RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
फिर वो वक्त आ ही गया जिस का मुझे और मेरी फुद्दि को बहुत शिद्दत से इंतिज़ार था.और जिस की खातिर मुझे मजबूरन आज ये गुनाह भरा कदम उठना पड़ रहा था.
उधर विनोद के लंड से उस के वीर्य का बाँध टूटा. इधर मेरी चूत ने अपना पानी छोड़ते हुए मेरी बच्चा दानी का मुँह खोल दिया.और फिर विनोद के लंड का गाढ़ा वीर्य मेरी बच्चा दानी की गहराइयों में तेज़ी के साथ जा कर झड़ने लगा.
विनोद के लंड से इतना वीर्य निकला कि देखते ही देखते विनोद के लैस दार वीर्य ने मेरी फुद्दि को पूरे का पूरा भर दिया था.
“उफफफफफफफफफफफफफ्फ़ यासिर तो एक हफ्ते में कभी इतना वीर्य मेरी चूत में नही डालता है,जितना विनोद ने एक ही रात में मेरी चूत में उडेल दिया,यूँ लगता है जैसे विनोद लंड के थिक जूस की वजह से मेरी चूत में सेलाब आ गया है” अपनी चूत की गहराई में तेज़ी के साथ जज़ब होते विनोद के लंड के गरम पानी को महसूस करते हुए में ने सोचा.
मेरी चूत को अपने लैस दार वीर्य से पूरी तरह भरने के बाद विनोद थक कर मेरे जिस्म के उपर गिर तो गया.
लेकिन इस के बावजूद विनोद का लंड अभी तक मेरी चूत में पूरा अंदर तक धुंस कर झटके पर झटके मार रहा था.
जब कि इस दौरान मेरी चूत बुरी तरह से खुलते और बंद होते हुए अपने शौहर के इंडियन दोस्त के लंड को अपनी चूत के होंठों से कस कर विनोद के लंड में बाकी बचे हुए जूस को भी निचोड़ निचोड़ कर अपने अंदर मुन्तिकल करने में मसगूल थी.
हम दोनो के जवान और प्यासे जिस्म सोफे पर एक दूसरे के उपर नीचे बेसूध पड़े थे और हमारे जिस्म पसीने की वजह से चिप चिप कर रहे थे.
कुछ लम्हे बाद विनोद ने अपने लंड को मेरी चूत से बाहर निकाला.
तो साथ ही विनोद के अनकट लंड का थिक जूस भी मेरी चूत से बह बह कर चूत से बाहर निकलने लगा.
“ मेरा जिस्म तो एक दम से हल्का फूलका हो कर जैसे आसमान पर उड़ने लगा है, ऐसा सुख और करार तो मुझे आज से पहले कभी नही महसूस हुआ, जितना जिन्सी सकून मुझे आज विनोद के लंड से मिला है” विनोद के लंड के गरम पानी को अपनी चूत की गहराई में गिरते हुए महसूस कर के में सोचने लगी. और फिर थोड़ी देर में ही आहिस्ता आहिस्ता मेरी चूत के होंठों ने फड़कना बंद कर दिया.
उधर दूसरी तरफ अपने लंड को मेरी चूत से निकालने के बाद विनोद मेरे जिस्म के उपर आया. और मेरी चूत के पानी से भीगे लंड को मेरे मोटे मम्मो के दरमियाँ रखाते हुए बोला “अपने इन बड़े मम्मो को अपने हाथों से पकड़ कर इने मेरे लंड के इर्द गिर्द कस दो सायराआआआ”
विनोद का यूँ मुझे ये हुकम देने की देर थी. कि मैने एक कनीज़ की तरह अपने बादशाह की बात पर बिना की हिच कीचाहट के अमल करते हुए ज्यों ही अपने दोनो बड़े बड़े मम्मो को अपने हाथों में पकड़ कर एक साथ जोड़ा. तो विनोद ने अपने मोटे लंड को मेरे जुड़े हुए मम्मो के दरमियाँ रख कर मेरी जवान चुचियों को अपने मोटे लंड से चोदना शुरू कर दिया.
“हाईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई आज मेरे जिस्म की किस किस जगह को अपने लंड से चोदोगे विनोद्द्द्द्द्द्द” अपने गुदाज भारी मम्मो के दरमियाँ सरकते हुए विनोद के गीले सख़्त लंड की रगड़ से पेदा होने वाले मज़े से लुफ्त अंदोज़ होते हुए मैने नीचे से अपनी आँखे उठा कर अपने जिस्म के उपर चढ़े विनोद की आँखों में देखा. और मस्ती भरे अंदाज़ में सिसकियाँ लेते हुए अपने नये चोदु आशिक़ से पूछने लगी.
“आज में तुम्हारे जिस्म के हर हिस्से को अपने लंड का मज़ा दे कर खुद भी तुम्हारे इस गरम वजूद का मज़ा लेना चाहता हूँ, मेरी जान” ये बात कहते हुए विनोद ने मेरे मम्मो के दरमियाँ फिसलते हुए अपने लंड को ज़ोर का झटका मारा. तो विनोद का लंबा लंड एक दम तेज़ी के साथ मेरी चुचियों में से सरकते हुए मेरे मुँह और होंठों के बहुत करीब आ गया.
