RE: Hindi Sex Kahaniya हाईईईईईईई में चुद गई दु�...
बेडरूम में आते ही सपना ने अपने बॅग से एक सीडी निकाली और सामने पड़े डीवीडी प्लेयर में वो सीडी लगा दी.
मैने उस से कहा “कोन्सी मूवी है?”
सपान ने मुझे जवाब नही दिया और मेरे बेड पर मेरी क़रीब आ कर ही बैठ गई.
जैसे ही मूवी शुरू हुई तो मूवी का पहला सीन ही देख कर में चोन्क सी गई….
क्यू कि उस में दो लड़किया एक दूसरी के साथ ऐसी हरकतें कर रही थी की मैने शर्मा के अपनी निगाहें झुका दी….
वो एक लेस्बियन एक्सएक्सएक्स मूवी थी….मैने उस से मूवी बंद करने को कहा लेकिन वो नही मानी ….
“ये क्या उठा लाई हो तुम सपना” में थोड़ा गुस्से में बोली.
“मैने सोचा कि तुम यासिर की कमी महसूस कर रही हो गी,तो तुम्हारे लिए ये मूवी ले आई” सपना ने मुस्कराते हुए मुझे जवाब दिया.और फिर सपना बहुत इन्मिहाक से टीवी पर लगी मूवी देखने लगी.
पहले तो मैने सोचा कि में उठ कर अपने कमरे से बाहर निकल जाऊं. मगर चाहने के बावजूद उधर से उठ ना पाई.
में कुछ देर तो इधर उधर देखती रही.. लेकिन फिर मेरी नज़र भी स्क्रीन पे ही जम गई…
वो दोनो लड़किया पागलो की तरह एक दूसरी को चाट रही थी… और अजीब अजीब हरकतें कर रही थी… आहिस्ता आहिस्ता में गरम होने लगी…
सपना की तरह में भी ज्यों ही मूवी को देखने में मगन हुई.
तो सपना की एक हरकत ने मुझे एक दम हिला कर रख दिया.
सपना कनखियों से मुझे देख रही थी… जब उस ने देखा कि में गरम हो चुकी हूँ.. तो वो अपना एक हाथ मेरी रान पर रख कर आहिस्ता आहिस्ता मेरी रान को सहलाने लगी….
मैने चौंक के ज्यों ही सपना की तरफ देखा. तो सपना ने एक दम मुझे बड़े ज़ोर से अपने गले से लगाया.
इस से पहले कि में कुछ करती.
कि सपना ने अपने लब मेरे होंठो पे रख के मुझे कुछ कहने से रोक दिया.
चन्द लम्हे तो में कुछ नही समझी.. फिर अपने आप को छुड़ाने की कोशिश करते हुए बोली “ये क्या कर रही हो तुम,छोड़ो मुझे प्लीज़”
लेकिन सपना ने मेरी बात की परवाह ना करते हुए मुझे और भी ज़ोर से जकड लिया …
और मुझे बिस्तर पर गिरा कर मेरे होंठ चुसते हुए अपना एक हाथ मेरी छाती(बूब) पे रख के आराम से दबाने लगी.
में तो सपना को अपनी सहेली समझ रही थी.
मगर अब सपना की इस हरकत ने तो मुझे हैरान और परेशान कर के रख दिया था.
मेरी समझ में कुछ नही आ रहा था.. कि सपना को एक दम से अचानक हो क्या गया है…
लेकिन जब सपना ने मेरे मम्मे दबाने शुरू किए.. तो मुझे ना चाहते हुए भी मज़ा आने लगा था….
जब उस ने अपने लब मेरे होंठो से हटा कर मेरे गालो को चूमने लगी…
तो मैने तेज सांसो में धीमी आवाज़ से कहा “ ये तुम क्या कर रही हो?” “
“प्लीज़ सायरा कुछ ना कहो और मुझे ना रोको … सिर्फ़ 2 मिनट और” सपना अब मेरे पूरे जिस्म पे हाथ फेर रही थी..
“क्या तुम पागल हो?” मैने फिर उसे अपने उपर से हटाने की कॉसिश करते हुए कहा.
“सॉरी डियर…. में जानती हूँ कि मुझे ऐसा नही करना चाहिए था… लेकिन मैं पिछले कई महीनो से तुम्हारा इंतजार कर रही थी… जब से मैने तुम्हारी शादी की तस्वीरे देखी है… तब से में आशिक़ हो गई थी तुम पे” ये कहते हुए सपना के हाथ मेरी छातियों पर रेंगने लगे. जिस से मेरे जिस्म में भी मस्ती सी छाने लगी.
में सपना की बातें सुन कर हैरान रह गई…. कि अगर वो मुझ से ज़्यादा खूबसूरत नही तो कम भी नही थी…..
“आख़िर मुझ में ऐसा क्या देखा है तुम ने मुझ में कि मुझ पर इतना फिदा हो गई हो तुम सपना” मैने हैरानी और ताजोसस के आलम में सपना से पूछा…
“ये तुम नही समझोगी … कि तुम में क्या खास बात है… मगर यकीन मानो सिर्फ़ तुम्हारी वजह से में लेस्बियन बनने पर मजबूर हो गई हूँ सायरा” कहते हुए सपना मेरे होंठों को अपने होंठों में ले कर चूसने लगी.
ना जाने ये सपना की बातों या हरकतों का असर था कि मुझे सपना की इस हरकत में मज़ा आने लगा था.
यासिर के लंड की तलब की वजह से मेरी चूत में आग तो पहले ही भड़क रही थी.
मगर इस आग को बढ़ावा अब सपना के हाथों और होंठों ने दे दिया था.
में अपने बिस्तर पर मदहोश पड़ी हुई एक अजीब सी कश मकश में थी.
मेरा दिमाग़ चाहता था कि सपना के अपने जिस्म पर फिरते हाथों को रोक दूं. लेकिन दिल इस ने स्वाद को चखने पर मजूबर करने लगा था.
और आख़िर कर दिल की जीत हो गई. मेरे जवान जिस्म पर फिरते हुए सपना के हाथों की वजह से मेरे सारे बदन मे कंपकपि दौड़ गई.
जिस की वजह से मेरे मुँह से सिसकी निकल गई और मेने उस को ज़ोर से लिपटा लिया.
मैने अपने जिस्म हो बिस्तर से हल्का से उठाया. और सपना को अपनी बाहों मे भर लिया,
यूँ हमारे होठ एक बार फिर से मिल गये लेकिन इस बार अलग ना होने के लिए.
अब मेरी जीभ सपना के मुँह मे थी और वो बहुत आहिस्ता से मेरी ज़ुबान को दाँतों से दबाते हुए चूम रही थी.
सपना ये जान चुकी थी कि अब में पूरी तरह से उस के बस मे हूँ और उस की की गई किसी हरकत को अब में नही रोक पाउन्गी.
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