RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
इस के साथ ही यासिर आहिस्ता आहिस्ता अपना मुँह मेरी चूत के पास लाया. और फिर झिझकते झिझकते हुए अपनी ज़ुबान को मेरी रात भर की चुदि हुई फुद्दि के उपर रख कर मेरी चूत के होंठों को ज़िंदगी में पहली बार हल्के से चूम लिया.
“अब खुश हो ना” मेरी चूत को अपनी ज़ुबान की नौक से हल्का से चूमते ही यासिर ने एक दम अपना मुँह पीछे कर के ज़मीन पर थूक दिया.
“आज ऐसे जान नही छूटे गी तुम्हारी, अगर तुम नही चाहते कि तुम्हारी मुस्लिम बीवी एक हिंदू मर्द के बच्चे की माँ बने, तो तुम को मेरी चूत में से विनोद के लंड के सारे रस को चूस चूस कर अपनी ज़ुबान से सॉफ करने पड़े गा यासिर” मैने जब अपने शौहर यासिर को मेरी चूत चूमते ही एक दम अपने मुँह अपनी चूत से हटाते देखा. तो मैने अपने शौहर यासिर से ये सारी बात एक ही साँस में कह डाली.
“में और विनोद के लंड के पानी को अपनी ज़ुबान से चाटू,ऐसा में मरते दम तक नही करूँगा सायराआआअ” मेरी बात सुन कर यासिर ने एक दम गुस्से में मुझे जवाब दिया.
“मरने की बात छोड़ो,तुम तो मेरे सारे जिस्म पर फेले हुए विनोद के लंड के नमकीन पानी को, अभी कुछ देर पहले जीते जी ही अपनी इसी गरम ज़ुबान से चाट चाट कर अपने हलक में उडेल चुके हो यासिर, अब ये ज़िद छोड़ू और अपने दोस्त के लंड से भरी हुई अपनी बीवी की चूत को अपनी ज़ुबान से अच्छी तरह सॉफ कर के, मुझे अपनी मोहब्बत का सबूत दो मेरी जान” यासिर के इनकार को सुनते हुए मैने इस बार बहुत प्यार भरे अंदाज़ में यासिर से अपनी बात कही.
“नही........ ना ही विनोद तुम्हारे जिस्म पर फारिग हुआ है,और ना ही मैने विनोद की मनी को तुम्हारे जिस्म से चाटा है,तुम यक़ीनन मज़ाक कर रही हो मुझ से सायराआ” यासिर ने मेरी बात सुन कर बे यकीनी की हालत में मुझ से एक दम पूछा.
“में ना तो मज़ाक कर रही हूँ, और ना ही में तुम्हें आज अपनी ये फुद्दि सॉफ किए बिना इधर से उठने दूंगी, तुम ने मुझे विनोद से चुदवा कर अपना शौक पूरा किया है,अब मेरी चुदि हुई ये चूत चाट कर मेरी ख्वाहिश भी पूरी करो, इसीलिए अब जल्दी से आगे बढ़ कर मेरी चूत पर अपने मुँह टिका दो यासीर्र्र्ररर” विनोद के लंड के पानी से पूरी तरह फुल चूत को अपने शौहर की ज़ुबान से सॉफ करवाने के इस ख्याल ने मुझे अब इतना गरम कर दिया था. कि में अब यासिर के इनकार को बर्दाश्त नही कर सकती थी.
इसी लिए मैने गुस्से में यासिर की तरफ देखते हुए अपने शौहर को एक बार फिर अपनी उंगली से अपनी चूत की तरफ इशारा करते हुए यासिर अपनी चूत चाटने का हुकम दे डाला.
“ओह ठीक है जैसा तुम हुकम दो गी ,अब में वैसा ही करूँगा मेरी जान” कुछ देर टिकटकी बाँध कर मेरी चूत को देखने के बाद यासिर ने कहा. और फिर एक दम अपने मुँह को आगे बढ़ा कर पानी छोड़ती मेरी चूत के मुँह पर रख दिया.
“ओह हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़” जैसे ही मेरे अपने शौहर यासिर ने ज़िंदगी में पहली बार आज अपने मुँह को मेरी चूत के होंठों से चिस्पान किया. तो मज़े की शिद्दत से में एक दम सिसक उठी.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ जब मेरी शरीफ और पाक बीवी मेरी प्रमोशन की खातिर अपनी चूत को एक गैर हिंदू मर्द के हवाले कर के मुझ से अपनी सच्ची मुहब्बत का सबूत दे सकती है, तो मुझे भी फिर अपनी बीवी की चुदि हुई चूत में से किसी गैर मर्द के लंड का पानी चाटने में को मसला नही मेरी जान”
मेरी चूत में पहली बार अपनी ज़ुबान डालने और उस में से बहते हुए विनोद के लंड के सफेद सफेद वीर्य को अपनी ज़ुबान से यूँ पहली बार चखते हुए यासिर ने कहा.
“विनोद के लंड के पानी से बने हुए मुतन्गन (मेथी और नम्कीम राइस की बनी हुई मिक्स डिश) का केसा ज़ायक़ा है यासिर” ज्यों ही यासिर ने मेरी चूत में से बहते विनोद के लंड के वीर्य को बेताबी से अपनी ज़ुबान से चाटा. तो में ने एक दम जोश में आ कर अपने शौहर से पूछा.
“हमम्म्ममममममममम उफफफफफफफफफफफ्फ़ ना जाने क्यों में तुम से इतनी बहस करता रहा हूँ, तुम्हारी चूत के पानी और विनोद के लंड के वीर्य का स्वाद तो वाकई ही बहुत मज़े दार है सायराआआआअ” मेरी बात सुन कर मस्ती में यासिर ने मेरी चूत में अपनी नोकेलि ज़ुबान घुसाइ . और सिस्करते हुए मुझे जवाब दिया.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ तो चातूऊऊऊऊऊऊ मेरी चूत को, और सॉफ कर दो मेरी फुद्दि को अपने दोस्त विनोद के लंड के पानी से यासीर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर” अपने शौहर यासिर को यूँ पहली बार मज़े से अपनी रात भर चुदि हुई चूत को चाटते देख कर में भी मज़े और स्वाद से मचल उठी. और सिसकते हुए अपने शौहर से फरमाइश की.
“हां में आज तुम्हारी चूत को चाट चाट कर इस में माजूद विनोद के लंड के वीर्य को ज़रूर खा जाऊं गा सायराआआआअ” मेरी बात सुन कर यासिर ने एक दम जोश में मेरी चूत की लबों को अपनी उंगलियों से खोला.
और मेरी चूत के अंदर अपनी नुकीली ज़ुबान दाखिल कर के मेरी फुद्दि के अन्द्रुनी तह में मौजूद विनोद के लंड के वीर्य को अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर मेरी चूत से बाहर निकालने लगा था.
“उफफफफफफफफफफ्फ़ मेरी वो ही चूत जिसे रात भर विनोद अपने लंड से चोद चोद कर ठंडा करता है,उसी चूत में छोड़े हुए विनोद के थिक जूस को चाट चाट कर अब मेरा अपना शौहर मज़े से सॉफ करने में मशगूल है” अपने शौहर को यूँ दीवानगी के आलम में मेरी चूत के अंदर और उपर मौजूद विनोद के लंड के पानी को अपनी ज़ुबान से चाटते देख कर मेरी चूत एक बार फिर से गरमा हो गई थी.
और इसी गरमी और मदहोशी के आलम में स्वाद से बे हाल होते हुए मेरी आँखे बंद होती गईं.
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