Nangi Sex Kahani एक अनोखा बंधन
02-20-2019, 06:07 PM,
#46
RE: Nangi Sex Kahani एक अनोखा बंधन
41

अब आगे...

भौजी: तो वो सब आप दिखाव कर रहे थे.... हाय राम! आपने तो मेरी जान ही निकाल दी थी| अब बड़े वो हैं!
(ये कहते हुए भौजी ने मेरी छाती पे धीरे से मुक्का मारा)

मैं: आह! हा..हा...हा...हा...

भौजी: अच्छा ये तो बताओ की ये अचानक फिल्म का प्लान कैसे बनाया आपने?

मैं: उस दिन आपने कहा था ना की आपने आखरी बार पिक्चर दिम्मी में हमारे घर पे देखि थी| तो मैंने सोचा की क्यों ना आपको एक पिक्चर तो दिखा ही दूँ| आखिर आपका पति हूँ! और इसी बहाने मैं आपकी फीस भी चूका दूँगा!!!

भौजी: अच्छा जी!!! मतलब आगे से आप से कुछ भी कहूँ तो मुझे सोच-समझ के कहना होगा वरना आप मेरी अनजाने में कही हर बात पूरी कर दोगे| और रही बात फीस की तो वो अब भी अधूरी है!!!

मैं: चिंता ना करो आज के दिन मैं आपकी फीस तो अवश्य दे दूँगा!

भौजी: अच्छा ये तो बताओ की पिक्चर कौन सी है?

मैं: तारा रम पम पम....

भौजी ने मेरा हाथ थाम लिया जैसे कोई नव विवाहित जोड़ा एक दूसरे का हाथ पकड़ चलता है! भौजी बहुत खुश थीं... हम इसी तरह बातें करते-करते मुख रास्ते पे पहुंचे और बाजार के लिए जीप में बैठ गए| मैं भौजी के साथ एक दम चिपक के बैठा था और मेरा हाथ उनके कंधे पे था| भौजी ने घूँघट कर रखा था और वो कसमसा कर मेरी छाती से चिपकी हुई थीं और नेहा मेरी गोद में बैठी थी|

हम थिएटर पहुंचे और थिएटर की हालत देख के मैंने अपना सर पीट लिया| थर्ड क्लास थिएटर... बेंत की कुर्सियां, आराम से बैठना तो भूल ही जाओ| ना कोई AC न कुछ .... बस छत पे और बगल में लगे पंखे जो इतने बूढ़े थे की चलते समय कांपते थे और इतनी आवाज़ करते थे की बिचारा हीरो अपना डायलाग भूल जाये| पॉपकॉर्न की तो बात ही मत पूछो! खाने के लिए वहाँ कुछ नहीं था! वहाँ आने वाले ज्यादातर लौंडे थे जो अपनी-अपनी आइटम ले के आते थे| शायद ही ये थिएटर कभी हाउस फुल रहा हो| न फर्श पे कालीन न दीवारों पे पैंट... अंग्रेजी में कहें तो SHIT HOLE !!! अगर मैं B GRADE मूवी दिखाने वाले थिएटर से तुलना करूँ तो वो थिएटर इस पुराने थिएटर के सामने शीश महल लगेंगे| शुक्र है मैंने अपने मित्रों को कभी इस बारे में नहीं बताया वरना वो बहुत मजाक उड़ाते! खेर अब पिक्चर दिखाने लाया था तो पिक्चर तो दिखानी पड़ी! मैंने काउंटर से टिकट खरीदी और अंदर हॉल में घुसा| किस्मत से हॉल में ज्यादा लोग नहीं थे| कुल मिला कर मुझे वहाँ पंद्रह-बीस लोग दिखे| हमारी सीट ऊपर से चौथी लाइन में कोने की थीं| परन्तु हॉल पूरा खाली था तो मैंने बीच की सीट में ही बैठने का फैसला किया| पर भौजी ने मना कर दिया| मैंने नेहा को गोद में ले रखा था इसलिए सबसे पहले उसे बिठाया और फिर उसकी बगल में मैं बैठ गया और भौजी को नेहा की दूसरी बगल बैठने को कहा| इसपर भौजी ने नेहा को गोद में उठाया और मेरी बगल में बैठ गयीं और नेहा को अपनी बगल में बिठाया| मैंने भौजी से बस इतना ही कहा; "ध्यान रखना उसका कहीं उठ के भाग ना जाए!" भौजी ने गर्दन हिला के अपनी सहमति दी| उसके बाद भौजी मेरा हाथ अपने हाथ से लॉक करके बैठ गईं| उनकी गर्दन मेरे कंधे पे टिकी थी|

