Hindi Sex Stories By raj sharma
02-26-2019, 09:34 PM,
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma
नरगिस--1


मेरा नाम नरगिस है .. मैं एक मुस्लिम परिवार की बेटी हूँ मेरे घर मे मेरी एक छोटी बहेन है और अम्मी है .. मेरे अब्बू का एन्तेकाल कुच्छ सालों पहले हो गया था.. उनके जाने के बाद मेरी अम्मी के भाइयों ने भी हम से हाथ खीच लिया अब सारे परिवार की ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर आ गई थी ..

मैं करती भी क्या पड़ाई ख़तम करके एक अच्छी से नौकरी करना चाहती थी.. मैं दूसरी लड़कियों की तरह कभी अपनी लाइफ जी ही नही पाई हर कदम पे समझौता ही करती रही … शायद ये ही मेरा नसीब बन गया था.. अब तो आदत से हो गई थी..

मेरा रुटीन बिल्कुल बना हुआ था.. सुबह उठना और पहले तय्यार हो के ट्यूशन पढ़ने जाती और वही से ऑफीस निकल जाती … फिर शाम को जब थक हार के घर आती तो मेरी छोटी बहन को पढ़ाती .. फिर अम्मा के साथ बैठ के बातें करती और फिर अगले दिन की तय्यारी रात मे कर के सो जाती .. मुझे लेट होने का शौक नही था सो मैं अपने कपड़े रात मे ही तय्यार कर के रख लेती थी..

मगर मुझे वो दिन आज भी याद रहे गा.. .. वो मेरी ज़िंदगी का सबसे मनहूस दिन था.. वो दिन था.. सॅटर्डे का दिन अगले दिन छुट्टी थी मैं रोज़ी को पढ़ा के लेट गई थी.. काफ़ी थकि हुई थी मगर जाग रही थी कि कल तो सनडे है आराम से उठना था.. तो कोई टेशन नही थी ..

मैं और मेरी बहेन रोज़ी हम एक कमरे मे लेट ते है .. और अम्मी दूसरे कमरे मे लेट ती है. वो कमरा मेरे कमरे से थोड़ी दूरी पे है.. उसके साथ ही किचन लगा हुआ है.. और बीच मे आँगन है .. मुझे थोड़ी प्यास लगी थी मैं उठी कि चलो पानी पी लू फिर आ के लेटुंगी ..

मैं जैसे ही अम्मी के कमरे के पास से गुज़री मुझे कुच्छ बातें करने की आवाज़ आई .. मेरे पैर रुक गये मैं चौंक गई कि ये अम्मी किससे बातें कर रही है.. मुझे लगा कि कहीं कोई भाई तो वापिस नही आ गया .. जिससे दिल के हाल बयान हो रहे हूँ ये सोच के मैं अम्मी के कमरे की तरफ बढ़ी ही थी कि मेरे पैर रुक गये .. मुझे आवाज़ जानी पहेचानी लगी ..

अरे.. मेरे खुदा.. ये तो .. नजीब अंकल की थी नेजीब अंकल मेरे अब्बू के दोस्त है.. और अक्सर घर आते रहेते थे .. अम्मी को वो बहेन मानते थे.. मगर ये आवाज़ें मुझे परेशान कर गई थी .. मैने धीरे से अम्मी के कमरे की खिड़की से झाँक के देखा ..तो अंदर का नज़ारा ही कुच्छ और था… मेरी .. अम्मी …. (मैं कहना नही चाहती मगर कह रही हूँ ) ..

पूरी नंगी लेटी थी .. और मेरे नजीब अंकल उनके ऊपर ही लदे हुए थे ये देख के मैं शरम से पानी पानी हो गई.. मैं करूँ क्या.. मैं उल्टे पावं वापिस आ गई.. और अपने पलंग पे लेट गई.. तभी मुझे फिर से प्यास महसूस हुई क्यो कि पानी तो मैं पीना ही भूल गई थी.. मैं वापिस किचन मे गई और बिना आवाज़ किय मैने पानी पिया और ..

वापिस जाने लगी .. तो मेरा दिल बोला .. यार नरगिस अम्मी कर क्या रही हैं ये तो देख ले .. हो सकता है कि तूने जो देखा और जो समझा वो अलग अलग हो .. .. मैने भी ये ही सोचा .. तभी मुझे एक बात सूझी .. मैं फ़ौरन किचन के रौशन्दान पे चढ़ गई और अंदर देखने लगी ..

