RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“एक शौहर के होते हुए दूसरी शादी तो वैसे भी गुनाह ही है, और अगर गुनाह ही करना है तो इस बात से क्या फरक पड़ता है कि में अपनी दूसरी शादी मुस्जिद में करूँ या मंदिर में यासिर” यासिर की बात सुन कर मैने एक शैतानी मुस्कुराहट के साथ अपने शौहर को जवाब दिया.
“इस का मतलब है कि तुम ने विनोद की बीवी बनने का पक्का इरादा कर लिया है सायरा” मुझे यूँ शौक से विनोद के साथ अपनी शादी की डीटेल्स डिसकस करते देख कर यासिर भी अब बहुत इश्तियाक से मुझ से बात करता हुआ पूछने लगा था.
“हां में अब हर सूरत में विनोद की बीवी बन कर अपने पेट में पालने वाले इस बच्चे को उस का असली बाप दूं गी, वैसे सच सच बताऊ कि तुम्हें भी मेरा विनोद की बीवी बन कर उस के बच्चे पेदा करने के ख्याल से मज़ा आ रहा है हैना यासिर” में अपने शौहर यासिर के मुँह पर अपनी चूत रगड़ते हुए सिसकारी.
“हाआआआआआअँ मेरी जनाआआआआआआं हाआंन्नााआअँ, कल तुम्हारी नाराज़गी के डर से मैने विनोद पर गुस्सा किया था, मगर हक़ीकत में विनोद की तुम से शादी करने वाली बात सुन कर मेरा लंड फुल तन गया था, विनोद के लंड से चुदि हुई तुम्हारी चूत को एक बार चाटने के बाद अब मेरी ज़ुबान हर रोज़ उसी स्वाद को चखने के लिए बे चैन रहती है, और अब विनोद से तुम्हारी शादी के बाद मुझे अगर डेली तुम्हारी रस भरी चूत खाने को मिल जाए तो मेरे तो मज़े ही हो जाएँगे मेरी जान” मेरी बात सुनते ही यासिर ने मज़े और जोश में एक बार फिर मेरी चूत में अपनी ज़ुबान तेज़ी के साथ डालते हुए जवाब दिया.
“तो ठीक है तुम कल ही विनोद से बात कर के मेरे लिए विनोद का रिश्ता कबूल कर लो मेरी जान” मैने अपने शौहर यासिर को अपना फ़ैसला सुनाने हुए फिर अपनी चूत को एक बार फिर यासिर के मुँह पर फिराया .
तो इस के साथ ही सबर का दामन मेरे हाथ से छूट गया और मैने एक दम अपनी प्रेगेनेंट चूत का गरम पानी अपने शौहर के मुँह में उडेल दिया.
दूसरी सुबह जब तक में अपनी नींद से जागी तो उस वक्त तक यासिर अपने ऑफीस जा चुका था.
नींद से उठने के बाद में नहा धो कर फारिग हुई और नाश्ते के बाद अपने घर के काम में मसरूफ़ हो गई.
दोपहर को यासिर ने अपने ऑफीस के लंच टाइम से कुछ देर पहले मुझे फोन किया.
“तुम रात को अपनी चूत की गरमी की वजह से ऐसी बहकी बहकी बातें कर रही थी, या तुम वाकई ही विनोद से शादी वाली बात पर सीरीयस हो सायरा” मैने ज्यों ही अपना मोबाइल फोन पिक किया तो मेरी आवाज़ सुनते ही यासिर ने मुझ से दुबारा पूछा.
“मैने रात को जो भी बात की थी वो पूरे होश-ओ-हवास में की थी, तुम आज ही विनोद से बात कर के मेरी और विनोद की शादी की तैयारी करो ,क्योंकि अब मेरी चूत विनोद के लंड से ज़्यादा दूरी बर्दास्त नही कर सकती मेरी जान” यासिर की बात सुन कर मैने दो टुक अंदाज़ में अपने शौहर से अपने दिल की बात की दी.
“अच्छा में लंच पर विनोद से ये बात करता हूँ मेरी जान” यासिर ने मुझे जवाब दिया.
“रिश्ते की हां करने के साथ ही विनोद से कहना कि वो मुझ से अब शादी के दिन तक मिलने की कोशिश ना करे,क्योंकि में उस से मुलाकात अब सिर्फ़ अपनी सुहाग रात को ही करूँगी ” अपने शौहर के मुँह से विनोद के साथ मेरा रिश्ता करने वाली बात सुन कर मेरी चूत में एक दम आग सी भड़क उठी. और फोन पर यासिर से बात चीत के दौरान में आहिस्ता आहिस्ता अपनी चूत में एक उंगली डाल कर अपनी चुत को चोदने में मसरूफ़ रही.
“ठीक है में विनोद के साथ ये सारी बात कर के तुम्हें थोड़ी देर में दुबारा फोन करता हूँ मेरी जान” यासिर ने ये कह कर फोन बंद किया. तो में अपने शौहर के दुबारा फोन आने के इंतजार में सोफे पर बैठ कर टीवी देखने में मसरूफ़ हो गई.
एक घंटे बाद जब दोबारा मेरे फोन पर यासिर का फोन आया. तो मैने बेताबी से फोन उठा लिया.
“सायराआ विनोद तुम से खुद बात करना चाहता है” मैने ज्यों ही अपने फोन आन्सर किया तो यासिर ने मुझ से कहा.
“ठीक है मेरी बात करवा दो” यासिर की बात सुन कर मैने कहा और विनोद के फोन पर आने का इंतिज़ार करने लगी.