पिक्चर शुरू होने से पहले जो Advertisemnts होते हैं वो दिखाए जा रहे थे| पर भौजी तो जैसे मुझसे लिपटी हुई थीं...

मैं: आप बड़े रोमांटिक हो रहे हो!

भौजी: तो?

मैंने पीछे मुड़ के देखा की कोई हमारे पीछे तो नहीं बैठा, तो देख के हैरान हुआ की हॉल का एक कर्मचारी जो सब को सीटें बता रहा था वो हमें ही देख रहा था| चूँकि अभी तक लाइट्स बंद नहीं हुई थी और हलकी सी रौशनी में वो हमें साफ़ देख रहा था और मुस्कुरा रहा था| शायद वो सोच रहा होगा की हम पति-पत्नी हैं!

मैं: यार .... पीछे वो आदमी हमें ही देख रहा है और मुस्कुरा रहा है|

भौजी: तो मुस्कुराने दो! छोडो उसे ... तो मेरी फीस कब पूरी करोगे?

मैं: यहाँ नहीं, ये सार्वजानिक जगह है|

भौजी: ना मैं कुछ नहीं जानती... मुझे एक KISS अभी चाहिए|

मैं: अभी? नेहा ना देख ले... अच्छा कम से कम लाइट्स तो बंद होने दो|

भौजी कहाँ मानने वालीं थी और उन्होंने मेरे गाल पे अपने होंठ रख दिए| मैंने अपनी गर्दन अलग की और उनकी तरफ देखने लगा| उनकी आँखों में मुझे वो तड़प साफ़ नज़र आ रही थी.... वो कशिश जिसने मुझे पागल बना रखा था| मैंने अपना हाथ उनके कंधे पे रखा और उनके माथे को चूम लिया| वो आदमीं वहाँ से हमें ये सब करते हुए साफ़ देख सकता था|
मैं: अब तो खुश?

भौजी: ना ... ये तो ब्याज था असल तो अभी बाकी है|

मैं: पहले लाइट बंद होने दो फिर असल भी दे दूँगा|

इतने में नेहा बेचारी अकेला महसूस करने लगी और छटपटाने लगी| भौजी उसे प्यार से समझने लगी पर वो नहीं मानी| मैंने नेहा को अपनी गोद में ले लिया और उसे अपनी गोद में बिठा के पिक्चर देखने को कहा| भौजी एक पल के लिए थोड़ा नाराज हुई;

भौजी: इसी के साथ देख लो आप पिक्चर, मैं चली|
(मैंने उनका हाथ पकड़ के उन्हें वापस अपनी तरफ खींच लिया|)

मैं: यार आप ही बताओ इस बेचारी को अकेलापन नहीं लगेगा? नेहा बेटा आपको अकेलापन लग रहा था ना?