अंदर अम्मी बिल्कुल नंगी बेड पे लेटी थी और नेजीब अंकल उनके ऊपर लदे हुए थे उनका .. .. मोटा सा सामान .. काला काला .. मेरी अम्मी की… पेशाब की जगह पे था.. मुझे आज ये मालूम है कि उनको क्या कहते है.. .. मेरा कहने का मतलब है.. कि अंकल का लंड मेरी अम्मी की चूत मे धसा हुआ था… और अम्मी अपनी टाँगों को फैलाए ..

अंकल से लिपटी पड़ी हुई थी .. और अंकल उनकी चुदाई कर रहे थे.. यह खुदा ये मैं क्या देख रही हूँ … अम्मी तो इनको अपना भाई कहती थी .. फिर ..ये सब क्या है.. मगर अब मुझे देखने मे मज़ा आ रहा था.. नजीब अंकल कस कस के धक्के मार रहे थे और अम्मी उच्छल उच्छल के उनके धक्के अपनी कमर और चूत पे रोक रही थी ..

फ़चा फॅक की आवाज़ें पूरे कमरे मे गूँज रही थी .. अम्मी बड़े मज़े के साथ अपनी चूत को चुद्वा रही थी.. मैं देख के हैरान थी.. मैं उतरने को हुई तो देखा मेरे पीछे मेरी छोटी बहन रोज़ी खड़ी थी.. वो मुझे देख के मुस्कुरा दी.. मैं गुस्सा हुई .और चुप चाप उतर के .. कमरे मे आ गई .. पीछे पीछे वो भी कमरे मे आ गई .. ..

“ क्या हुआ बाजी .. ?? “

कुच्छ नही .. तू क्या कर रही थी वहाँ पे

..अरे बाजी ये सीन तो मैं कई बार देख चुकी हूँ तुमको ही खबर नही है .. अम्मी तो कई लोगो के साथ ये करवाती है.

.क्या .. तू पागल तो नही हो गई है

नही बाजी मैं सच कह रही हूँ जब तुम घर पे नही होती तो अम्मी अपने यारों को बुला के ये सब ही तो करती है ..वरना इस घर का खर्चा कैसे चले.. “

मैने एक ज़ोरदार थप्पड़ उसके गाल पे रसीद कर दिया वो चुप चाप जा के बेड पे लेट गई .. मुझे खुद पे और सबसे ज़्यादा अपनी अम्मी पे गुस्सा आ रहा था.. कि वो ऐसा क्यो कर रही थी . मैं तो अम्मी को बहुत नेक औरत का दर्जा देती थी मगर मेरा विश्वास आज छलनी हो गया था..

मेरी आँखों से ना जाने कब आँसू निकल आए और मेरे चेहरे पे बहने लगे थी .. मैने आज तक अपनी असमात (जवानी या इज़्ज़त ) का सौदा किसी के साथ नही किया.. मेरी कितनी ही सहेलियाँ अपनी चूत को दिखा कर मुझसे उँची जॉब पा चुकी थी मगर मेरे लिए मेरी इज़्ज़त ही सबसे बड़ी थी ..

मगर आज मेरी इज़्ज़त धूल गई थी क्या थी मेरी इज़्ज़त … आज मैं एक धंधे वाली की बेटी बन गई थी . उस रात मैं सो नही सकी .. सुबह को मेरी आँखें सूजी हुई थी .. और रोज़ी भी मुझसे नाराज़ थी ..

मैं जल्दी ही उठी और अपने लिए कॉफी बनाके कमरे मे आ गई .. शायद अम्मी को रोज़ी ने बता दिया था तभी अम्मी मेरे कमरे मे दाखिल हुई और मुझे देख के बोली “ नरगिस .. “

जी अम्मी .. ?? “ मैने उनकी तरफ़ देख के बोला .. मेरा मन नही कर रहा था कि मैं उनसे बात भी करूँ .. मगर मैं उन्हे दिखाना नही चाहती थी कि मैं नाराज़ हूँ .

