Hindi Sex Stories By raj sharma
02-26-2019, 09:38 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
उमड़ती जवानी की प्यास


इसके पहले की मई ये कहानी सुरू करू मई अपने परिवार के बारे मे कुच्छ बताडू. मेरे परिवार मे मई, दामिनी और पापा बस तीन लोग है. पापा अक्षर अपने कम के चलते बाहर ही रहते है. जिसके चलते घर पर मेरे और दामिनी के अलावा और कोई भी नही रहता. मेरे पापा एक प्राइवेट कंपनी मे फर्स्ट क्लास ग्रैड के एंप्लायी है. मेरी दामिनी जिनकी उमर पचीस साल की है एक गोरी और बेहद ही सुंदर पहले लड़की अब औरत है जिनके बारे मे मई इतना कह सकता हू की उनकी सुंदरता को लिखना मुस्किल है. उनकी लंबाई 5 फिट 7 इंच की है. उनका गतिला बदन देखके अच्छे अच्चो की नियत खराब हो जाती है. दूसरे तरफ मई जिसके बारे मे मई इस कहानी मे बताने जेया रहा हू एक बेहद ही खूबसूरत और स्मार्ट पर्सनाल्टी के और काफ़ी मिलनसार आदमी है. उनकी लंबाई मेरे दामिनी के लंबाई से थोड़ी सी ज़्यादा है.

अब मई आज आपके लिए जो कहानी लिखने जेया रहा हू वो कहानी लिखने जेया रहा हू वो सिर्फ़ कहानी नही बल्कि बिल्कुल ही हक़ीकत है. ये आज से बहुत दिन पहले की है जो मेरे दामिनी और मेरे साथ हुई थी. जोकि मुझे वैसे ही याद है जैसे की ये कल की बात है.

उस दिन मई और दामिनी एक अफीशियल कम से उत्तरांचल गये हुए थे. अपने काम को ख़तम करने के बाद जब हम होटल मे वापस आने लगे तो दामिनी ने मार्केट चलाने के लिए कहा जोकि हमारे जगह से करीब दस किलोमीटर दूर था क्योकि उनको कुच्छ शॉपिंग करनी थिंअर्केत मे जाने के बाद जब हम शॉपिंग करने लगे तो दामिनी ने बेउती पार्लर मे जाके अपना फेशियल कराया तो देखके मुझे कुच्छ अजीब सा लगा. लेकिन उनके उस कम का मतलब मुझे रात मे चला. रात को मार्केट से आने के बाद हमलोग तक गये थेऽब हम अपने जगह पर वापस आने लगे तो रास्ते मे एक पहाड़ी के पास एक गाड़ी दुर्घटना ग्रस्त
हो गयी थी जिसके चलते उस रात हम पहाड़ी के उस पार नही जेया सकते थे. काफ़ी पुच्छ टच्छ करने के बाद पता चला की पास मे एक होटल है जहा रुकने की ब्यावस्था है. दामिनी ने बोला की हम पैदल ही होटल मे चलते है. हम जब रास्ते मे कुच्छ दूर आ गये थे तभी जोरदार बारिस हुए जिसमे हम दोनो लोग भींग गये. होटल पर पहुचने के बाद हमारे पास पहनने के लिए कोई भी कपड़ा नही था और हमारे कपड़े इतने भींग गये थे की हम उसे पहन के नही रह सकते थे. सो मैने गेस्ट रूम मे जाके अपने कपड़े को खोल के फैला दिया और उस चादर को लपेट लिया जो हमे रात मे ओढ़ने के लिए मिला था. दामिनी ने बातरूम मे जाके अपने भींगे कपड़े खोले और दूसरी चादर को लपेट लिया.

