RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
“यार आराम से मेरी बात सुनो ,शादी ना होने के बावजूद भी तुम और सपना और में और सायरा आपस में मियाँ बीवी वाला रिश्ता कायम तो कर ही चुके थे ना, अब जब कि सपना इस दुनिया में नही रही, तो क्यों ना में सायरा से शादी कर के तुम्हारी बीवी को अपनी भी बीवी बना लूँ, इस तरह सायरा तुम्हारे साथ साथ मेरी भी बीवी बन कर मेरे घर में रहे गी, और हम दोनो मिल कर एक साथ सायरा की जवानी के मज़े लूटेंगे ” यासिर को गुस्से में आते देख कर विनोद ने मेरे शौहर को समझते हुए मेरी तरफ प्यार भरी निगाहों से देखा.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईई कषह मेरे बस में होता तो में अभी विनोद को अपना शौहर मान कर उस के मोटे लंड से एक बार फिर अपनी सुहाग रात मना लेती” विनोद को यूँ गरम निगाहों से अपनी तरफ देखते हुए मैने सोचा.
इस बात को अच्छी तरह जानते हुए भी कि विनोद की बात पर अमल होना एक नमुकिन अमल है.
मगर इस के बावजूद मेरे दिल को विनोद की बीवी बनने वाली ये बात एक दम से अच्छी लगने लगी थी.
जिस की वजह से मेरी चूत में लगी हुई जवानी की आग पहले से ज़्यादा तेज़ी से भड़कने लगी थी.
“तुम से अपनी प्रमोशन हासिल करने के लिए मैने तुम्हें अपनी बीवी के साथ एक रात गुजारने की इजाज़त दी थी, मगर तुम तो मुझे ब्लॅकमेल कर के मेरी बीवी के साथ अपनी पूरी ज़िंदगी बसर करने का सोचने लगे हो, मगर अच्छी तरह सुन लो कि ये बात नामुमकिन है, इसीलिए बेहतर है कि तुम इसी वक्त इधर से चले जाओ विनोद” विनोद की बात सुन कर यासिर ने गुस्से में कहा.
“ठीक है में चला जाता हूँ, मगर जाने से पहले एक बात ज़रूर बताना चाहता हूँ,कि मैने अपने घर के हर रूम में ख़ुफ़िया केमरे लगा रखे हैं, जिन में हर वक्त रेकॉर्डिंग होती रहती है, अगर में चाहता तो अपनी और सायरा की चुदाई की वीडियो के ज़रिए भी में तुम दोनो को ब्लॅकमेल कर के अपना काम निकलवा सकता था,मगर में ऐसा इसीलिए नही करूँगा , कि जो मज़ा रज़ामंदी से कोई चीज़ हासिल करने में है,वो ज़ोर जबर्जस्ती में नही, इसीलिए अगर तुम मेरी बात नही मान रहे तो कोई बात नही,में चला जाता हूँ , मगर जाने से पहले तुम्हें अपनी और सायरा की चुदाई की ऑरोजिनल सीडी भी दे कर जा रहा हूँ,ताकि तुम को ये डर ना रहे कि में आइन्दा तुम्हें कभी ब्लॅकमेल करने की कोशिश करूँगा ” विनोद ने ये बातें कहते हुए अपनी पॅंट की पॉकेट से एक सीडी निकाल कर सामने की टॅबेल पर रखी. और फिर एक दम से उठ कर हमारे घर से बाहर निकल गया.
“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ अभी तो में तुम्हारे पेट में विनोद के बच्चे वाली बात से ही सम्भल नही पाया था, और अब विनोद एक नई मुसीबत खड़ी कर गया है मेरे लिए” विनोद के जाने के बाद यासिर एक दम अपने सर को दोनो हाथों से थामते हुए मुझ से बोला.
“बड़ा शौक था ना तुम्हें अपनी बीवी को किसी और मर्द से शेर करने का,अब जब अपनी बीवी की चूत को एक गैर मर्द के लंड से चुदवा लिया है, तो अब इस तरह की बातें तो होंगी ही ना मेरी जान” यासिर की बात सुन कर मैने मुस्कुराते हुए अपने शौहर को जवाब दिया. और खुद चाय के बर्तन उठा कर किचन में चली गई.