रोज़ी बता रही थी की … तुमने कल रात कुच्छ देखा .. और उससे बहुत परेशान हू .. “ मैं खामोश रही .. अम्मी ने फिर बोलना शुरू किया .. “ देखो बेटी .. जब तुम्हारे अब्बू का इंतेकाल हो गया और .. बच्चों की ज़िम्मेदारी मेरे ऊपर आई तो मैं ..बहुत परेशन हो गई .और कई लोगो से मैने सहारे की कोशिश करी मगर अकेली औरत पे सिर्फ़ लोग बुरी नज़र डालते है .. हेल्प कोई नही करता .. मेरे साथ भी ये ही हुआ.. मैं ज़माने की मार को सह ना सकी और तुम्हारी परवरिश के आगे मुझे अपनी इज़्ज़त का सौदा करना पड़ा फिर जब एक बार मैने सौदा किया तो .. फिर तो ..

मेरी हिम्मत भी बढ़ गई और आमदनी का एक ज़रिया भी खुल गया.. मैं तुमको क्या बताऊ .. मैं कैसे कैसे लोगों के साथ सोती आई हूँ मगर आपने बच्चों पे ये साया मैं पड़ने नही देना चाहती थी.. तभी मैने आज तक शादी नही की और तुमको आज तक पता नही चला कि मैं क्या कर के पैसे कमाती हूँ.. तुम लोग कभी जान ही नही पाई .. ..

मैं हर कदम पे अपने जिस्म को बेचती रही … और तुम लोगों के लिए रोज़ी रोटी का इंतेज़ाम करती रही .. मगर तुमने कभी कुच्छ नही पूछा मगर आज तुम्हारी मा की हक़ीक़त तुम्हारे सामने आ गई है तो तुम मुझसे परेशान हो रही हो.. “ मैने कोई ग़लत काम नही किया है.. अब तुम मुझे बताओ.. क्या मेरी जगह तुम होती तो तुम क्या करती .. बच्चो का गला दबा देती या उनको कुएँ मे फैंक देती “

ये सब बातें आज मैने पहेली बार सुनी थी.. मेरी आँखों मे आँसू आ गये और मैं अम्मी से लिपट के खूब रोई .. फिर मैने उनको माफ़ कर दिया.. .. और हम दोनो .. आराम से बैठ गये और . बातें करने लगे .. तब अम्मी ने मुझे बताया कि वो किस किस के साथ सो चुकी हैं.. मैं अब जान गई थी कि अब कोई अच्छी फॅमिली का लड़का तो मुझसे शादी करेगा नही सो .. मुझे ऐसे ही मनी कमानी चाहिए.. ये ईज़ी मनी है ..

मैं इसे आसानी से कमा भी सकती हूँ और ज़्यादा मगज मारी करने की भी ज़रूरत नही है.. ये सोच के मैं आराम से थी .. तभी रोज़ी आ गई और अम्मी ने मुझे और रोज़ी को मिलवाया और .. हम दोनो बहने .. गले लग गयी .. मैं काफ़ी खुश थी .. फिर हम सबने खाना खाया और रात को अम्मी दुबारा.. नजीब अंकल के साथ चुदि .

उस दिन हम दोनो बहेनो ने देखा आज मुझे बहुत मज़ा आ रहा था.. मैं सोचने लगी कि आम्मि की तो उमर भी हो रही है फिर भी कैसे मज़े ले लेती है और हमारी तो उमर है मज़े लेने की तो हम नही ले पा रहे है .. मैने रोज़ी से कहा “ रोज़ी मेरी बहेन .. ये अम्मी कितने मज़े लेती है.. क्या हमे ऐसा नही करना चाहिए.. “

बाजी .. आप ने ही मज़े नही लिए होंगे .. मैं तो ये काम बहुत पहले कर चुकी हूँ “ क्या.. “ ( मैं सबसे पीछे रहे गई थी . चुदाई के मामले मे .. “ ) मैं उसे हैरत से देख रही थी.. तब उसने मुझे उसके और युसुफ के बारे मे बताया … उसकी सहेली का भाई था.. जो उसे कई बार चोद चुका था.. मेरा ये सुन के बुरा हाल हो गया था ..

अब मुझे भी चुद जाना चाहिए था.. ये सोच के मैं मन ही मन मुस्कुराने लगी .. मगर मुझे शरम बहुत आ रही थी .. मैने अम्मी से कहा कि मैं भी अपना अकाउंट ( चूत मरवाने का ) खुलवाना चाहती हूँ तो अम्मी ज़ोर से हँसी और बोली ..