अब दमणी और मेरे बीच कुच्छ इधर उधर की बाते होने लगी. हमारे कमरे मे अंगीठी की ब्यावस्था थी. हम अंगीठी के पास बैठ के बाते करते रहे. इसी बीच मई उसके साथ कुच्छ मज़ाक भी करने लगा. मज़ाक के दौरान जब दामिनी भागने लाई तो उसके चादर मे आग लग गयी. मैने जब उसके चादर मे आग देखा तो उसके चादर को अंगीठी मे फेक दिया और दामिनी को अपने बहो मे भर लिया. अब दामिनी को अपने बहो मे लिया तो उसके नंगे बदन जैसे ही मेरे नंगे बदन से टकराए तो ऐसा लगा की जैसे मेरे बदन मे आग सी लगी हो. मई थोड़ा सा आगे बढ़े और दामिनी के पास सात के खड़े हो गये और दामिनी के बॉल को हटते हुए एक हाथ को दामिनी के कमर पर और दूसरे हाथ को दामिनी
के बूब्स के उपर रखते हुए दामिनी को अपने तरफ खिच लिया. अब मई दामिनी के बूब्स को दबाने लगे तो दामिनी पहले कुच्छ देर तक तो बीरोध करती रही लेकिन थोड़े समय के बाद मैने देखा की दामिनी उम्म्म्मममममम. सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आहह उम्म्म्ममम की मस्ती भारी एक अजीब से आवाज़ निकले ळगि.दमिनि हाला की उस वक्त भी ये दिखाने की पूरी कोसिस कर रही थी की वो वैसा नही चाहती थी. लेकिन उसमे उनकी हामी साफ दिख रही थी. कुच्छ देर के बाद जब मई ने दामिनी के चुड को एक हाथ से सहलाने लगे तो दामिनी ने मई के लूँगी मे अपना एक हाथ दाल दिया और उनके लंड को अपने हथेली से लूँगी के बाहर निकलते हुए सहलाने लगी. अब दामिनी ने मई से पुचछा "क्या लंबाई है
इसकी?".

मैने मुस्कुराते हुए पुचछा "किसकी?"दामिनी बोली "इसीकि" तो मैने फिर चुटकी

लेते हुए पुचछा "किसकी?" अब दामिनी ने बोला "आपके लंड की" तो मैने बोला "आठ इंच की है". दामिनी बोली "बाप रे इतना मोटा और बड़ा तो मैने कभी नही देखा है". इतना सुन के मई ने दामिनी के साया के नडे को खोल दिया. साया सरक के ज़मीन पर जा गिरा. अब मई दामिनी के दाहिने चुचि को धीरे धीरे दबाने लगेंऐ के इस तरस से करते हुए देख के दामिनी बोली "ये क्या कर रहे हे आप? प्लीज़ ऐसे मत कीजिए." तो मई बोले "जब से मैने आपके भींगे हुए बदन को देखा है मेरा मान मे आग सी लगी है. मान बेचैन हो गया है. आज मई आपकी हर कामना को पूरा करना चाहता हू." इस तरह से कहते हुए मई दामिनी के चुचीॉ को थोड़े ज़ोर से दबाने लगे. पाँच च्छे बार दबाने के बाद जब मैने देखा की दामिनी भी उम्म्म्मममममम.

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आहह उम्म्म्ममम नहियीईईईईईईईईईई आआअहह की आवाज़ निकालने लगी तो उन्होने दामिनी के कंधे के पास से बॉल को हटते हुए अपने होतो को दामिनी के कंधे और गर्दन के बीच धीरे धीरे रगड़ने लगे और दामिनी के चुचि को धीरे धीरे दबाने के साथ ही दूसरे हाथ से दामिनी के चुड को सहलाते रहे. जैसे ही मई ने दामिनी के चुड को सहलाना कुच्छ देर तक जारी रखा तो दामिनी अपने आपको रोक नही पाई अब अपने हाथ से मेरे लंड को छ्चोड़ दिया और मेरे लंड को अपने दोनो जाँघो के बीच मे घुसा के अपने कमर को हिलने लगी और इस तरह से दामिनी भी अब मेरा हेल्प करने लगी. अब मैने दामिनी के गंद को सहलाने लगा और अब मई दामिनी के एक चुचि को ज़ोर ज़ोर से दबाने लगे और अपने कमर को हिलने लगे और अपने कमर को भी हिला रहे थे. दामिनी उनके हर एक झटके के साथ एक अजीब सी आवाज़ निकल रही थी.

कुच्छ देर के बाद मई बोले "दर्द हो रहा है क्या?" तो दामिनी बोली हाआआआआआ आआआआआआआहह.