उस शाम विनोद के जाने के बाद यासिर को तो एक अजीब सी चुप ही लग गई. और वो सारा वक्त टीवी देखने के दौरान गुम सूम अपनी किसी सोच में ही मगन रहा.
जब कि में पूरी शाम विनोद की कही गई बात और अपने पेट में पलने वाले उस के बच्चे के अहसास की बदोलत अपनी चूत में लगी आग की तपिश को महसूस कर के गरम होती रही.
उस रात सोने से पहले यासिर ने गर्मी की वजह से अपनी कमीज़ उतार दी. तो में भी अपनी पतली सी शलवार कमीज़ में मलबूस हो कर सोने के लिए यासिर के पहलू में लेट गई.
“ विनोद को में अच्छी तरह जानता हूँ,वो अक्सर नशे में धुत हो कर ऐसी बकवास करता रहता है, इसीलिए तुम उस की बातों की परवाह ना करो, बल्कि तुम बताओ तुम ने अपने पेट में पलने वाले विनोद के बच्चे के बारे में क्या फ़ैसला किया है सायरा” मेरे बेड पर लेटते ही यासिर एक दम कल वाली बात को याद करते हुए मुझ से पूछने लगा.
“अभी तो कोई फ़ैसला नही किया, अभी में सोच रही हूँ यासिर” अपने शौहर को यूँ बेताबी से मुझ से विनोद के बच्चे को गिराने का पूछने पर मैने बहुत आराम से जवाब दिया.
“बेहतर यही है कि मेरी बात मानते हुए तुम अपने पेट में पालने वाले इस बच्चे से निजात हासिल कर लो, क्योंकि में नही चाहता कि मेरी बीवी किसी गैर मर्द के बच्चे की माँ बने सायरा” यासिर ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए मुझ से कल वाली बात दोबारा से कह दी.
“विनोद से चुद्ने में खुद तो नही गई थी ना, जब तुम खुद अपने होश-ओ-हवास में अपनी जवान बीवी को खुद एक हिंदू मर्द से चुदवाने के लिए ले गये थे, तो उस वक्त तुम्हें खुद ही इस बात का अंदाज़ा होना चाहिए था, कि एक रात की चुदाई का ये अंजाम भी निकल सकता है यासिर” यासिर के कहे हुए ये अल्फ़ाज़ सुन कर मेरे जिस्म में एक आग सी लगी और मैने गुस्से में अपने शौहर को जवाब दिया.
“ तुम्हारी बातों से तो अंदाज़ा होता है कि जेसे तुम ने ये पक्का इरादा कर लिया है, कि तुम अपने पेट में पलने वाले विनोद के इस बच्चे को जनम ज़रूर दो गी सायरा” मेरी बात सुन कर यासिर ने मुझ से पूछा.
“अगर मेरा जवाब सुनना चाहते हो तो सुनो, हां मैने ये फ़ैसला कर लिया है कि में किसी सूरत अबॉर्षन नही करवाउन्गी यासिर” मैने अपने शौहर की बात का दो टुक अल्फ़ाज़ में जवाब दिया.
“तुम क्यों अपनी ज़िद पर अड़ी हुई हो यार, ज़रा सोचो कि जब तुम अपनी कोख से एक इंडियन मर्द के बच्चे को जनम दो गी, तो ये दुनिया तुम्हें क्या कहेगी सायरा” मेरी बात सुनते हुए यासिर ने गुस्से में मुझ से कहा.
