी , जो कि पिछले एक महीने पहले विनोद ने मुझे दिया था” ये बात सोचते हुए मेने दीवार पर लगी हुई घड़ी की तरफ नज़र दौड़ाई तो मुझे अंदाज़ा हुआ कि विनोद से मेरी शादी का वक्त बहुत ही नज़दीक आ पहुँचा है.
अभी में वॉल क्लॉक को देखने में ही मसरूफ़ थी कि दरवाज़े पर एक हल्की सी दस्तक हुई और मुझे बाहर से अपने शौहर यासिर की आवाज़ सुनाई दी “सायरा दरवाज़ा खोलो प्लीज़”.
होटेल के कमरे पर यासिर की दस्तक सुनते ही मैने फॉरन ही अपने शौहर के लिए कमरे का दरवाज़ा खोल दिया.
“उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ देखो तो सही क्या रूप चढ़ा है मेरी जवान बीवी के खूबसूरत वजूद पर, हाईईईईई जितना तुम विनोद का लिए आज सजी हो, इतने प्यार से तो तुम मेरे लिए भी तैयार नही हुई थी” मैने अपनी पूरी सूज बूझ के साथ तैयार हो कर ज्यों ही अपने रूम का दरवाज़ा खोला.
तो मेरी जवानी का ये हसीन रूप देख कर टीवी लाउंज में मेरा इंतिज़ार करते हुए मेरे अपने शौहर यासिर की आँखे फटी की फटी रह गईं. और वो बे इकतियार बोल पड़ा.
“उफ़फ्फ़ फफफफफ्फ़ विनोद के लंड ने शादी से पहले ही मेरी चूत को वो मज़ा दिया है, कि मुझे अपने होने वाले शौहर के लिए इस तरह तैयार होना ही पड़ा है मेरी जान” यासिर की बात को सुन कर मैने मुस्कुराते हुए जवाब दिया.
“अच्छा चलो विनोद मंदिर पहुँच कर हमारा इंतजार कर रहा है मेरी जान” मेरी बात सुन कर यासिर ने मेरे गाल पर हल्का से किस किया मुझे साथ ले कर बाहर की तरफ चल पड़ा.
आधे घंटे की ड्राइविंग के बाद यासिर ने दुबई के एक एरिया बड-दुबई में बने हुए एक हिंदू मंदिर के सामने आ कर अपनी कार पार्क की.
जहाँ विनोद ने टेंपल के एक पुजारी से अपनी और मेरी शादी की बात कर कर शादी का सारा अर्रेंजमेंट किया हुआ था.
में और यासिर अपनी कार से उतरे एक साथ चलते हुए मंदिर के में हाल की तरफ बढ़ने लगे थे.
में अपने शौहर यासिर के साथ दुल्हन के रूप में ज़िंदगी में पहली बार बड दुबई के इस मंदिर में दाखिल हुई.
शादी हाल में दाखिल होते ही मेरी नज़र हाल में मौजूद शादी के मेहमानों पर पड़ी. तो इतने सारे लोग वहाँ मौजूद देख कर मुझे बहुत हैरत हुई.
“विनोद ने तो कहा था कि वो पंडित के अलावा किसी और से हमारी शादी का ज़िक्र नही करे गा, तो फिर ये इतने सारे लोग यहाँ क्या कर रहे है यासिर” शादी हाल में बैठे हुए मेहमानों को देख कर में एक दम घबरा गई.
“अरे यार आज इस जगह पर पहले यहाँ एक और शादी भी हुई है,जिसे अटेंड करने ये सब लोग इंडिया से ख़ास तौर पर इधर आए हैं ,और अभी ये लोग अपने होटेल वापिस जा रहे है, इसीलिए तुम्हें परेशान होने की ज़रूरत नही मेरी जान” मुझे परेशान होते देख कर जब यासिर ने मुझे ये बात बताई. तो अपने शौहर की ये बात सुन कर मेरी जान में जान आई.
हाल में बैठे लोगो से अपनी तवज्जो हटा कर मैने दूसरे कोने की तरह अपनी नज़र दौड़ाई.
तो हाल के दूसरे कोने में बने हुए शादी के मंडप पर मुझे विनोद दूल्हा के रूप में अपना मुन्तिजर खड़ा नज़र आया.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ में तो में आज तो विनोद भी फिर से शादी के सूट और पगड़ी बाँध कर एक दूल्हे के रूप मे मेरा इंतिज़ार कर रहा है” अपने होने वाले शौहर विनोद को शादी के कुर्ते पाजामे, शेरवानी और इंडियन स्टाइल की पगड़ी पहने देख कर मेरी चूत एक दम से पानी अपनी होने लगी थी.
अपने होने वाले शौहर विनोद को देख कर मैने अपनी शादी के लिए सजाई गई स्टेज का जायज़ा लिया.
तो अपनी शादी के लिए बनाए गये शादी के मंडप की सजावट देख कर में तो हैरान ही रह गई.
अभी में हाल के दरवाज़े पर खड़ी ये सब देखने में मसरूफ़ थी. कि यासिर की हल्की सी सेरगोशी मेरे कान में पड़ी “चलो सायरा विनोद तुम्हारा इंतज़ार कर रहा है”.
अपने शौहर यासिर की आवाज़ सुनते ही मुझे एक दम होश आया. और फिर यासिर के साथ हाल में मौजूद लोगो के दरमियाँ में से गुज़रते हुए में हाल के दूसरे कोने में बने शादी के मंडप की तरफ की तरफ बढ़ती चली गई. जहाँ अपने हाथ में फूलों की माला लिए मेरे होने वाला शौहर विनोद मेरी मुन्तिजर था.
स्टेज के नज़दीक पहुँच कर मेरे शौहर यासिर ने मेरा हाथ स्टेज पर खड़े विनोद के हाथ में दिया.
तो में शरमाते हुए विनोद का हाथ पकड़ कर स्टेज के उपर चढ़ गई.
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