नेहा: हाँ चाचू ... मैं यहीं बैठ के पिक्चर देखूंगी|

भौजी: शैतान ... पापा की टांगें दुखेंगी|

मैंने भौजी की तरफ देखा और उन्हें आँखों से इशारा किया की ये आप क्या कह रहे हो? पर भौजी बाज़ नहीं आईं, आजतो जैसे उन्होंने सोच लिया था की आज वो मेरी खाट कड़ी कर के रहेंगी|

भौजी: बेटा पिक्चर ढाई घंटे की है... तबतक तू गोद में बैठेगी तो चाचा के पाँव में खून रूक जायेगा| फिर उन्हें चलने में दिक्कत होगी| चल उतर नीचे शैतान और अपनी कुर्सी पे बैठ|

नेहा: भी अब होशियार हो गई थी उसने भौजी से ऐसा सवाल पूछ ही लिया की भौजी एक पल के लिए स्तब्ध रह गईं;

नेहा: मम्मी ... ये तो चाचू हैं| पापा तो घर पर हैं!

भौजी का मुँह बन गया पर वो जानती थीं की अगर उन्होंने नेहा से कुछ कहा तो मैं बिगड़ जाऊँगा| इसलिए मैंने बात बनाते हुए कहा;

मैं: बेटा आपकी मम्मी का मतलब था चाचू की गोद से उतरो| आप हमेशा अपने पापा के साथ ही घूमने जाते हो ना तो इसलिए उन्हें एक पल के लिए लगा होगा की मेरी जगह आपके पापा ही बैठे हैं|

नेहा: पर पापा तो हमें कहीं ले जाते ही नहीं|

भौजी: (बीच में बोल पड़ीं) बेटा देखो आपके चाचू हमारा कितना ख्याल रखते हैं इसलिए मैंने कहा की ये आपके पापा की तरह ही हैं| अब चलो एक बार "पापा" कहो?

मैं फिर से भौजी को घूर के देखने लगा और उनसे शिकायत करने लगा की ये आप क्या कह रहे हो| इतने में नेहा बोल पड़ी; "पापा"

उसके मुँह से "पापा" सुन के अनायास ही मेरे मुख से निकला; " Awwww मेरा बच्चा !!!" और मैं एक दम से भावुक हो गया और नेहा को अपनी छाती से कस के लगा लिया| सच में उस दिन मुझे पता चला की किसी बच्चे के मुख से "पापा" सुन के कितनी ख़ुशी मिलती है| नेहा के छोटे-छोटे हाथों ने भी मेरी पीठ के इर्द-गिर्द पकड़ बन ली, और जैसे उसने सच में मुझे अपना "पापा" मान लिया हो| भौजी की आँखों से भी आँसूं की बूंदें छलक आईं थी| तभी लाइट्स ऑफ हुईं और मैंने नेहा को अपनी छाती से अलग किया और उससे बड़े प्यार से कहा; "बेटा कभी भी भूल से सब के सामने मुझे पापा मत कहना, ठीक है? जब हम अकेले में हों तब ही पापा कहना|" नेहा ने हाँ में सर हिलाया और मैंने उसे गोद में ठीक से बिठाया जिससे नेहा का मुँह परदे (स्क्रीन) की ओर था| पिक्चर शुरू हो चुकी थी परन्तु भौजी का ध्यान अब भी नेहा के "पापा" कहने पे लगा हुआ था| मैंने भौजी की ठुड्डी को पकड़ा ओर उन्हें उनके ख्यालों से बाहर निकाला| 

मैंने खुसफुसाते हुए उनसे कहा;

मैं: थैंक यू!!!

भौजी: किस लिए?

मैं: आज आपने मुझे एक अनमोल सुख दिया| नेहा के मुँह से "पापा" सुनके देखो मेरे रोंगटे खड़े हो गए|

भौजी: मैं भी ... आज मानो मेरी एक हसरत मेरी प्यारी बेटी ने पूरी कर दी|

मैं: हमारी बेटी!!! चलो अब पिक्चर देखो|

भौजी: नहीं पहले मेरी फीस ....

मैं: अच्छा बाबा ये लो....