अगर तू कहे तो मैं तेरे लिए किसी रईस आदमी का इंतेज़ाम कर दूं जो खूब सारे पैसे देगा और मज़ा भी देगा.. मैने हां कर दी .. तब अम्मी ने एक शहेर के व्यापारी से बात की और मेरी चुदाई का दिन तय हो गया .. अगला सॅटर्डे मेरी चुदाई का दिन तय हो गया था..

मैं आप लोगों को बता दूं मैं एक नॉर्मल लड़की हूँ मेरी हाइट 5’5” है और मेरा फिग साइज़ .. 34”27”32” है.. मेरी चुचियाँ कुच्छ ज़्यादा ही बड़ी है.. जिनको देख के मुझे खुद शरम आती है.. मुझसे ज़्यादा रोज़ी मुझे ले के खुश थी उसने मुझे तय्यार किया और पूरे हफ्ते वो मुझे ब्लू फिल्म की सीडी दिखाती रही .. मैने कई तरह से चुद्ना देख लिया था.. और ये ही मुझे उस व्यापारी के साथ करना था.. ..

मैं अपनी तरंग मे डूबी शाम को सोई अगले दिन सॅटर्डे था.. मैं तय्यार होके बताई गई जगह पे पहुँच गई .. वो एक फार्म हाउस था.. वहाँ मुझे एक गार्ड अंदर ले गया .. मैं वहाँ एक लोन मे पड़ी कुर्सी पे बैठ गई . बहुत बड़ा बंगला अंदर बना था.. नौकर चाकर दिखाई नही पड़ रहे थे शायड छुट्टी पे होंगे..

थोड़ी देर मे एक आदमी के आने का एहसास मुझे हुआ मैने मूड के देखा तो एक बड़ी सी उमर का एक आदमी मेरे सामने खड़ा था.. उसकी उमर .. लगभग 52-53 साल की रही होगी .. मोटा सेठ था.. उसने मुझे भूके भेड़िए की नज़र से देखा मैं अंदर तक काँप गई .. ये .. क्या.. अम्मी ने मेरे साथ बहुत ग़लत किया . ऐसा आदमी.. ये तो मेरे बाप से भी बड़ी उमर का है.. ये सोच के मैं गुस्सा सी हो रही थी . तभी वो मेरे पास आ गया और बोला . “

हेलो.. मिस नरगिस .. मैं .. राज .. सॅंको इंडस्ट्रीस का मलिक हूँ .. आप को देख के मुझे बहुत खुशी हुई है… “ “ जी. .. म्‍म्म मुझे भी.. “ … “ आप घबराईय नही. .. मैं लड़कियों का कदरदान हूँ आप को यहाँ किसी किसम की दिक्कत नही होगी .. “ आप मेरे साथ आइए.. “ मैं उनके साथ चल दी ..

अंदर बहुत बड़ा हॉल कमरा था.. उसने कमरे के छोर पे सोफे पे बैठने को कहा मैं बैठ गई फिर उसने मुझे एक पेग बना के दिया.. मैने कसमसा के पीलिया. .. बड़ा आजीब सा स्वाद था… फिर वो मेरे सामने मुझसे आजीब आजीब सी बातें करते हुए पीता रहा फिर उसने मुझे कमरे मे चलने को कहा मैं उसके साथ साथ चल दी..

मैं उस दिन ब्लॅक ड्रेस पहेने हुए थी .. ब्लॅक जम्पर और सलवार .. उसने मुझे अपनी बीवी का कबाड़ दिखाया और बोला .. इसमे से कुच्छ पहेन लो.. ये सब टाइट फिट है .. मैने वैसे ही किया उसका दिया हुआ ड्रेस मैने पहेन लिया क्यो कि सेक्सी ड्रेस मेरे पास तो थे ही नही सो ..

उसे मैं अच्छी नही लग रही हूँगी जो उसने ड्रेस दिए उसने मेरे शरीर का एक एक भाग देखाई पड़ने लगा..वो ऑफ वाइट ड्रेस थी .. मेरी चुचियाँ उसने खूब उभर के आई थी.. और मेरे चूतड़ कस गये थे ये एक मिडी विथ ऊपर थी .. .. उसके नीचे स्लॅक्स पहेना जाता होगा..