मई बोले इतना सख़्त ये है तो आगे का क्या हाल होगा. चलिए हम आज सुहाग रात मनाएँगे और ये कहते हुए ऐसा लगा की अब उनके लिए बर्दस्त करना मुस्किल हो गया. उन्होने दामिनी को अपने बहो मे उठा लिया और ले जाके दामिनी को बेड पर लिटा दिया. इसके बाद मई ने रूम के दरवाजे को धीरे से बंद कर दिया. दरवाजा बंद करने के बाद जब मई दामिनी के पास आए तो साथ मे उन्होने तेल के एक डिबे को भी ले लिया और उसे पास के तबले पर रख दिया. इसके बाद मई दामिनी के चुड को देखने के लिए दामिनी के पैर को थोड़ा सा फैला दिया क्योकि उस वक़्त तक दामिनी के दोनो पैर सटे हुए थे. कुच्छ देर तक मई दामिनी के चुड को पूरे ध्यान से देखते रहे. इसके बाद मई ने डिबे से थोड़ा सा तेल निकल के दामिनी के चुड पर दाल दिया. अब मई दामिनी के उपर चढ़ने लगे और दामिनी के जाँघो पर अपने हाथ को रगड़ना सुरू किया तो दामिनी उम्म्म्मममममम. सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आहह उम्म्म्ममम उम्म्म्मममममम

सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आहह उम्म्म्ममम की आवाज़ के साथ ज़ोर ज़ोर से ससे खिचने
लगी. मैने देखा की दामिनी के ससे खिचते देख के मई का डंडा और भी लूंबा हो गया. मई दामिनी के जाँघ को थोड़ा सा फैलाया क्योकि उस वक़्त तक दामिनी के दोनो जाँघ बिल्कुल ही सता लिया था.

अब दामिनी की चुड पूरी तरह से दिख रही थी. मई जब दामिनी के चुड को सहलाने लगे तो दामिनी ने मई के लंड को उनके लूँगी से निकल दिया जो की आठ इंच लंबा था. उसे लेके दामिनी भी सहलाने लगी. अब मैने देखा की दामिनी और मई लगभग एक मिनूट तक यू ही अपने काम को अंजाम देते रहे. इसके बाद मई दामिनी के जाँघ पर बैठ गये और दामिनी के चुड पर अपने लंड को जैसे ही सताया तो दामिनी ने अपने दोनो हंतो से चुड को फैला दिया. मई ने दामिनी के चूड़ मे अपने लंड को ले जाने के लिए अपने कमर को धीरे धीरे सरकाना सुरू किया तो दामिनी ने उम्म्म्ममममममस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्साहह उम्म्मममुंम्म्ममममम सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्साहह उम्म्म्ममम के आवाज़ के साथ अपने ससे खिचनी सुरू कर दिया. मैने देखा की मई दामिनी के चुड मे अपने लंड के टॉप को दाल दिया. अब मई दामिनी के उपर लेट गये और अपने कमर को हिलना सुरू कर दियऽब दामिनी के मूह से आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उूुुुुुुुउउम्म्म्ममममम उूुुुुुउउंम्म की आवाज़ निकालने लगी. कभी कभी मई ज़ोर ज़ोर के झटके लगते तो दामिनी पूरी तरह से हिल जाती थी. दामिनी ने अब अपने हाथो को मई के पीठ पर रख लिया था और मई के पीठ को सहला रही थिऽब मई दामिनी के गालो को चूमने लगे और अपने दोनो हाथो से दामिनी के दोनो चुचीॉ को दबाने लगे तो दामिनी भी मस्ती मे आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उूुुुुुुुउउम्म्म्ममममम उूुुुुुउउंम्म आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उूुुुुुुुउउम्म्म्ममममम उूुुुुुउउंम्म की अजीब ही आवाज़ निकल रही थी. कुच्छ देर मे मई ने अपने आधे लंड को दामिनी के चुड मे दाल दिया था.