इतना कह के मैं भौजी की ओर मुड़ा और उनके होंठों पे Kiss किया| मुझे लगा था की ये बस छोटा सा Kiss होगा परन्तु भौजी बेकाबू होने लगीं और मेरे निचले होंठ को अपने होठों में दबा लिया और चूसने लगीं| अब मुझे थोड़ी जिझक हो रही थी क्योंकि नेहा मेरी गोद में बैठी थी परन्तु उसका ध्यान फिल्म पर था| मैंने कनखी आँखों से उसे देखा, जब मुझे लगा की उसका ध्यान आगे की ओर है तब मैंने अपना डायन हाथ भौजी के दायें गाल पे रखा ओर उन्हें पूरी भावना से (Passionately) Kiss करने लगा| कभी मैं उनके होंठ चूसता तो कभी वो मेरे होंठ चूसती| उनके मुख से मुझे मीठी सी सुगंध आ रही थी जिससे मैं बेकाबू होने लगा था| मैंने एक बार फिर से नेहा की ओर कनखी नजरों से देखा तो ऐसा लगा जैसे वो कुछ कहने वाली है, मैं तुरंत भौजी से अलग हो गया| और एक पल के लिए पीछे खड़े उस कर्मचारी की ओर देखा, वो साल अब भी हमें ही देख रहा था| मैं झेंप गया ओर भौजी के कंधे पे हाथ रखते हुए उनके कान में खुसफुसाया;

मैं: वो आदमीं पीछे से हमें Kiss करते हुए देख रहा था|

भौजी: तो क्या हुआ?

मैं: कुछ नहीं ... छोडो और फिल्म देखो|

भौजी: मैं आपसे अब भी नाराज हूँ, आपने मेरी फीस ठीक से नहीं दी|

मैं: अरे बाबा, फिल्म दिखाना फीस की पहली किश्त थी| अभी दो किश्तें और बाकी हैं| और ये Kiss तो दवाइयों का खर्च समझ लो|अब चैन से फिल्म देखो|

भौजी: आपने तो मेरी उत्सुकता और भी बढ़ा दी|

बस भौजी फिर से मेरे कंधे पर सर रखके फिल्म देखने लगी| पर मेरा मन फिल्म में बिलकुल भी नहीं लग रहा था, पंखों के शोर ने और इस तंग कुर्सी ने बुरा हाल कर दिया| परफिर भी मन मार के भौजी के लिए वहीँ बैठा रहा| भौजी ने अपने दोनों हाथों से मेरे दायें हाथ को थम हुआ था और बहुत ही दिलचस्पी के साथ फिल्म देख रहीं थी| बीच-बीच में मैं उन्हिएँ फिल्म के कुछ पहलुओं के बारे में भी बता देता था और भौजी बड़े गौर से बात सुनती| इंटरवल हुआ तो नेहा फिर से मेरी ओर मुड़ी ओर मेरी छाती से चिपक गई| एक घंटे से बेंत वाली कुर्सी पे बैठे-बैठे मेरी हालत बुरी हो गई| मैं उठा और भौजी से बोला; "आप नेहा को सम्भालो मैं बाथरूम हो के आता हूँ|" जब मैं चलने लगा तो ऐसा लगा जैसे पूरे पिछवाड़े में बेंत छप गई हो! बाथरूम हो के आया और साथ में नेहा के लिए चिप्स का एक पैकेट ले आया| चिप्स देख के नेहा बहुत खुश हो गई और फिर से मेरी गोद में आने के लिए जिद्द करने लगी| भौजी उसे मन कर रही थी पर मैंने खुद ही नेहा को अपनी गोद में ले लिया और उसे चिप्स का पैकेट दे दिया| दूसरा पैकेट चिप्स का मैंने भौजी को दिया और हम बैठे चिप्स खाने लगे| कुछ ही देर में इंटरवल ख़त्म हुआ और फिल्म चालु हुई| अब भौजी समझ गईं थी की मेरा फिल्म देखने में जरा भी इंटरेस्ट नहीं है| इसलिए उन्होंने शरारत करना शुरू कर दिया| वो अपनी उँगलियों को मेरी गर्दन, कान और होठों पे घुमाने लगीं| मैंने उनकी ओर मुड़ के देखा तो उनकी आँखें परदे (स्क्रीन) पे टिकी थीं ओर वो ऐसे दिखा रहीं थी जैसे उनकी उँगलियाँ अपने आप ही मेरे साथ खेल रहीं हो| अब शरारत करने की बारी मेरी थी तो जैसे ही उन्होंने अपनी ऊँगली मेरे होठों पे फिर से फेरी मैंने गप से उनकी ऊँगली अपने मुंह में भर लीं और चूसने लगा| उनकी उँगलियों से मुझे अभी-अभी खाए चिप्स का स्वाद आ रहा था और मैं उनकी उँगलियाँ चाटने लगा और भौजी ने कोई भी प्रतिक्रिया करना बंद कर दिया| कुछ देर बाद मैंने अपना हाथ उनके कंधे से हटाया और उनका बायां हाथ जिसकी उँगलियाँ मैं चूस रहा था उसे पकड़ के हटा दिया पर भौजी की शरत खत्म नहीं हुईं और उन्होंने अपने दायें हाथ से मेरा दायाँ हाथ पकड़ा और मेरी बीच वाली ऊँगली अपने मुंह में ले के चूसने लगी|