“यासिर तुम अच्छी तरह जानते हो कि तुम कभी बाप नही बन सकते, अब अगर विनोद की वजह से में प्रेगनेंट हो गई हूँ, तो में ये बच्चा अब अपनी खुशी से नही, बल्कि तुम्हारी माँ को तुम्हारी जायदाद का एक वारिस देने की खातिर पेदा करना चाहती हूँ, रही दुनिया वालों की बात, तो इंडियन और पाकिस्तानी लोगो के रंग और रूप तो वैसे भी तकरीबन एक ही जैसे होते हैं, इसीलिए बाहर के लोगो को केसे पता चले गा, कि मेरी कोख से जनम लेने वाले इस बच्चे का बाप विनोद नामी एक इंडियन मर्द है, या यासिर नामी मेरा अपना पाकिस्तानी शौहर” मैने यासिर से ये बात कहते हुए अपने शौहर को उस की अम्मी की कही हुई सारी बात भी तफ़सील से बता दी.और साथ ही साथ यासिर की अम्मी की दी हुई तलाक़ वाली धमकी का भी बता दिया.
“तुम ठीक ही कह रही हो, अपनी इस जिन्सी ख्वाहिश को पूरी करने से पहले, मुझे इस बात का अंजाम सोचना चाहिए था, और अगर तुम ने मेरी खातिर इतना बड़ा कदम उठा लिया है,तो में भी अब किसी सूरत मे तुम्हें अपने आप से जुदा नही होने दूँगा,चाहे इस के लिए मुझे किसी और के बच्चे का बाप ही क्यों ना कहलाना पड़े सायरा” मेरे मुँह से अपनी अम्मी की सारी बात की तफ़सील सुन कर यासिर ने मुझे हॉंसला देते हुए कहा.
“उफफफफफफफफफफफफ्फ़ यासीर्र्ररर तुम कितने अच्छे हो मेरी जान” अपने शौहर को यूँ मेरी बात मानते हुए देख कर मेरे दिल खुशी से बाग बाग हो गया.
और मैने एक दम अपने पास लेते हुए अपने शौहर के मुँह में मुँह डालते हुए यासिर के लिप्स को अपनी ज़ुबान से चूसना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर हम दोनो मियाँ बीवी एक दूसरे के होंठों को चूमते और चाटते रहे. और फिर किस वक्त हमे नींद ने घैर लिया. इस का हमे खुद भी पता ना चला.
कहते हैं कि जो बात या वाकिया आप को दिन के वक्त पेश आता है. कभी कभी वो ही बात रात को एक ख्वाब की शकल में आप के दिमाग़ में आ जाती है.
कुछ ऐसी ही बात उस रात मेरे साथ भी हुई. कि उस रात में यासिर के साथ एक बिस्तर पर सोते हुए मुझे नींद में एक ख्वाब नज़र आया.
मैने इस ख्वाब में देखा कि में एक दुल्हन बनी अपनी सुहाग की सेज पर बैठी हूँ. और विनोद दूल्हा के रूप में मेरे पास आ कर मेरा घूँघट उठाता है.
इधर मेरे ख्वाब में विनोद ने मेरा घूँघट उठाया. तो दूसरी तरफ “ओह हाइईईईईईईईई” करते हुए एक दम मेरी आँख खुल गई.
आँखे खुलते ही मुझे यूँ महसूस हुआ कि नींद के आलम में मेरा हाथ इस वक्त मेरी चूत पर है. और ये ख्वाब देखते हुए में अपनी चूत से खेलने में मसरूफ़ हूँ.
ज्यों ही मेरी आँख खुली तो इस के साथ ही मेरी मुँह से निकलती हुई सिसकियों ने मेरे शौहर यासिर को भी नींद से जगा दिया.
“क्या हुआ तुम्हें,सब ठीक है ना सायरा” मेरे पहलू में लेटे यासिर ने अपनी आँखे खोलते ही मुझ से पूछा.
“ओह मेरी फुद्दि में इस वक्त आग लगी हुई है, और मुझे तुम्हारे लंड की शदीद तलब हो रही है, चोदो मुझे यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” यासिर की बात सुनते ही मैने एक दम अपने और यासिर के कपड़े उतारे .और फिर दूसरे ही लम्हे बिस्तर पर लेटे हुए अपने शौहर के नंगे जिस्म पर चढ़ गई.
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