अब मई ने दामिनी के पैरो को फोल्ड कर लिया और दामिनी के जाँघो को फैलते हुए अपने आपको दामिनी के दोनो पैरो के बीच मे अडजेस्ट किया. दामिनी ने ऐसा करने मे उनकी हेल्प किया. अब मई ने मुँमू को फिर से झटका देने सुरू काया तो दामिनी अपने गर्दन को उठा उठा के आहे भरना सुरू करे दिया. अब उक्ले ने झटका मरते हुए दामिनी से पुचछा "दर्द कर रहा है क्या?" तो दामिनी से एक

अजीब आवाज़ मे कहरते हुए जबाब दिया " नहियीईईईईईईईईईईईई आआअहह ओह आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उूुुुुुुुउउम्म्म्ममममम उूुुुुुउउंम्म आआअहह आआआअहह आआआअहह ऊऊओह आआआहह उूुुुुुुुउउम्म्म्ममममम उूुुुुुउउंम्म ". अब मई ने एक तरफ अपने कमर को ज़ोर से झटका मारा और दूसेरे तरफ उन्होने दामिनी के ब्रा को फाड़ दिया. मैने दामिनी के मूह से ज़ोर की चीख के साथ दामिनी के पैर को पटकते हुए देखके समझ गया की मई ने ना सिर्फ़ दामिनी के ब्रा को फादा है बल्कि उन्होने दामिनी के बर को भी फाड़ दिया था. अब मई अपने कमर के स्पीड को बढ़ा दिया और कुच्छ ही देर मे उनका पूरा लंड दामिनी के चुड मे चला गया था. क्योकि दामिनी के चुड से छाप छाप की आवाज़ आ रही थी. कुच्छ देर तक उही च्चटपटाने के बाद मूमी ने अब मई का पूरा साथ देना सुरू कर दिया.

कुच्छ देर के बाद मई दामिनी के होतो को अपने होतो मे दबा लिया और अपने लॅंड को दामिनी के चुड मे ज़ोर ज़ोर से अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगे. ये सिलसिला मैने पूरे आधे घंटे तक देख.तब जाके दोनो संत पड़े रहे और ही सो गये. मई वही खड़ा रात भर दामिनी को देखता रहा मुझे पता नही कब नींद लग गयी और मई बेड पर आके सो गया. भोर मे जब मेरी नींद खुली तो मैने डेक्खा की वो दोनो वैसे ही सोए हुए थे. अचानक दामिनी की नींद खुली तो वो अपने आपको उसके बहो मे नंगी अवस्था मे देखा तो समझ गयी. मई भी जाग गया थे. अब मई ने दामिनी के गाल पर एक चूमा लिया. अब वो दामिनी के गंद को अपने तरफ करने कहा तो दामिनी ने बिना कुच्छ कहे अपने पीठ को उसके
तरफ कर दिया. मई ने उनको पेट के बाल लेटने के लिए कहा तो दामिनी पेट के बाल लेट गयी. अब वो उठ के दामिनी के जाँघ पर बैठ गये. अब मई दामिनी के गंद मे अपने लंड को डालने के लिए सबसे पहले दामिनी के गंद पर अपने लंड को रगड़ा तो मैने देखा की दामिनी के गंद पर उनके लंड का पानी च्छुत गया. अब उन्होने दामिनी के गंद को गीला कर दिया. अब दामिनी ने अपने गांद को अपने हाथो से फैला दिया. मई ने अपने लंड को दामिनी के गंद मे डालने के बाद मई ने दामिनी के कमर को पकड़ के ज़ोर ज़ोर से तीन झटके मारा तो दामिनी उम्म्म्मममममम. सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आहह उम्म्म्ममम उम्म्म्मममममम.
सस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आहह उम्म्म्ममम के आवाज़ के साथ पूरी तरह से छटपटा उठी.