मेरी चूत के गीले पानी से भरा हुआ विनोद का अनकट लंड का टोपा ज्यों ही मेरा मुँह के करीब आया. तो विनोद के लंड से उठती हुई एक अजीब और तीखी सी गंदी किसम की बू मुझे अपनी नाक में महसूस हुई.
विनोद के लंड से फूटने वाली ये तेज स्मेल मुझे इतनी नागवार गुज़री कि इसे सूंघते ही मैने अपना मुँह विनोद के लंड से परे कराने की कॉसिश की.
“मेरे लौडे को अपने मुँह में डाल इसी तरह चूसो जिस तरह अभी थोड़ी देर पहले में तुम्हारी फुद्दि को चूस्ता रहा हूँ सायराआआ” विनोद ने अपने अभी तक तने हुए सख़्त लंड को मेरे मुँह और होंठों के और करीब करते हुए मुझ से एक नई फरमाइश कर डाली.
“उफफफफफफफफ्फ़ मैने तो आज तक अपने शौहर यासिर का लंड कभी नही चूसा था,और आज मेरे शौहर की बजाय उस का हिंदू दोस्त मुझे चुदाई के इस नये मज़े से रोशनास करवाने पर तुला हुआ है”विनोद के मोटे लंड के अनकट टोपे को अपने मुँह के इतने नज़दीक पा कर में सोचने लगी.
“नहियीईईईईई मैने आज तक यासिर का लंड कभी नही चूसा, तो तुम्हारा लंड केसे चूस सकती हूँ भला” मैने अपनी चूत के पानी से भरे हुए विनोद के लंड को देखते हुए विनोद की बात का जवाब दिया.
“अगर आज तक यासिर के लंड को तुम ने नही चूसा, तो आज मेरे इस लंड को पहली बार चूस कर ना सिर्फ़ मेरे लंड को लंड चुसाइ की इज़्ज़त बख़्श दो ,बल्कि मेरे को पहली बार सक कर के मेरे लौडे से अपने मुँह की सील भी तुड़वा लो,मेरी जान” विनोद ने मेरी बात सुन कर इसरार करते हुए अपने मोटे सख़्त लंड को मेरे होंठों के मज़ीद नज़दीक कर दिया था.
“जहाँ अब तक इतना कुछ हो चुका है, तो अब लंड चुसाइ का ये नया तजुर्बा कराने में भी कोई हरज नही है सायराआआआआ” विनोद के मोटे लंड को अपने मम्मो के दरमियाँ आहिस्ता आहिस्ता फिसलते हुए और अपनी नज़रों के सामने लंड चुसाइ की फरियाद करते देख कर मेरे दिल में ख्याल आया. और मैने बे खुदी में पहली बार किसी मर्द के लंड के लिए अपना मुँह खोल दिया.
इधर ज्यों ही में ने अपना मुँह खोला. तो दूसरी तरफ से विनोद ने एक दम आगे बढ़ कर मेरी ही चूत के जूस से भरपूर अपने मोटे सख़्त लंड के टोपे को मुँह में डाल लिया.
अपनी ही फुद्दि के पानी से तार विनोद के मोटे लंड को अपने मुँह में डालते ही पहले तो मुझे अजीब सी कड़वाहट होने लगी. जिस की वजह से मैने जल्दी से विनोद के लौडे को अपने मुँह से बाहर निकाल कर थूकने का सोचने लगी.
मगर विनोद सेक्स के मंझे हुए खिलाड़ी की हैसियत से औरतों के जहन को पढ़ने में माहिर था.
इसीलिए इधर मैने विनोद के लंड को अपने मुँह से निकालने का सोच कर ज्यों ही अपने मुँह को खोला.
तो विनोद ने इस मोके से फ़ायदा उठाते हुए उपर से एक दम धक्का मारा.
जिस की वजह से विनोद का मोटा, लंबा,और सख़्त अनकट हिंदू लंड मेरे पाकीज़ा मुस्लिम पाकिस्तानी मुँह के रास्ते सीधा मेरे हलक के अंदर तक जा पहुँचा.
“उफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ यूँ वहशियों की तरह इतने जोशेले अंदाज़ में अपने लंड को मेरे हलक में उतारने की विनोद की इस हरकत ने तो मेरे तन बदन में एक नई आग लगा दी हाईईईईईईईई” विनोद के यूँ तेज़ी से अपना लंड मेरे मुँह में पेलते वक्त दर्द होने की बजाय जो मज़ा ऑर लज़्जत मुझे उस वक्त हासिल हुई थी. उसे में लफ़्ज़ों में बयान करने से कसर थी.
शायद ये ही वजह थी कि अपने मज़ा ऑर उस मज़े की शिद्दत की वजह से मेरा अपने उपर कंट्रोल करना मेरे लिए नाकबिले बर्दास्त हो गया.
फिर हर बात और बू से बे परवाह हो कर मैने जोश मे अपने हलक में उतरे हुए विनोद के मोटे लंड को अपने हाथ में पकड़ा.
और जोश में और मस्त गरम हो कर में विनोद के लंड पर लगे अपनी चूत के नमकीन पानी को भी अपनी ज़ुबान से चाट चाट कर पागलों की तरह सॉफ कराने लगी.
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