RE: Porn Story चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी
मैंनेप्रीति की ब्रा और पैँटी को लेकर हर तरफ़ से छुआ, सूंघा, चाटा और पता नहीं क्या क्या किया। मैंने उन कपड़ों को अपने लंड पर मला, ब्रा को अपने छाती पर रखा। मैं अपने खड़े लंड के ऊपर दीदीप्रीति की पैंटी को पहना और वो लंड के ऊपर तना हुआ था। फिर बाद में मैंप्रीति की नाइटगाऊन को बाथरूम के दीवार के पास एक हैंगर पर टांग दिया। फिर कपड़े टांगने वाला पिन लेकर ब्रा को नाइटगाऊन के ऊपरी भाग में फँसा दिया और पैँटी को नाइटगाऊन के कमर के पास फँसा दिया।
अब ऐसा लग रहा था की प्रीति बाथरूम में दीवार के सहारे ख़ड़ी हैं और मुझे अपनी ब्रा और पैँटी दिखा रही हैं। मैं झट जाकर प्रीति के नाइटगाऊन से चिपक गया और उनकी ब्रा को चूसने लगा और मन ही मन सोचने लगा कि मैं प्रीति की चुची चूस रहा हूँ। मैं अपना लंड को प्रीति की पैँटी पर रगड़ने लगा और सोचने लगा कि मैं प्रीति को चोद रहा हूँ।
मैं इतना गरम हो गया था कि मेरा लंड फूल कर पूरा का पूरा टनटना गया था और थोड़ी देर के बाद मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मैं झड़ गया। मेरे लंड ने अपना पानी छोड़ा था और मेरे पानी से प्रीति की पैंटी और नाइटगाऊन भीग गया था। मुझे पता नहीं कि मेरे लंड ने कितना वीरज़ निकाला था लेकिन जो कुछ निकला था वो मेरे प्रीति के नाम पर निकला था।
मेरा पहले पहले बार झड़ना इतना तेज़ था कि मेरे पैर जवाब दे गए, मैं पैरों पर ख़ड़ा नहीं हो पा रहा था और मैं चुपचाप बाथरूम के फ़र्श पर बैठ गया। थोड़ी देर के बाद मुझे होश आया तो मैं उठ कर नहाने लगा। शोवर के नीचे नहा कर मुझे कुछ ताज़गी महसूस हुई और मैं फ़्रेश हो गया। नहाने बाद मैं दीवार से प्रीति की नाइटगाऊन, ब्रा और पैंटी उतारा और उसमें से अपना वीरज़ धोकर साफ़ किया और नीचे रख दिया।
उस दिन के बाद से मेरा यह मुठ मारने का तरीक़ा मेरा सबसे फ़ेवरेट हो गया। हाँ, मुझे इस तरह से मैं मारने का मौक़ा सिर्फ़ इतवार को ही मिलता था क्योंकि इतवार के दिन ही मैंप्रीति के नहाने के बाद नहाता था। इतवार के दिन चुपचाप अपने बिस्तर पर पड़ा देखा करता था कि कब प्रीति बाथरूम में घुसे और प्रीति के बाथरूम में घुसते ही मैं उठ जाया करता था और जब प्रीति बाथरूम से निकलती तो मैं बाथरूम में घुस जाया करता था।
इतवार को छोड़ कर मैं जब भी मुठ मारता तो तब यही सोचता कि मैं अपना लंड प्रीति की रस भरी चूत में पेल रहा हूँ। शुरू शुरू में मैं यह सोचता था किप्रीति जब नंगी होंगी तो कैसा दिखेंगी? फिर मैं यह सोचने लगा कि प्रीति की चूत चोदने में कैसा लगेगा।
मैं कभी कभी सपने ने प्रीति को नंगी करके चोदता था और जब मेरी आँख खुलती तो मेरा शॉर्ट भीगा हुआ होता था।
मैंने कभी भी अपना सोच और अपना सपने के बारे में किसी को भी नहीं बताया था और न ही प्रीति को भी इसके बारे में जानने दिया.
मैं बार बार यह कोशिश करता था मेरा दिमाग़ प्रीति पर से हट जाए, लेकिन मेरा दिमाग़ घूम फिर कर प्रीति पर ही आ जाता। मैं हमेशा 24 घंटेप्रीति के बारे में और उसको चोदने के बारे में ही सोचता रहता।
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