मगर उसने मुझे स्लॅक्स नही दिया था.. मेरी गोरी गोरी टाँगे .. नीचे नज़र आने लगी थी .. मिडी .. मेरी घुटनो के उपर ही ख़तम हो गया था… और मेरी नरम नरम टाँगे दिखने लगी थी.. तभी .. वो मेरी चुचियों को देख के बोला.. .. “ आरे नरगिस तुम्हारी संतरे तो बहुत रसीले है .. मुझे चूसने दोगि .. “

मैं ऐसी बातें करने की आदि नही थी मुझे शरम आ रही थी .. लेकिन मैं उसे सेक्स भी करना चाह रही थी .. मैने मुस्कुरा के उसको देखा वो मुस्कुराता हुआ ..मेरे करीब आया और मेरी दाईं चुचि को पकड़ के ऊपर से ही दबाने लगा.. मेरा सारा शरीर मचलने लगा.. मैं तड़प सी गई थी क्यो कि आज मेरी चुचियों को किसी मर्द का पहेली बार हाथ लगा था..

मेरा दिल ज़ोरों से धड़कने लगा था.. तभी उसने मेरी कमर मे हाथ डालके मुझे अपनी ओर खींच लिया.. मैं उसे चिपक गई.. मेरा मेरा चेहरा उसके चेहरे के पास आ गया था.. उसकी गरम सांसो को मैं अपने चेहरे पे महसूस कर सकती थी.. तभी उसने अपने एक हाथ को मेरे चुतड़ों पे ले जा के मेरे एक तरफ के चूतड़ को दबाने लगा.. और मिडी उठा के मेरी पैंटी मे अपना हाथ पीछे से डाल दिया.

मैं उसे चिपक गई .. वो मेरी बाप की उमर का ज़रूर था मगर उसका शरीर खूब गाथा हुआ था.. मैं उसे किस करने लगी मैं मचल रही थी .. वो मुझे अपनी आगोश मे लिए चूम रहा था.. मैं भी उसका पूरा साथ दे रही थी.. लेकिन तभी मुझे दर्द महसूस हुआ .. उसने अपनी एक उंगली मारी गान्ड मे घुसेड दी थी.. ईईईईईईई आआआआआः

ये क्या कर रहे हू.. मैं उसे चिल्ला के बोली.. “ अरे रानी ..ये तुम्हारी गांद तो बड़ी मस्त नज़र आ रही है.. मैने उसे कहा .. ये मुझे अच्छा नही लग रहा है.. मैं ये सब तो पहले ही पॉर्न मूवी मे देख चुकी थी.. मगर मुझे उसको ये दिखाना था. कि मैं एक कुवारि शर्मीली लड़की हूँ उसने मेरे साथ सेक्स करने के मेरी अम्मी को 100000रुपये दिए थे और मुझे उसके साथ अब पूरे 3दिन गुज़ारने थे ..

यानी सारी रातें और सारे दिन मुझे सिर्फ़ उसके साथ चुद्ना था.. और कुच्छ नही .. अब वो मेरी ऊपर बढ़ा और मेरी ड्रेस को खोलने लगा.. मैने बिना .. विरोध के अपने कपड़े उतार लेने दिए.. और मैं अब बिल्कुल नंगी हो गई थी .. नंगी होने की कला मुझे रोज़ी ने खूब सिखा दी थी.. .

मैं नंगी होने के बाद उसके कपड़े खोलने लगी और थोड़ी देर मे ही मैने उसको भी नंगा कर दिया.. और हम दोनो.. अब मज़े से एक दूसरे के जिस्मो से खेलने लगे .. उसके सीने पे लगभग सारे बाल सफेद हो गये थे .. मगर .. उसका सीना बहुत चौड़ा था.. मैं उसके सीने पे हाथ फेर के उसे किस करने लगी उसने मुझे रोका और मेरी चुचियों को अपने हाथो मे ले के दबाने लगा..

क्रमशः……………………..
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Hindi Sex Stories By raj sharma - by sexstories - 02-24-2019, 01:16 PM
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma - by Pinku099 - 03-07-2019, 10:48 PM
RE: Hindi Sex Stories By raj sharma - by sexstories - 02-26-2019, 09:34 PM

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