RE: Hindi Kamuk Kahani बरसन लगी बदरिया
मुझे लगा कि ये इतने दिनों से मेरी पिक्चर अपने पास रखे थे, और मेरे दर्द के लिए ये सब कुछ करने को तैयार हैं तो ऐसे में मुझे सेल्फिश नहीं होना चाहिये। और मेरा दर्द भी कुछ कम हो गया था। मैंने उनके होंठों पर कस के किस कर लिया और उन्हें लिपटाकर जोर से अपनी ओर खींचा। वे समझ गये। फिर बहुत धीरे-धीरे प्यार करते हुए…
थोड़ी देर में दर्द भी गायब हो गया और मुझे भी मजा आने लगा। बाहर खूब जोर का पानी बरस रहा थ और अंदर हम दोनों की चुदाई… बहुत देर तक… मैं खो गयी थी, कभी वह मेरे निपल चूसते कभी मेरे क्लिट पर हाथ फेरते, कभी धीरे कभी पूरी तेजी से, सच भाभी, आप सही कह रही थीं बहुत मजा आता है। पता नहीं कित्ती देर तक तो उन्होने किया और फिर वे मेरे अंदर ही स्खलित हो गये।
“तो आया ना मजा…” मैंने उसका चुम्मा लिया।
“बहुत भाभी…” और उसने मेरे चुंबन का जवाब चुंबन से दिया।
“हाँ, तो उसके बाद तुम लोग सो गये?” मैंने पूछा।
कहाँ भाभी, इत्ते सीधे आपके भाई थोड़े ही हैं। बाहर बहुत मस्त मौसम हो रहा था। पानी अब फिर से तेज हो गया था। बिजली चली गयी थी इसलिए हमने खिड़की भी खोल रखी थी। सावन की फुहार. मेरे बदन पर पड़कर फिर आग सी लगा रही थीं। फिर वो मुझे लेकर खिड़की के पास खड़े हो गये और मुझे अपनी बाहों में लेकर चूमने लगे। तेज हवा और पानी के छींटे., हमें अंदर तक हिला रहे थे। उसने पहले मेरी आँख. किस की और फिर होंठ… उसके बाद एक बहुत सेक्सी लाइन गायी…
Your lips make the roses red,
Because to see your lips they blush for shame
From your sweet breath
Their sweet smells do proceed;
The living heat which your eye beams doth make
Warmeth the ground and quickeneth the seed.
और उनके इन शब्दों से मैं फिर पूरी तरह उत्तेजित हो गयी। वह मुझे अपनी बाहों में लेकर पलंग पर लाये और मुझे अपनी गोद में बिठाकर दोनों हाथों से मेरे मम्मे दबाने लगे।
मेरे निपल्स फिर से खड़े हो गये थे और मेरे पूरे शरीर में सिहरन सी हो रही थी। भाभी… मैं बता नहीं सकती कितना अच्छा लग रहा था। वो बड़ी बेशर्मी से मेरे जोबन को सहलाते हुए उसकी तारीफ कर रहे थे और मैं भी इत्ती बेशरम हो गयी थी कि मुझे भी सुनकर मजा आ रहा था और मैंने भी उनके एकदम सख़्त… उसको पकड़ लिया और सहलाने लगी।
मैंने फिर उसको बोला- “पकड़ने में नहीं शरमायी और नाम लेने में बन्नो को शरम आ रही है…”
“ओके भाभी, मैं उनका लंड पकड़कर सहला रही थी और उन्होने भी अपनी एक उंगली मेरी चूत में डालकर हिलाना शुरू कर दिया था। मेरी चुचियों पर जो पानी की बूंदे पड़ी थीं, वह उसे चाट-चाटकर साफ कर रहे थे।
इत्ते में अचानक लाइट आ गयी और दूधिया नाइट बल्ब जल गया। मैंने अपने को कवर करने की कोशिस की पर आपके भाई इत्ते दुष्ट हैं कि उन्होने मुझे करने नहीं दिया और कहने लगा- “मीता, अब हम लोगों को एक दूसरे से क्या छिपाना…”
|