RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
विनोद की बात सुनते ही मैने अपनी नज़रें नीचे कर के अपनी हवा में उठी हुई चूत की तरफ निगाह डाली. तो देखा कि वाकई ही विनोद के लंड का मोटा टोपा मेरी तंग चूत के मुँह पर अटक कर फँस गया था.
“ओह असल में तुम्हारा लंड ही इतना मोटा है, कि मेरी नाज़ुक सी चूत इसे अपने अंदर ले नही पा रहियीईईईईईईई” मज़े और स्वाद की हालत में बे सूध होते हुए मैने विनोद के सामने अपने मुँह से आज वो अल्फ़ाज़ खुलम खुल्ला निकाल दिए. जो अल्फ़ाज़ मैने आज तक अपने शौहर यासिर से भी कभी नही कहे थे.
मगर आज विनोद के हिंदू लंड को अपनी मुस्लिम चूत में पहली बार लेने के बाद मुझे जो मज़ा मिल रहा था. उसी मज़े में डूब कर में अपनी शरम-ओ-हेया की सभी हदें पार कर जाने पर आमादा हो चुकी थी.
इसी दौरान विनोद ने एक बार फिर एक हल्का सा धक्का मार कर अपने मोटे लंबे लंड को मेरी हवा में उठी हुई फुद्दि के अंदर दाखिल करने की कोशिश की.लेकिन इस बार भी विनोद का मोटा लंबा लंड मेरी छूट में तोड़ा सा मज़ीद ही अंदर जा सका.
“लगता है कि तुम्हारी फुददी चूँकि यासिर के लंड की आदि है, इसी लिए तुम्हारी चूत यासिर के लंड के साइज़ के मुताबिक ही अपना मुँह खोल रही है, अच्छा अब तुम अपनी चूत के लबों को अपने हाथ से पकड़ कर अपनी फुद्दि का मुँह मेरे लंड के लिए खोलो,ताकि में अपने लंड को तुम्हारी इस मज़े दार तंग चूत में आसानी से दाखिल कर सकूँ मेरी जान” विनोद ने मेरी चूत के होंठों में फँसे हुए अपने मोटे लंड की तरफ देखते हुए मुझ से फिर एक फरमाइश की.
“हाईईईईईईईईईईईईई अपने शौहर की प्रमोशन की खातिर मुझे आज क्या क्या करना पड़ रहा है” विनोद की बात सुनते हुए मैने सोचा. और फिर विनोद के कहने के मुताबिक अपनी चूत की फांकों को अपने दोनो हाथों से पकड़ कर अपनी तंग फुद्दि के मुँह को विनोद के मोटे लंड के लिए खोल दिया.
मैने ज्यों ही अपने हाथों से अपनी फुददी का लिप्स को चौड़ा करते हुए विनोद के लंड के लिए अपनी फुद्दि का मुँह मज़ीद खोला. तो इस के साथ ही विनोद ने मेरी चूत के मुँह पर फँसे हुए अपने लंड को खैंच कर बाहर निकला. और फिर अपने लंड को एक दम तेज़ी के साथ मेरी फुद्दि में डाल दिया.
इस बार विनोद का ये धक्का इतना अचनाक और ज़ोर दार था. कि विनोद का मोटा,चौड़ा और लंबा अनकट फॉलदी लंड मेरी नाज़ुक चूत की तंग दीवारों को पूरी ताक़त से खोलते हुए मेरी फुद्दि की उस तह तक जा पहुँचा. जहाँ तक पहुँचने का तसव्वुर भी मेरे शौहर यासिर का लंड पिछले दो साल में नही कर पाया था.
“हाईईईईईईईई मेन्ंनणणन् माररर्र्र्र्र्र्र्र्र्ररर गई,मेरी तो चूत ही फाड़ र्र्र्र्र्ररर दी है तुम ने विनॉद्द्द्द्द्द्द्द्द्द्दद्ड” अपनी नाज़ुक और तंग चूत के अंदर तेज़ी से घुसते हुए विनोद के चौड़े और सख़्त लंड के झटके को महसूस कर के मैं तो सोफे से एक दम तड़प कर उछल पड़ी.