“हाईईईईईईईईईई सायरा में विनोद बात कर रहा हूँ, मेरी यासिर से बात हो गई, उफफफफफफफफफ्फ़ मुझे यकीन ही नही हो रहा कि तुम ने मेरी बीवी बनना कबूल कर लिया है” यासिर के फोन मिलाते ही विनोद ने जोश के साथ अपने दोस्त के हाथ से फोन खैंच लिया. और खुशी से चिल्लाते हुए मुझे अपने और यासिर के दरमियाँ होने वाली बात की तफ़सील बता दी.
“यासिर ने जो कुछ तुम्हें बताया है वो सच है, और वाकई ही सपना की मौत के बाद में दूसरी बीवी की हैसियत से तुम्हारी ज़िंदगी में शामिल होना चाहती हूँ विनोद” विनोद को खुशी से पागल होते सुन कर मैने भी उसी जोश और खुशी भरे लहजे में विनोद की बात का जवाब दिया.
“तो फिर ठीक है मेरी मंदिर के पंडित जी से बात हो चुकी है, और वो कुछ ज़्यादा पैसे ले कर तुम्हारी और मेरी जाली शादी करवाने पर राज़ी हो गये हैं, पंडित जी के कहने के मुताबिक शादी का शुभ महुरत नेक्स्ट संडे को बनता है,इसीलिए हम नेक्स्ट संडे को अपनी शादी का दिन पक्का कर लेते हैं,और में आज ही शादी का ल़हेंगा खरीद कर यासिर के हाथ तुम्हें भेज देता हूँ मेरी जान” मेरी बात सुन कर विनोद ने खुशी से झूमते हुए मुझे जवाब दिया.
“नही तुम मेरे लिए नया लहंगा मत ख़रीदो विनोद, क्योंकि तुम्हारे साथ अपनी शादी वाले दिन में वो ही लहंगा पहनुगी,जो मैने यासिर से अपनी शादी के दिन पहना था” विनोद की आवाज़ सुन कर मेरे दिल की धड़कनें एक दम तेज हो गईं. और इस के साथ ही विनोद के मुँह से अपनी शादी अगले वीक तय होने वाली बात सुन कर मेरी चूत में एक दम चीटियाँ सी रेंगने लगी थी.
“अच्छा जेसे तुम्हारी मर्ज़ी, मगर लहँगे के नीचे पहनने वाले तुम्हारे अंडर गारमेंट्स में खुद अपनी पसंद से खरिदुन्गा और तुम्हें अपनी शादी वाले दिन वो ही पहनना पड़े गा सायराआआअ” मेरी बात सुन कर विनोद ने कहा. तो में भी अपने होने वाले नये शौहर की फरमाइश सुन कर फोन पर ही खिल खिला कर हंस पड़ी.
“ठीक है तो मेरे लिए 36ड्ड का ब्रेज़र और मीडियम साइज़ की पैंटी खरीद लेना मेरे होने वाले सरताज” विनोद को अपने मोटे मम्मे और चुतड़ों का साइज़ बताने के बाद मैने फॉरन ही फोन बंद कर दिया.
शाम को घर आने के बाद यासिर ने मुझे बताया कि विनोद की ख्वाहिश है कि शादी के बाद यासिर और में विनोद के घर में शिफ्ट हो जाएँ. इसीलिए यासिर ने अपने अपार्टमेंट को खाली करने का नोटीस दे दिया है.
फिर अगले ही दिन विनोद के साथ मेरी शादी की तैयारियाँ शुरू हो गईं.
मैने यासिर से शादी के वक्त पहना हुआ अपना लहंगा और चोली अलमारी से निकाली. और एक टेलर के पास ले जा कर अपनी चोली का गला पहले से ज़्यादा डीप करवा कर चोली की फिटिंग को भी सही करवा लिया था.
इस दौरान यासिर मेरा और अपना समान थोड़ा थोड़ा कर के विनोद के घर शिफ्ट करने लगा था.
विनोद के घर समान शिफ्ट करने के दौरान यासिर ने अपने सारे कपड़े और ज़ाति इस्तेमाल की सारी चीज़ें एक अलग बेडरूम में सेट कीं.
मगर मेरे इस्तेमाल की सारी चीज़ें, कपड़े और मेकप का सारा समान वगेरा यासिर ने विनोद के कमरे की अलमारी में रख दीं थी.
में एक एक दिन गिन कर उस दिन का इंतज़ार करने लगी थी. जब विनोद से मेरी शादी का मुहूरत था.
इस दौरान विनोद ने मेरे मना करने के बावजूद मुझे एक दो दफ़ा फोन कर के मुझ से बात करने की कोशिश भी की.
मगर मेने अपने लिए विनोद की प्यास बढ़ाने के लिए जान बूझ कर विनोद से बात नही की थी.
अपनी शादी से एक दिन पहले मैने ब्यूटी पार्लर जा कर अपनी सुडोल और गुदाज टाँगों की वॅक्सिंग करवा ली थी.
और साथ ही साथ अपने हाथों और पैरों पर मेहन्दी भी लगवा ली.
फिर आख़िर कार वो दिन आ ही पहुँचा जिस दिन के इंतिज़ार में पिछले एक हफ्ते से मेरी चूत अपना पानी छोड़ छोड़ कर पागल हो रही थी.
शादी से एक दिन पहले तक हमारे घर का सारा समान विनोद के घर में शिफ्ट हो गया. तो में और यासिर एक रात के लिए घर के करीब ही एक होटेल में चले आए.
उस रात में और यासिर काफ़ी लेट सोए जिस की वजह से दूसरे दिन हम लोग दोपहर को ही उठ पाए थे.
दूसरे दिन दोपहर का खाना खा कर यासिर तो विनोद के घर अपना और मेरा समान सेट करने निकल गया. जब कि में नहाने के लिए बाथरूम में घुस गई.
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