वो मेरी ऊँगली ऐसे चूस रहीं थी जैसे उनके मुंह में मेरा लंड हो और बीच-बीच में भौजी मेरी ऊँगली को हलके से काट लेती थी| अब मैंने अपना बायें हाथ को अपने माथे पे रख लिया, क्योंकि अब मेरी हालत खराब होने लगी थी| नेहा मेरी गोद में बैठी थी और नीचे लंड पंत में तम्बू बनाने लगा था| मैंने अपनी ऊँगली छुड़ाने की कोशिश की पर उन्होंने नहीं छोड़ा और उल्टा अपने बाएं हाथ को मेरे गले पे रखा और उँगलियों को चालते हुए नीचे की ओर बढ़ने लगीं| मेरी पैंट की जीप के ऊपर पहुँच कर वो अपनी उँगलियों से मेरे लंड को पकड़ने की कोशिश करने लगीं| अब चूँकि मैंने जीन्स पहनी थी इसलिए वो लंड पकड़ नहीं पा रहीं थी| मैंने अपने बाएं हाथ से उनका हाथ हटाया और धीरे से अपनी ऊँगली उनके मुँह के गिरफ्त से छुड़ाई| भौजी मुस्कुराते हुए मुझे देखने लगी; "आप बहुत शरारती हो! मेरी हालत खराब कर दी आपने ... वो बुरी तरह से फूल चूका है| अब प्लीज चुप-चाप पिक्चर देखो| कोई शैतानी नहीं! " भौजी अपनी ऊँगली को दाँतों टेल दबाते हुए दुबारा पिक्चर देखने लगीं| मेरी आवाज सुनके नेहा भी पलट के हमें देखने लगी और मैंने बस इतना कहा; "बीटा कुछ नहीं आप पिक्चर देखो|" कुछ देर में पिक्चर खत्म हुई और हम उठ के खड़े हुए| काफी देर से नेहा मेरी ही गोद में थी तो भौजी ने उसे अपनी गोद में ले लिया| मैं आगे -आगे चल रहा था और भौजी और नेहा पीछे थे| मैंने मुड़ के देखा तो पाया भौजी नेहा को कुछ समझा रहीं थी| मैं समझ गया की माजरा क्या है, और मैंने फिर से नेहा को अपनी गोद में ले लिया और हम बाहर आ गए|
Reply


Messages In This Thread
RE: Nangi Sex Kahani एक अनोखा बंधन - by sexstories - 02-20-2019, 06:07 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,465,684 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 540,435 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,217,801 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 920,900 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,632,835 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,064,123 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,922,592 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,963,046 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,995,544 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 281,500 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)