अब दामिनी ने अपने कमर को खिचने लगी तो वो दामिनी के उपर चढ़ गया. और दामिनी के गंद मे अपने लंड से पंपिंग करने लगंऐ के हर झटके के साथ दामिनी पूरी तरह से च्चटपटा रही थी. मैने देखा की मई जब जब भी ज़ोर ज़ोर से अपने कमर को हिलाते तो दामिनी पूरी तरह से कप जाती थी. एक दो बार तो अमम्मा ने अपने हाथ को अपने गंद तक भी ले गयी लेकिन मई ने दामिनी के हाथ को खिच के हटा दिया. मई का लंड जब आधा से ज़्यादा दामिनी के गंद मे चला गया तो मई ने दामिनी के मूह पर अपना हाथ रख के एक ज़ोर के झटका के साथ अपने कमर को हिलाया तो दामिनी दर्द के मारे इस तरह से तड़प उठी जैसे एक छ्होटी सी बची हो. मई उठ के बैठ गये. दामिनी की गंद फॅट चुकी थी. उनके गंद से खून गिर रहा था. लेकिन मई ने अपने कमर को हिलना जारी रख.कुछ देर के बाद दामिनी संत पद गयी. जब मई ने देखा की दामिनी संत पड़ने लगी तो मई दामिनी के उपर चढ़ के दामिनी को बीस मिनूट तक पेलते रहे और दामिनी को भी तब मज़ा आने लगा थ.इस्के बाद दोनो लोग संत पद गये. कुच्छ देर वैसे ही पड़े रहने के बाद वो दामिनी के उपर से हट गये. अब दामिनी को सीधा करने के बाद दामिनी के पैर को हल्का सा फैलाया तो दामिनी ने बोला की पेशाब लगी है. वो दामिनी को लेके बाथरूम मे गये वाहा से जब वापस आए तो मैने देखा की दामिनी ने अब उसके लंड को अपने मुति मे पकड़ रखा था. अब दामिनी बेड पर लेट गयी. अब मई ने एक डिबे को लेके आए और दामिनी के कमर के पास रखा . अब दामिनी के चुड मे तेल लगाने लगे तो दामिनी ने भी अपने हाथो मे तेल ले के उसके लंड मे तेल लगाने लगी. तेल लगाने के बाद वो दामिनी के जाँघ पर बैठ गये अब दामिनी ने अपने चुड को फैला दिया.

मई ने अपने लंड को दामिनी के चुड पर सता के ज़ोर से झटका मारा तो दामिनी के मूह से चीख को सुन के समझ गया की दामिनी के चुड मे मई का लंड चला गया अब मई ने दामिनी के चुचीॉ मे तेल लगाने के बाद चुचीॉ को मसालने के साथ ही दामिनी के चुड मे अपने लंड को अंदर और अंदर ले जाने के लिए ज़ोर ज़ोर से झटके मरने लगा. दामिनी अपने प्यास को बुझा रही थी. मई कुच्छ देर तक यू ही दामिनी के उपर लेते रहे इसके बाद उठ के जब उन्होने दामिनी के चुड से अपने लंड को निकाला तो दामिनी ने आखे खोली और मुस्कुराते हुए अपने चेहरे को धक लिया तो मई ने हेस्ट हुए बोला " अब चेहरा क्या ढकना है."

और दामिनी के हाथो को उनके चेहरे से हटते हुए पुचछा " मज़ा आया क्या ? "
तो दामिनी ने सर हिलाते हुए जबाब दिया "हा मज़ा आया." अब मई दामिनी के उपर से हट गये. मई ने अपने लूँगी को पहन लिया और बेड से उतरते हुए रूम के दरवाजे को खोल के अपने कमरे मे चले गये. अपने कमरे मे जाके उन्होने अपने रूम मे दरवाजे को बंद कर लिया. दामिनी कुच्छ देर तक यू ही लेती रही तब उठ के अपने सारे कपड़े को पहन लिया.

और बेड पर जाके सो गयी. मई पूरी रात ये जानने के लिए जागता रहा की क्या मई फिर से दामिनी के रूम मे जाते है या नही. लेकिन मई ने ऐसा नही किया. सुबह जब मैने अपने दरवाजा खोला और रूम से बाहर आया तो मई को अपने जाने के लिए तैयार होते हुए देखा. दामिनी भी अपने कमरे से निकल के किचें मे गयी और चाय बनाया. मई ने चाय पिया और फिर अपने कम से चले गये. दामिनी ये जान के खुस थी की मैने कुच्छ भी नही देखा है. मई भी यही चाहता था. यारो ये पहला मौका था जब मैने अपने दामिनी को चूड़ते
हुए देखा था. जो काफ़ी ही अच्छा लगा था. इसी लिए मैने इसे लिखा है. 
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Hindi Sex Stories By raj sharma - by sexstories - 02-24-2019, 01:16 PM
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma - by Pinku099 - 03-07-2019, 10:48 PM
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma - by sexstories - 02-26-2019, 09:38 PM

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