आप में से काफ़ी दोस्तों ने टीवी पर चलने वाली मिर्च मसाला की एक इंडियन एड को शायद देखा ही हो गा. जिस में कहते हैं कि,
“डेगी मिर्च का तड़का अंग अंग फड़का”
बिल्कुल इस तरह विनोद के अनकट लंड के इस ज़ोर दार झटके ने मेरी चूत की भी इस वक्त कुछ ऐसी ही हालत की थी. कि अपनी फुद्दि में विनोद के लंड को एक झटके के साथ जाते हुए महसूस कर के मेरा पूरा वजूद ही हिल गया. और इस के साथ ही मेरे जेहन में ये ख्याल आया,
“अनकट हिंदू लंड का झटका
पाकीज़ा मुस्लिम चूत का अंग अंग फड़का”.
इस दफ़ा भी मेरी चूत में जाते वक्त विनोद के अनकट लंड की टोपी के उपर लगी एक्सट्रा स्किन एक बार फिर मेरी चूत के दाने और दीवारों को छूती हुई मेरी फुद्दि के अंदर गई. तो विनोद के इस मोटे लंड की फालतू चमड़ी की रगड़ से मेरी चूत में एक बार फिर मीठी सी सन सनाहट पेदा हुई. जो देखते ही देखते फुद्दि के रास्ते मेरे सारे जिस्म में फैलती चली गई.और इस के साथ ही मेरी मुस्लिम चूत ने विनोद के हिंदू लंड पर पहली बार अपना पानी छोड़ दिया.
मेरी गरम चूत ने विनोद के मोटे लंड पर इतना पानी छोड़ा कि विनोद का पूरा लंड मेरी चूत के लैस दार पानी से भर कर पूरी तरह तर हो गया था.
“हाईईईईईईईईईईई यासिर से चुदवाते वक्त तो मेरी चूत ने कभी इतना जल्दी अपना पानी नही छोड़ा,फिर आज क्यों मेरी फुद्दि चन्द मिनटों में ही विनोद के लंड पर फारिग होने लगी है” अपनी फुद्दि में जड़ तक गये विनोद के लंबे लंड पर अपनी चूत का पानी छोड़ते हुए मैने सोचा.
“ओह अच्छाआआआअ तो ये सब विनोद के अनकट लंड की चमड़ी का कमाल है,जिस की रगड़ की वजह से मेरी फुद्दि में इतनी गरमी पेदा हुई है,और एक अजीब सी हल चल मची है, जो अपने शौहर यासिर के कटे (सर्कम्सीड) हुए लंड को अपनी फुद्दि में लेते वक्त मुझे कभी महसूस नही हुई थी,हाईईईईईईईईईईई अच्छााअ मुझे आज समझ आई है, कि वीना मलिक और मीरा समेत हमारी काफ़ी सारी पाकिस्तानी फिल्म आक्ट्रेस भाग भाग कर इंडिया क्यों जाती हैं,इंडियन मूवीस में काम करना तो सिर्फ़ एक बहाना है,असल में वो सारी इंडिया सिर्फ़ और सिर्फ़ ऐसे ही अनकट हिंदू लंड का मज़ा लेने जाती हैं, जिस मज़े से में इस वक्त लुफ्त अंदोज़ हो रही हूँ” विनोद के लंड के ताकतवर झटके ने मेरी फुद्दि में जो ये एक नई लज़्जत पेदा की थी. उस के स्वाद से लुफ्त अंदोज़ होते और विनोद के मोटे सख़्त लंड पर अपनी फुद्दि का बे तहाशा पानी छोड़ते हुए ये सारी बातें मेरे दिमाग़ में गूंजने लगीं.
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