RE: Porn Story चुदासी चूत की रंगीन मिजाजी
लेकिन ऐसा कुछ नही हुआ बल्कि पापा तो और गन्दी भाषा में बात करने लगे, " साली शादी शुदा हो कर भी लोंडिया के जेसे जींस पहनती हे ....चुतड मटका के चलती हे ...। गांड के छेद में ये खूंटा गाड कर गांड का होद बना दूंगा मादरचोद के ....साली लंड की चट्टी....
हलक तक अन्दर ले इसे पूरा झड तक मुह में जाना चाहिए ..वर्ना रंडी तेरा मुह फाड़ दूंगा, और मॉम ने शायद उनका लंड अपने मुह में ले इसलिए केवल उनकी गु गु की आवाज आ रही थी। ....साली उनकी बड़ी बड़ी कठोर चुचियों को नोचते हुएपापा बोल रहे थे :-"ये तो रंडीयों वाली चूचियां हे साली .....कितने हरामियों को दूध पिलाई हे ...अपने इन थनों से .....कुतिया ....?"
"चट्ट ...."
उनके कठोर हाथों ने मॉम की चूचियां मसलना नोचना शुरू किया।
मुझे मॉम की कोई ज्यादा आवाज नही आ रही थी क्यू की पापा तो तेज स्वरों में बोल रहे थे तो में उनकी आवाज सुन पा रहा था।
लेकिन तब ही मुझे मॉम की आवाज भी सुनाई दी, " ऐसा मत कीजिये .....आआइ ...में मर जाउंगी .....मम्मी ......अरे दर्द हो रहा हे .....उखड जायेंगे .....भगवान ...कहाँ हो ..।ऊऊऊऊऊ ....प्लीज धीरे दबाइए ...सीssss ..।छोड़ दीजिये !"
मुझे लगा की मुझे दरवाजा जोर से खट खटाना चाहिए और मॉम को पापा से बचाना चाहिए। तब ही पापा ने मॉम को कहा, " ऐसे केसे छोड़ दू .....शेर पंजा मरने के बाद मांस को भंभोड़ता हे ...छोड़ता नहीं हे .....चल ...पलंग पर लेट साली ...हिरोइन की तरह सज के आई थी ना ....मूत्र से नहला कर तुझे .....रंडी...।बना दूंगा .....
रांड की माँ की भोसड़ी .....मादरचोद तू किसी रंडी माँ की ओलाद हे .....और तेरे बेटी भी महा रंडी बनेगी ....! और फिर मॉम को पलंग पर धक्का देकर सूं .....सर्रर्रर्र sssssssss,
मॉम की कंचन सी चमकती काया को अपने मूत्र से तर करने लगे।
मुझे लगा अब तो हद्द ही हो गयी हे, लेकिन कुछ और सोच पाता मुझे मॉम की आवाज सुनाई दी, आआआ
।ह्ह्ह्ह्ह .....अरे ...दर्द हो रहा हे ....धीरे .....उह्ह्ह्ह्ह मम्मी .......अरे ......आज मर जाउंगी ..। ...मत करो ...मुझे जाने दो ....अब बस ....ई sssssss " मॉम की चीख निकल गई जब उनकी इस बकवास पर पापा ने गुस्से से उसके झांघ पर चिकोटी काट ली ! दर्द से बिलबिला कर मॉम ने दोनों टांगों को दूर दूर कर लिया !
असल में अब मॉम और पापा बेड़ पर थे तो मुझे उनके उप्पर, नीचे होने पर ही उनके शरीर का कोई कोई हिस्सा दिख पाता था लेकिन में अभी में अभी तक न मम्मी की चूत देख पाया था और नाही पापा का लंड।
अब पापा ने मॉम की गदराई हुई टांगों को चीर कर पूरी तरह से अलग कर उनके बीच कुकरासन की मुद्रा में आ बैठे और धक्के लगाना शुरू कर दिए, अब मुझे केवल हिलते हुए पापा के चूतड़ दिख रहे थे।
और फिर मॉम की आवाज, "उईईईई ....मेरी चूची .आ आ आह हह हह मेरे राजा, बहुत मजा आ रहा है।चूसो, खूब जोर से चूसो ओ ऊ ओ ओऊ ओऊ ओह हह उ ऊह....मम्मी मर गई में ...सी sssssssss "आ आ आह ह हह ओ ओ ऊ ह हह हहा आ आ।हाय बहुत अच्छे।पेलो मेरी चूत को, जोर से पेलो।फाड़ दो मेरी चूत को, आज कई दिनों बाद बाद इतनी हसींन चुदाई हो रही है इस छिनाल चूत रानी की आई मम्मी .....मेरे निकल रहा हे री .....अरे में झड जाउंगी ......आआआअ ....ह्ह्ह्ह्ह ....में झड गई ...सी sssssss बस .....अब मत करो .....जलन हो रही हे ...."
थोड़ी देर में रूम में शांति हो गयी और पापा उठकर टॉयलेट चले गए और में भाग कर अपने रूम में आ गया।
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