RE: Hindi Kamuk Kahani बरसन लगी बदरिया
“एक बार उसकी कुँवारी कसी गान्ड मार लो…”
अब वह इतना कामो त्तेजित हो गया था कि मुझे पटककर मुझपर चढ़ बैठा- “ननद की गान्ड तो मैं बाद में मारूँगा पर आज भाभी की नहीं छोड़ूंगा…”
मुझे फिर कोहनियों और घुटनों पर खड़ा करके उसने पीछे से मेरी चूत में लंड डाल दिया। कुछ देर चोदने के बाद लंड बाहर खींचकर उसने मेरे चुतड़ों के बीच उतार दिया। ओह क्या दर्द हुआ? और कितना मदभरा दर्द? क्या सुख मिला? मैं पहली बार गान्ड नहीं मरा रही थी, कई बार हम ऐसा गुदा सIभोग करते थे।
पहले धक्के में लंड का छोर बस मेरी गान्ड के छल्ले को पार कर सका। पर उसने पेलना जारी रखा और धीरे- धीरे उसका सुपाड़ा पूरा मेरी गान्ड में घुस गया। अब वह रुक गया और उसकी दो उंगलियां मेरे चूत में घुसकर चूतमंथन करने लगीं। दूसरे हाथ से वह मेरा स्तनमर्दन करने लगा। इस दोहरी मीठl मार के आगे मेरा दर्द हवा हो गया और अचानक मेरी दोनों चूंचियाँ हाथों से कुचलकर उसने एक जोरदार धक्का लगाया। मेरी चीख निकलते-निकलते बची। शायद आधा लंड मेरी गान्ड में घुस गया था। अब मुझे भी मजा आने लगा था।
मेरी स्थिति देखकर कि मैं सम्भल गयी हूँ, वह अब मेरी गान्ड मारने लगा। उसकी दो उंगलियां मेरी चूत के अंदर घुसकर मेरा चरम बिंदु ढूँढ़ रही थीं और अंगूठा मेरी क्लिट पर चल रहा था। दर्द और मादक सुख का वह एक अद्भुत मिश्रण था। मैं जानती थे कि वह आज दो बार पहले ही झड़ चुका है इसलिए मेरी गान्ड की अच्छी मराई होगी। मीता के बारे में मेरे ताने सुन-सुनकर वह आपे के बाहर हो गया था और घचाघच मेरी गान्ड चोद रहा था पर मुझे बहुत आनंद आ रहा था।
मैंने अपनी गुदा सिकोड़कर उसके लंड को पकड़ा तो वह समझ गया कि अब मुझे मजा आ रहा है। उसने करीब-करीब पूरा लंड सुपाड़े तक बाहर खींचकर निकाला और फिर धीरे-धीरे अंदर धँसाने लगा। मैंने फिर छेड़ा-
“हाँ, ऐसे ही कल मेरी ननद की गान्ड मारना…”
मेरी बात सुनकर उसका लंड मेरी गान्ड में उछलने लगा और जवाब में उसने मेरे क्लिट को मसलते हुए कसकर मेरी चूची दबायी और एक शक्तिशाली धक्के में अपना लंड जड़ तक मेरी गान्ड में उतार दिया। फिर झूठा गुस्सा दिखाते हुए बोला- “उसकी तो मैं कल मारूँगा पर आज तुम अपनी गान्ड मरवा लो…”
जवाब में मैंने अपने चूतड़ पीछे धकेले और बोली - “चलो मेरे राजा मान तो गये कि कल मेरी ननद की गान्ड मारोगे…”
हम आधे घंटे तक इस गुदा सIभोग का मजा लेते रहे और फिर वह मेरी गान्ड में झड़ गया। पर तब तक उसकी उंगलियों के जादू ने मेरा भी दो बार काम तमाम कर दिया था। रात ढलने को आ गयी थी और एक दूसरे की बाहों में सिमटकर हम आखिर गहरी नींद सो गये।
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सुबह मैं जल्दी उठ गयी और नीचे आकर चाय बनाने लगी। कुछ देर में मीता भी आयी पर उसकी चाल देखकर ही मैं समझ गयी कि चिड़िया ने चारा घोंट लिया है। चाय का पानी मैंने बढ़ा दिया। उसकी चूची को उसके फ्रोक पर से ही मसलते हुए मैंने पूछा- “क्यों रानी, कैसी गुजरी रात? फट गयी कि बच गयी?”
शरमा कर मुस्कुराते हुए वह बोली - “फट गयी…”
पर मैं उसे ऐसे थोड़े छोड़ने वाली थी। उसकी छोटी -छोटी चूंचियाँ पकड़कर दबाते हुए मैमे पूछा- “वाऊ… कितनी बार?”
“तीन बार…” उसने स्वीकार किया। अब लज्जा से उसके गाल लाल हो गये थे।
मैं बोली - “चलो, हाल खुलासा बयान करो। और एकदम शुरू से, कोई चीज छुपाना नहीं…”
वह बोली - “भाभी, एकदम शुरू से?”
मैंने कहा हाँ।
मीता ने अपनी कहानी शुरू की- “भाभी, तुम्हें याद है कि जब कल रात संजय आया था तो भीगा हुआ था और फिर उसने कुरता पजामा पहन लिया था। मैंने उसे तौलिया दिया और उसकी गीली पैंट सुखाने को ले गयी। जब
उसके पाकेट में देखा तो उसका बटुआ था।
उसे छेड़ते हुए मैं बोली - “तुम्हारा बटुआ खाली कर देती हूँ, अंदर जो भी होगा वह सब मेरा…”
यह सुनकर वह पागल सा हो गया और पर्स छुड़ाने की कोशिस करने लगा। पर मैं छूट कर भाग आयी और अंदर देखा। अंदर देखा तो एक फोटो था। मैं उसे निकालने लगी तो वह अपनी बात पर अड़ गया- “देखो मीता, तुम सारे पैसे ले लो पर यह फोटो मुझे दे दो…”
“क्यों? तुम्हारी गर्लफ्रेंड है क्या? बड़ी खूबसूरत और लकी होगी जो तुम्हें काबू में कर लिया…”
वह बार-बार मुझसे याचना कर रहा था कि मैं फोटो न देखूं।
मैं भी अड़ी रही - “क्यों, ऐसी कौन सी हूर है कि मैं देख भी नहीं सकती, मैं तो ज़रूर देखूँगी, देखकर बस वापस कर दूँगी…”
वह फिर से फोटो छुड़ाने की कोशिस करने लगा पर मैंने ऐसी जगह अपना हाथ डालकर उसे छुपा लिया जहाँ कोई हाथ नहीं डालेगा, जो लड़कियों के लिए सबसे सेफ जगह है, याने मेरी ब्रा में। पर वह इतना व्याकुल था कि उसने हाथ वहां भी डाल दिया और फोटो ढूँढ़ने को इधर-उधर टटोलने लगा। उसके हाथों का मेरे स्तनों को स्पर्श होना ही था कि मेरे रोम-रोम में सिहरन सी दौड़ गयी। असल में मैंने फोटो अपने दूसरे हाथ में छुपा लिया था इसलिए चुपचाप नजर. हटाकर देख लिया कि किसका फोटो है। फोटो देखते ही मैं रोमांचित हो उठी और अपने धड़कते सीने पर हाथ रख लिया। इससे अंजाने में उसका हाथ मेरे उरोजो पर और दब सा गया।
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